1 फूलों से सजादो राहों को
फूलों से सजा दो राहों को
भगवान आएँगे
फूलों से सजा दो राहों को
भगवान आएँगे
एकबार फिर इस धरतीपे
प्रभु श्रीराम आएँगे
एकबार फिर इस धरती पे
प्रभु श्रीराम आएँगे
झूम उठी हैं गंगामाँ
झूम उठी हैं यमुना माँ
अपने प्रभु के चरणों को
हैं छूने को कबसे तैयार
झूम उठी हैं गंगा माँ
झूम उठी हैं यमुना माँ
अपने प्रभु की चरणों को
हैं छूने को कबसे तैयार
भारतमाता के गोदके
एक शान आएँगे
एकबार फिर इस धरती पे
प्रभु श्रीराम आएँगे
जगमग जगमग ज्योति जली
चमक उठी है अवधपुरी
स्वागत में प्रभुजी के
ढोल नगाड़ा बज उठी
जगमग जगमग ज्योति जली
चमक उठी अवधपुरी
स्वागत में प्रभुजी के
ढोल नगाड़ा बज उठी
पिछे बनके पहरेदार
हनुमान आएँगे
एकबार फिर इस धरती पे
प्रभु श्रीराम आएँगे
तीनों लोक में गूँज उठी
है प्रभु की तैयारी
मनमें लगन लिए बैठी
भक्तों की दुनियाँ सारी
तीनों लोक में गूँज उठी
है प्रभु की तैयारी
मनमें लगन लिए बैठी
भक्तों की दुनियाँ सारी
लाखों लोगों के दिलों के
अरमान आएँगे
एकबार फिर इस धरती पे
प्रभु श्रीराम आएँगे
2 आज झूम उठें हैं अवधवासी
आज झूम उठे हैं अवधवासी
श्रीराम हमारे आएँगे
आज झूम उठें हैं अवधवासी
श्रीराम हमारे आएँगे
आज झूम उठें हैं अवधवासी
श्रीराम हमारे आएँगे
आज धरती अम्बर एक हुए
श्रीराम हमारे आएँगे
आज झूम उठे हैं अवधपवासी
श्रीराम हमारे आएँगे
सूखे पेड़ भी फल गए
सूखे पेड़ भी फल गए
प्रभुजी को धूप से बचाएंगे
आज नदियाँ भी हैं लहराई
आज नदियाँ भी हैं लहराई
श्रीराम हमारे आएँगे
आज झूम उठें हैं अवधवासी
श्रीराम हमारे आएँगे
पाँच सदी की सपना पूर्ण हुई
पाँच सदी की सपना पूर्ण हुई
प्रभु वापस घर में पधारेंगे
आज अवधपुरी है अंगड़ाई
आज अवधपुरी है अंगड़ाई
श्रीराम हमारे आएँगे
आज झूम उठे हैं अवधवासी
श्रीराम हमारे आएँगे
रघुवर दर्शन की होड़ लगी
रघुवर दर्शन की होड़ लगी
पूरा भारत खुशियाँ मनाएंगे
सीता माता सहित चारो भाई
श्रीराम हमारे आएँगे
आज झूम उठे हैं अवधवासी
श्रीराम हमारे आएँगे
आज झूम उठे हैं अवधवासी
श्रीराम हमारे आएँगे
3 प्राण प्रतिष्ठा राम लाला की
प्राण प्रतिष्ठा होगी
आज राम लाला की
प्राण प्रतिष्ठा होगी
आज राम लाला की
दर्शन करने स्वर्ग से
आए सरकार बालाजी
तेल बिना भी दिया बाती
जले उमंग उनके कृपा से
खुशी में नाचे ले अंगड़ाई
खेत खलिहान भी लहराती
प्राण प्रतिष्ठा होगी
आज राम लाला की
पहरेदार पड़े हैं द्वारे
भक्त उनके हनुमान दुलारे
राज्याभिषेक करें पिता दशरथ
सबके मनमें है यही हसरत
उठी अवधपुरी खिलखिलाती
प्राण प्रतिष्ठा होगी
आज राम लाला की
दर्शन करने स्वर्ग से
आए सरकार बालाजी
मधुर है धूप,
मौसम भी क्या सुहाना है
देने बधाई आएँगे,
देवताओं ने भी ठाना है
डमरूधारी डमरू बजाते
चले हिमालय पर्वत से
हर्षोल्लास में सरबर हुए
पेय मदिरा शर्बत से
करेंगे दूर सबके मनसे
भगवन दुख बला की
प्राण प्रतिष्ठा होगी
आज राम लाला की
दर्शन करने स्वर्ग से
आए सरकार बालाजी
पुरवाई झकझोरी
नगमा एक लहराई है
अपने प्रभु की चरणों में
गंगा मइया भी आईं हैं
भाई भरत भ्राता को
गले लगाकर रोए
अपनेपन के प्यार के
गहराई में खोए
शंख बजा शत्रु-लक्ष्मण
किए हो हल्ला की
प्राण प्रतिष्ठा होगी
आज राम लाला की
Er Vishal Kumar Dhusiya