Devil's Sundar wife - 18 in Hindi Fiction Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Devil's सुंदर wife - 18 - पार्किंग लौट वाला लड़का !

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Devil's सुंदर wife - 18 - पार्किंग लौट वाला लड़का !

एपिसोड 18. (पार्किंग लौट वाला लड़का !)
कहते हैं, शादी वाले दिन दुल्हन की ख़ुशी का कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता | क्यूंकि अपनी ज़िन्दगी की नई शुरुवात करने की ख़ुशी किसको नहीं होती | लेकिन माया मल्होत्रा के केस में उल्टा था | माया का शादी की कोई ख़ुशी नहीं थी | शादी वाले दिन भी माया, यूँ ही नॉर्मल हर दिन की तरह उठती है , अपना वर्कआउट करती है | लेकिन उसके अलावा घर का हर सदस्य , इस शादी के लिए बहुत ही एक्साइटेड था |
रिया तो सुबह सुबह ही यहाँ आ गई थी | और घर को सजाने में लग गई ही | ऑफिस में रिया ने सब से कह दिया था, की अगले कम से कम तीन दिनों के लिए कोई भी माया को कांटेक्ट नहीं करेगा |
माया की शादी के बारे में सब को पता था | और जिस जिस को पता लग रहा था, उनके चेहरों पर हैरानी साफ साफ़ दिखाई दे रही थी | शादी का महूरत सुबह के दस बजे का था |
वहीँ, कपूर विला में भी अभि के अलावा इस शादी के लिए खुश थे | अभिराज की ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था | आखिरकार उसका बेटा शादी के लिए मान गया था | और अभिराज को यकीन था, की अब उसके बेटे की बेरंग ज़िन्दगी में रंग अपनी जगह बना ही लेने |
अभिराज ने अपने बेटे के लिए ऑउटफिट तैयार करवा दिया था | अभि आज पहली बार ही सही, लेकिन धोती कुरता पहनने वाला था | क्रीम रंग का कुरता जिसमे लाल रंग की कढ़ाई थी | और उसके साथ लाल धोती जिसमे क्रीम बॉर्डर था | वहीँ, पैरों में जूती | अभि जब तैयार होने के बाद, निचे हॉल में आ रहा था, तो सभी नौकरों की नज़र अभि पर से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी |
आज अभी बिलकुल किसी राजा की तरह लग रहा था |
शाहीपन अभि के हर कदम में झलक रहा था | अभिराज मन ही मन खुद से कहते हैं |
"मीना अगर आज तुम अपने बेटे को इस तरह देखती, तो तुम्हे बहुत अच्छा लगता, इतनी की तुम रो ही पड़ती " मीना अभी और साक्षी, अभि की बड़ी बहन की माँ का नाम था |
मीना का देहांत बहुत पहले ही हो गया था | अभि अपनी माँ के बहुत करीब था | और मीना की मौत के बाद, साक्षी ने अभि को दोनों, माँ और बहन का प्यार दिया था | साक्षी अपने भाई की ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकती थी | और अभिराज को माया के बारे में सबसे पहले साक्षी ने ही बताया था |
साक्षी अपने पिता के पास ही खड़ी थी | और अभिराज के ज़ेहन में जैसे अपनबी बीवी का ख्याल आता है, उसकी नज़र अपनी बेटी पर जाती है, जिसकी आँखें नम थीं | साक्षी ने इस टाइम का बहुत बेसब्री से इंतज़ार किया था | साक्षी को तो अपनी आँखों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था | लेकिन खुद के इमोशंस पर कंट्रोल रखते हुए साक्षी, अभि के पास जाती है, और उसके कान के पीछे कला टीका लगाते हुए नम आँखों और, भरे गले से अभि से कहती है |
"मेरा बच्चा, कितना हैंडसम लग रहा है " अभि के चेहरे पर सिर्फ इस बात की ख़ुशी थी, की उसकी बहन और पिता आज खुश हैं | अगर अभी को पता होता, की उसकी एक हाँ और शादी से सब इतने खुश हो जायेंगे, तो वो कब शादी कर चुका होता |
वहीँ, माया को शादी के जोड़े में देख, सहिवाम मल्होत्राका भी कुछ ऐसा ही हाल था | यहाँ तक की रिया और महक की आँखें भी नम थीं |
उसके बाद सब कोर्ट के लिए निकल जाते हैं |
माया के दिल में अब बहुत सरे सवाल घर कर चुके थे | उसे खुद पर भरोसा नहीं हो रहा था, की आखिरकार वो शादी कर रही है |
वहीँ कोर्ट पहुंचने के बाद, कब माया और अभि की शादी हो जाती है उन्हें पता ही नहीं चलता |
लेकिन जब रिया अभि को देखती है , तो उसका मुँह खुला का खुला ही रह जाता है |
"ये तो वहीँ लड़का है, जो आज से लगभग चार महीने पहले उन्हें पार्किंग लौट में मिला था " रिया खुद से मन ही मन कहती है | लेकिन उसने माया से कुछ नहीं कहा |
क्या माया और अभी एक दुसरे के साथ इस अनचाही शादी को निभा पाएंगे ?
जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ |