My Toxic Love - 10 in Hindi Love Stories by misbutterfly books and stories PDF | My Toxic Love - 10

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My Toxic Love - 10

Shergill Enterprises,,,,

मानव एक चेयर पर बैठा हुआ था और उस पूरे कमरे में अंधेरा था सिर्फ एक प्रोजेक्टर की लाइट्स थी जिसमें कुछ ग्राफ ऊपर नीचे के बने हुए थे ,,,

और जस्ट उसके सामने एक लड़की उस ग्रेफ को एक्सप्लेन कर रही थी।।।

करीब आधे घंटे बाद उस प्रोजेक्टर की लाइट ऑफ होती हैं और उस मीटिंग रूम में पूरी लाइट ऑन हो जाती है और वह लड़की अपने हाथ में पकड़ा हुआ pen टेबल पर रखते हुए

अपने दोनों हाथ टेबल पर टिका ते बोलती हा

know this is the project so any question any one,

अगर किसी को भी अभी कोई डाउट है तो वह अभी पूछ सकता है ।।

यह एक इंटरनेशनल प्रोजेक्ट था जिसमें इंडिया की

पांच में से तीन कंपनियां मिलकर इस प्रोजेक्ट को लॉन्च करने वाले ने जो ,

डायरेक्ट out ऑफ इंडिया से कनेक्ट करने वाला था इसमें सभरवाल ,,,शेरगिल और सक्सेना इंडस्ट्रीज शामिल थी।।

सभी लोग माहिरा के लिए तालियां बजाने लगते हैं और वही जैसे ही मानव की नजर उस लड़की के चेहरे जिसका नाम माहिरा था उस पर पड़ती है मानव की आंखें एकदम सख्त हो जाती हैं और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन भी खत्म हो जाते हैं ।।।

माहिरा मीटिंग ओवर होने की बात हर क्लाइंट से हाथ मिलाती हैं और जब लास्ट में मानव की बारी आती हैं तो माहिरा उसे इग्नोर करके वहां से जाने लगती हैं।।

तभी मानव का पीए नील मिस सक्सेना आप,

नीला आगे कुछ बोलता उससे पहले ही माहीरा अपने हाथमें टाइम देखते हुए बोलती हैं आपको जो भी बात करनी है आप मिस्टर बत्रा से कर लीजिए और अभी मेरे पास टाइम नहीं है ।

तो मैं चलती हूं बाय बोल कर चली जाती है और मानव अपनी दोनो हाथो कि मुट्ठी कस लेता हा,,,

फिर अपने घुटनों पर बैठकर अपने दोनों हाथों से फैला so mis mahira saksena क्या आप अपनी पुरी जिंदगी इस नाचीज़ के साथ बेताना पसंद करेगी





माहिरा करन की बात पर हंसते हुए उसके बाल बिगाड़ कर चलो डेड वेट कर रहे होंगे फाइनली उन्हें पता तो चले उनकी बेटी मैं अपनी लाइफ की सबसे बड़ी डील क्रैक कर ली है।।।


करण माहिरा की बात पर मुंह बनाते हुए


ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता हा और वही माहिरा अपने ग्लास आंखों पर लगाते हुए एक बार मुड़ कर उस कंपनी को देखते हुएखुद भी पैसेंजर सीट पर बैठ जाति है।।।


इस


वक्त उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशंस नहीं था पर होठों पर हंसी तो थी पर दिल में हजारों गम थे ,,,,आंखो में आज एक आग का सैलाब था


जैसे अब वो मानव कि जिंदगी बर्बाद करने के लिए


बेताब थी ।


वही मानव गुस्से से पागल हो रहा था यह सब कुछ देख कर मानव वैसे तो बहुत ही शांत था लेकिन जब वह गुस्सा होता था।


तो अपने अंदर की आग को कभी कंट्रोल नहीं कर पाता था उसके अंदर का गुस्सा हमेशा किसी ज्वालामुखी की तरह बाहर आ ता था जो शायद अब माहिरा के काम आने वाला था।।।


मॉल में,,,,,





नायरा पूरे मॉल में अगस्त से ढूंढ रही थी उसके चेहरे पर पसीना था और वो थोड़ी घबराई हुई भी लग रही थी पर उसे अगस्त कहीं भी नजर नहीं


आता वो एक जगह जाकर खड़ी हो जाती हा उसे अब रोना आ रहा था ,,,,





क्योंकि वह दोनों आदमी अभी भी नायरा का पीछा कर रहे थे वह जहां भी जाति वो लोग पीछे पीछे आ जाते और नायरा इन सब चीजों से पता नहीं क्यों उसे बहुत ज्यादा डर लगता था ।

by reders 🤗🤗