हम सारे हॉल के एक कोने में आग के पास बैठे थे,सब हाथों में कंबल,तकिया या फिर खाने का पैकेट लेकर गर्मी को मेहसूस कर रहे थे,कुछ पल तक सब चुपचाप उस जलती हुई आग को देख रहे थे, शायद इसलिए कि उसकी मिलती गरमी शरीर को बेहद सुकून पहुचा रही थी। शांति, खामोशी, सुकून जैसे पलों में सामने जल रही लकड़ियाँ की आवाज़ें भी गूंजती हुई अच्छी लग रही थी तभी शांति के इस सुहाने माहोल को जेनी ने अपनी आवाज से तोड़ा,"So Guys, कैसा लगा तुम सबको मेरा यह surprise?"मिस ने एक लकड़ी उठाकर आग में डाल दी।
"Scary But really nice miss" श्रुति ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
"Really Miss. हमें नहीं पता था कि हम ऐसी कोई जगह पे आने वाले हैं, इसने मुझे सचमुच surprised कर दिया" प्राची ने आंशिका के कंधे पे अपना सर रखते हुए कहा।
"So Peace,So calm ऐसा लगता है जैसे यहां की हवा में ही एक अजीब सी शांति है ऐसा लग रहा है मानो....."
"मानो इस जगह से हम सब जुड़ चुके है।" प्रिया की बात आंशिका ने पूरी की और दोनो एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे।
"Hmm....Very nice,You Girls feel lot of things लेकिन लगता है boys को यह जगह कुछ खास पसंद नहीं आई।" मिस ने अपनी आइब्रोज़ छोटी करते हुए मिलन को देखा तो मिलन हल्का सा सकपका गया।
"नहीं.....नहीं मिस....ऐसा कुछ नहीं है।"
"तो फिर क्या बात है,Girls ने तो अपना Point of view रखा पर तुम लोग भी तो कुछ कहो कि उस जगह को पहली बार देखकर तुम्हारा क्या reaction था?"
"Name मिस" मिलन ने हल्की आवाज़ में कहा।
"Name??!" मिस ने अजीब सी नज़रों से मिलन को देखा मानो वो पूछ रही हो कि आखिर वो क्या कहना चाहता है?, यही रिएक्शन वहां बैठे कुछ लोगो के face पर भी था।
"Yesss....मिस,The name of the resort....Dark Haunted Night"
"Yeah Little Scary one, रिज़ॉर्ट के नाम में 'हॉन्टेड' it's really weird for me"ट्रिश ने मिलन की बात को बीच में कट करते हुए अपनी बात कह दी।
“yesss....मैने भी यही बात सोची थी कि कोई अपने रिज़ॉर्ट को ”हॉन्टेड" कैसे कह सकता है, ऐसा लगता है कि यहां पे सच मैं भूत या फिर आत्माएं रहती हो "अविनाश ने नाक सिकोड़ते हुए कहा।
"Not to worry bro तुझसे बड़ा भूत कौन होगा भला?"अविनाश की बात सुनकर हर्ष ने झट से अपनी बात कही जिसे सुन के सब हंसने लगें।इतना सुनकर उन दोनो ने मस्ती मैं हाथापाई शुरू कर दी।
"Okay... okay stop it,Well That's rubbish मैं इस पर विश्वास नहीं करती और रही बात रिसॉर्ट के नाम मैं 'हॉन्टेड' word का use करने की Maybe Because People Wants To Feel Something Like That जैसे तुम्हें सबको यह नाम सुनकर strange और thrill feel होता है,Thats The Marketing Technique To Attract The People "मिस ने सबको शांत करके अपनी बात कहीं और सबके चेहरे को देखने लगी,"Do You All Believe In Ghosts?" मिस का सवाल सुनते ही सब के चेहरे का reaction बदलने लगा,अब थोड़ी देर पहले जहां हसने की आवाज़ें आ रही थी अब उसकी जगह शांति ने ले ली।
"I believe..."तभी अविनाश ने वहां की शांति को तोड़ा और सब उसे देखने लगें।
"हां तेरा तो पक्का है कि तू इन सब मैं believe करता होगा क्योंकि यह तो तेरी शकल पर ही दिख रहा है।"अभिनव ने कहा तो उसके साथ - साथ अनमोल भी हसने लगा और बाकी सब उन दोनों को गुस्से भरी निगाहों से देखने लगें फिर भी उन्होंने हंसना बंद नहीं किया,"Abhi stop it"मिस के हल्के गुस्से भरे लफ्ज़ को सुनकर दोनो शांत हुए।
“सॉरी मिस.. पर ये अविनाश बात ही ऐसी कर रहा है तो क्या करता, ये तो ऐसा कह रहा है जैसे इसने भूतों को देखा हो।'' अभिनव अभी भी हल्का सा हंस रहा था।
"हां देखा है" इस बार यह आवाज सुनकर अभिनव की हंसी रुक गई और वो हर्ष को घूरने लगा।
"अच्छा कहाँ?" दांत पिस्ते हुए अभिनव ने कहा।
"वो देख तेरे पीछे" हर्ष हड़बड़ाता हुआ उठा और सामने की तरफ point out करने लगा, उसे ऐसा अचानक से उठता देख अभिनव घबरा गया और वो भी फौरन खड़ा होकर पीछे मुड़ गया तभी अभिनव के कानो में ज़ोर-ज़ोर से हँसने की आवाज़ आई और इस हंसी की आवाज को सुनते ही वो समझ गया कि उसका मजाक बन चुका है क्योंकि उसके पीछे दीवार के अलावा कुछ नही था,अभिनव वापस घुमा तो सब उसकी ओर देखकर जोर-जोर से हंस रहे थे, हर्ष और अविनाश एक दूसरे को ताली दे रहे थे,जिसे देख अभिनव को बहुत गुस्सा आया लेकिन वो दांत पीसते हुए वही बैठ गया।
"Stop it Guys...बंद करो ये एक दूसरे का मज़ाक बनाना This Topic Is Closed Now , Ghosts Are Not Exists और हॉन्टेड Name के पीछे भी कोई वजह नहीं है।"
"वजह है मिस.... वजह है" मिस की बात ख़तम होने से पहले ही मिलन ने उसे अपनी बात से उन्हे रोक दिया और इस बार कोई कुछ बोलता उसे पहले ही उसने आगे कहा, "वजह सिर्फ यही है कि ये जगह सच में हॉन्टेड है।"
"क्या??" मिस के साथ सब लोग shocked होकर मिलन को देख रहे थे।
"हा it's real....मेने जब रिजॉर्ट का नाम पढ़ा तभी मुझे पता चल गया कि मैंने इस रिज़ॉर्ट के बारे में कही पढ़ा है और जब मैंने दिमाग पे थोड़ा ज़ोर डाला तो सब कुछ याद आ गया।"
"क्या पढ़ा था?" आंशिका ने बेहद धीमी आवाज में पूछा,"यहीं की इस रिजॉर्ट का नाम हॉन्टेड पड़ा क्योंकी यह रिसॉर्ट बनने से पहले यहां कुछ बेहद अजीब हादसे हुए थे।"
"कैसे हादसे?" विवेक ने Excitement दिखाते हुए पूछा।
"जब यहां काम चल रहा था तो यहां काम कर रहे workers की रहस्यमई तरीके से मौतें होने लगी,लोग अपने आप से बातें करने लगे और कई लोग काम करते हुए गायब हो गए जिनके बारे मैं आज तक कुछ नहीं पता चला और जो लोग काम छोड़कर गए वो Mentally Unstable हो गए।"
"Are you sure मिलन?"
"मिस. मेने जो नेट पे थोड़ा बहुत पड़ा वो यहीं है, बाकी सच्चाई के बारे मैं कोई नहीं जानता।"
"तो क्या यहीं वजह है कि यह रिज़ॉर्ट इतने सालो से बंध पड़ा है?" श्रुति ने अपनी नजर चारो तरफ घुमाई।
"पता नहीं लेकिन इस रिजॉर्ट के start होने के बाद इसके सभी Owners की 1 साल मैं एक के बाद एक मौत हो गई।"मिलन ने तुरंत श्रुति को जवाब दिया।
"एक मिनट, मिलन कहीं तुम मजाक तो नहीं कर रहे?" मिस ने ऐसे पूछ रही थी मानो उन्हे अभी भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा हो।
"No मिस...God Promise, I'm Not Lying, मेने जो पढ़ा है मैं आप सबको वही बता रहा हूं, पर एक और बात है....."
"कोई इस रिजॉर्ट के बारे मैं इससे ज्यादा जान ही नहीं पाया क्योंकि आज तक कोई जिंदा बचा ही नहीं को इस रिजॉर्ट के बारे मैं बता सके।"इस बार मिलन की बात को सुनकर सबकी सांसें अटकनी शुरू हो गई, सब के गले सुखने लगे और लड़कियाँ डरी हुई अपनी आंखे बंध करके बैठ गई, सभी की हालत बहुत अजीब हो गई थी,सबके तेज़ सांसों की आवाज सभी के कानों में गूंज रही थी,वही मिस का चेहरा भी खौफ मैं डूबा हुआ था,जहां सभी के चेहरों का रंग उड़ चूका था वहीं हर्ष बिल्कुल नॉर्मल बैठा सभी को देख रहा था और सबको ऐसे देखकर उसे हल्का गुस्सा आने लगा और वो समझ गया कि अगर ये बात सब के दिमाग में बैठ गई कि यहां पे कोई भूत है तो सब लोग इस मस्ती भरे प्लान का कबाड़ा कर देंगे।
"Hey Guys, आप सब तो ऐसे डर हुआ है जैसे भूतो न आप सब को घेर लिया हो।"हंसते हुए हर्ष ने मजाक मैं कहा तो आंशिका ने थोड़ी रोंदी सी शकल बनते हुए उसे चुप रहने के लिए कहा क्योंकि वो भी सभी की तरह मिलन की बात सुनकर डर चुकी थी।
"Oho...My Sweetheart"आंशिका के गले पर उसने हाथ रखकर कहा,"मेरी तो ये समझ नहीं आता की सब लोग भूतो की बात सुन के इतना डर क्यों जाते हैं जो आगे कुछ समझ ही नहीं पाते,हम सब 21st Century में जी रहे है और आप सब अभी भी इस बकवास बातों पर विश्वास करते हो।"
"यह बकवास नहीं शायद एक सच है।" विवेक ने गुस्से के साथ कहा।
"Is It?You All Think That This Damn Hot Crazy Place Is Haunted , Ok , Give Me 2 Minutes And I'll Prove This कि ये जगह बिल्कुल Normal है।"हर्ष ने confidence के साथ कहा।
"तो फिर अगर आपको कोई तकलीफ ना तो आप मुझे यह बताएंगे मिलन सर कि आपने ये सब इंटरनेट पर कहाँ पड़ा?"
"एक Blog पे"मिलन ने सिंपल लहज़े में कहा।
"As Expected....गुड, Blog फॉलो करना अच्छी बात है पर क्या आप तुम यह बता सकते हो कि उस Blog का writer कौन हैं?जरूर इतनी बड़ी बात लिखनेवाला वाला कोई मशहूर Writer ही होगा।" हर्ष के कहते ही उसकी आंखें छोटी हो गईं क्योंकि वो ये सोचने लगेगा कि अगर वो इस जगह गलत हुआ तो सब को मनाना नामुमकिन हो जाएगा लेकिन अगले ही पल मिलन के जवाब से उसका चेहरा हल्का खिल उठा।
"हम्म नही, Anonymous था।"
"Anonymous मतलब कोई नाम नहीं, यानी की हमे उस author के बारे मैं कुछ नहीं पता, वो कोई एक बेहद सिंपल आदमी हो सकता है आपकी और मेरी तरह, एक आम young generation का student"हर्ष ने फिर से confidence के साथ कहा।
"So, What's the point?"अभिनव ने हर्ष से पुछा।
"So The point is कि हमारे मिलन सर का blog ऐसे ही कोई ghost story lover ने मज़े में बना दिया है,अक्सर इंटरनेट पर दी गई हर चीज़ Confidential नहीं होती यह हम सब जानते हैं, तो फिर हम एक Anonymous Author के Blog पर कैसे यकीन कर सकते हैं? यह Blog सिर्फ entertainment के लिए था और मैं ये surely कह सकता हूँ कि उस ब्लॉग पर कोई comment नहीं होगा....Am I right?"
हर्ष के कहते ही मिलन ने हां में गर्दन हिला दी, जिसे देख सभी लोग शांत हो गए और धीरे-धीरे माथे की शिकन गायब होने लगी,ये देख हर्ष अंदर ही अंदर खुश होने लगा और फिर उसने अपना आखिरी पत्ता खोला।
"और जरा खुद सोचो अगर ये जगह हॉन्टेड होती तो यहां Government का बड़ा सा बोर्ड लगा होता जो की भी नहीं है इसलिए यह साबित हो गया कि यह जगह नॉर्मल है। हर्ष की बात सबको ठीक लगी इसलिए सबने उसकी बात मैं सहमति जताई।
"मुझे लगता है कि हर्ष बिल्कुल सही कह रहा है, अक्सर भूत-प्रेत की बातों में हम इंसान बहुत जल्दी interest ले लेते हैं इसलिए उनकी बताई गई हर चीज़ को सच मान लेते हैं,I must say कि मिलन की बात को सुनकर मैने भी कुछ मिनट पहले यह से वापस जाने का प्लान बना लिया था पर हर्ष की बातो ने मुझे यह एहसास दिलाया की जो दिखता है वो सच नहीं होता।'' मिस ने थोड़े relaxed टोन में कहा, जिसे सुनकर बाकी सबके चेहरों पर भी स्माइल आ गई।
"बिल्कुल मिस, जो दिख रहा है उसे कोई पहचान नहीं रहा है या फिर वो चीज हमारे सामने होने के बावजूद हम उसे नजरअंदाज कर रहे है।"इतनी देर से खामोश बैठा में आखिरकार बोल पड़ा,सब लोग मेरी ओर घूर रहे थे,वहीं जब मेरी नजर भाई से टकराई तो उसकी आँखों में मुझे गुस्सा नज़र आया, मेने सबसे नज़र हटाई और नीचे फर्श पर देखने लगा जहां जलती आग की परछाई पढ़ रही थी,इस ख़ामोशी भरे मौसम में सबने कुछ मेहसूस किया काश की हम उस वक्त मिलन की बात मानकर वापस चले गए होते तो शायद हमे उस पल का सामना नहीं करना पड़ता जो वक्त हमे दिखाने वाला है।
"मैं कुछ समझ नहीं श्रेयस, तुम्हारे कहने का क्या मतलब है?"
"मिस्टर शर्मा मिस. क्या आप उनके बारे मैं जानती है,आखिर कौन है वो?जिन्होंने आपको यहां के बारे मैं बताया, बुलाया और फिर वो खुद ही गायब हो गए।"
"एक पल के लिए तो तुमने मुझे डर ही दिया श्रेयस,मैने Mr. शर्मा के बारे मैं कुछ बताया नही इसका मतलब यह नहीं है की मैं तुम सबसे कुछ छुपाना चाहती हूं,इसके पहले उनके बारे मैं हमे बात करने का मौका ही नही किलापर अब जब तुमने पूछ ही लिया है तो मैं आप सबको बताना चाहती हूं की मैं उनसे कहा मिली।"मिस की बात सुनकर सब लोग ध्यान से उनकी बात सुनने लगे।
"यह बात 2 महिने पहले की है जब मैं final project से पहले इस session की बात Dean के सामने रखी,पहले तो इस project को लेकर वो बहुत strict थे पर बाद मैं उन्होंने मुझे place choose करने की permission दे दी,मैने कई दिनों तक तलाश किया पर मुझे पास मैं कोई ऐसी जगह नही मिली,आखिर मैं हर मानकर जब मैं Dean से इस project को cancel करने की बात करने वाली थी उससे पहले हम सभी को last month AASL (Association of Architecture School & Library) मैं invite किया गया,यह event हमारे शहर मैं ही था जहा कई बड़े Businessmen आए हुए थे,वही मेरी मुलाकात मिस्टर शर्मा से हो गई, दरअसल मैं उस वक्त परेशान सी थी तब उन्होंने मुझे इस place ko suggest किया और यह की कुछ Pictures भी दिखाई,जिसे देखकर मैं और Dean बहुत Impress हुए और हमने यहां आने का फैसला ले लिया।"मिस की बातो मै सब खो से गए थे।
"वो आखिरी बार था जब मैं उनसे मिली थी,उसके बाद हमारी अक्सर फोन पर ही बात हुई है सोचा था यह आकर उनसे मिलने का मौका मिलेगा पर वो शायद किसी काम को वजह से नही आ पाए।"
"मिस आपकी आखिरी बार उनसे बात कब हुई थी।" शांति को तोड़ते हुए श्रुति ने पूछा।
"कुछ दिन पहले ही हुई थी,उन्होंने ही मुझे कहा था कि वो रिजॉर्ट के पास ही है और यहां की खूबसूरती मजा ले रहे हैं, दरअसल कुछ महीनो से वो यही है और पर हमारी रिजॉर्ट के अलावा किसी ओर चीज़ को लेकर कम ही बात होती है।" ma'am ने बेहद नॉर्मल आवाज़ में कहा।
"लगता है कि हमारी किस्मत ही हमे यह लेकर आई है।" प्राची ने अंगड़ाई लेते हुए कहा।
"तुमने बिलकुल सही कहा प्राची मेरा मिस्टर शर्मा से अचानक मिलना उनका इस जगह के बारे मैं बताना वरना इस प्लान को मैं cancel ही करने वाली थी,पर हमारी किस्मत मैं ही लिया था की हम इस जगह पर आए, ऐसा लगता हो जैसे उसने यह सब पहले से ही प्लान कर के रखा था हम तो बस एक मोहरे की तरह उसपे चलते गए।"
"और मुझे यकीन है कि मिस्टर शर्मा कल सुबह आकर इस जगह के भूतिया ना होने का doubt भी clear kar देंगे।"इस शांत जगह मैं मिस के हंसने की आवाज हल्का सा शोर करने लगी लेकिन मिस्टर शर्मा के बारे में जानने के बाद भी मुझे मेरे कुछ सवालों का जवाब नहीं मिला था, इसलिए में अभी भी अपने ही ख्यालों मैं खोया हुआ था,'शायद में कुछ ज्यादा ही सोच रहा हूं इसलिए मुझे सब कुछ अजीब लग रहा है।' मैं अपने मन मैं ही बड़बड़ाए जा रहा था।
''लगता है श्रेयस को अभी भी doubt है कि मैं आपसे कुछ छुपा रही हूं, है ना श्रेयस??"मिस ने मेरी तरफ हल्की मुस्कुराहट के साथ देखा।
"नहीं मिस, ऐसी बात नहीं है दरसल कुछ और में सोच रहा था।"
"कही तूने यहा भटकती आत्मा के साथ बात करने के बारे मैं तो नही सोच लिया?" अनमोल ने मेरी बात का मज़ाक बनाते हुए कहा लेकिन मेरा ध्यान उससे ज्यादा किसी और बात पर था।
"अनमोल" मिस ने उसे घूरा तो वो शांत हो गया।
"श्रेयस तुम बोलो तुम अभी भी कुछ परेशान से लग रहे हो,तुम अपनी बात बेज़िजक के सकते हो।" पहले तो मन मैं चल रही उलझन के वजह से इस बात को कहने का मन नहीं किया पर सब लोगो के इस तरह देखने को वजह से मैने वो बात कहना ही सही समझा।
"जैसा कि आप सब जानते है की यह रिजॉर्ट कई सालो से बंध पड़ा है"मेरी बात सब लोग गौर से सुनने लगे,"पर इतने सालो तक यह बंध रहने के बावजूद यह पर जरा सी भी धूल नहीं जमी है,ना कही मकड़ियों के जाले या ना ही इन तस्वीरों पर कोई धूल की परत चढ़ी है,हर एक चीज़ इतनी साफ है मानो इसे कोई रोज साफ करता हो।"
"तू जब से यहां आया क्या सिर्फ ये देख रहा है कि रिसॉर्ट साफ है की नहीं, कैसी बकवास बाते कर रहा है।"भाई ने मुझे थोड़े फीके लहज़े में कहा,"मिस्टर शर्मा यहां थे तो उन्होंने सफाई कराई होगी यह कोई बड़ी बात नहीं है।"
"नहीं हर्ष श्रेयस सही कह रहा हैं,अगर मिस्टर शर्मा ने साफ सफाई करवाई भी होगी तो तुम ही सोचो अगर 12 सालो से बंध पड़े रिजॉर्ट को तुम कितना ही साफ कर सकोगे, यहां हर चीज ऐसे चमक रही मैं मानो यह कभी बंध ही ना हुआ हो।"मिलन ने सहमति जताते हुए हर्ष से कहा।
"यहां पर लाइट नही है फिर भी Water Supply System बिल्कुल ठीक तरह काम कर रहा है, इन सभीं रूम के नल था किसी भी सामान पर जरा सी भी झंग नही लगी है और हर एक चीज अपनी जगह पर रखी हुई ही, ऐसा लगता है जैसे....."मैं अपनी बात पूरी करने ही वाला था की तभी ट्रिश बोल पड़ी।
"जैसे इन सबको को रोज साफ किया जाता हो,कोई है जो आज भी इस रिजॉर्ट का ध्यान रख रहा हो।"उसकी बात खत्म होने के साथ ही सब लोग उससे घूरने लगे,सबके चेहरे पर फिर वही डर छा गया था,डर की एक लहर सर्ज़ हवा के साथ सभी को छूकर निकल गई।
“थक्क....ठकक... ठकक...ठकक-ठक ठक......"
अचानक बाहर से किसी ने ज़ोर ज़ोर से दरवाज़े को पीटना शुरू कर दिया,जिसकी वजह से अंदर शांत बैठे सभी के दिल सहम उठे,अविनाश उठकर हर्ष के पीछे छुप गया और प्रिया के मुंह से हल्की चीख निकल गई,सब लोग घूरते हुए उस दरवाजे के और ही देख रहे थे,मैं भी अंदर तक सहमा हुआ था पर दिल को मजबूत करके मैं धीरे से चलते हुए दरवाजे की ओर बढ़ा,जिससे सब लोग मेरी ओर देखने लगे,आंशिका ने अपना हाथ आगे करते हुए मुझे रुकने के लिए कहा पर वो इतनी डरी हुई थी कि उसके गले से आवाज ही नहीं निकली,मैने धीरे से दरवाजे को पकड़ा और खोल दिया।
To be Continued......