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एक और मर्डर
तन्मय जल्दी से नैना के कमरे में गया और नैना का फ़ोन ले आयाI वैसे यह हैरानी की बात थीं कि नैना घर से निकलने से पहले अपना फ़ोन घर ही भूल गई थींI पुलिस ने तो साइबर टीम की मदद से उसे अनलॉक करते हुए काफ़ी कुछ खंगाला था, मगर उन्हें निराशा ही हाथ लगी थींI नैना के कॉन्टेक्ट्स सीमित थेंI वह चैट से ज़्यादा फ़ोन पर बात करना ज़्यादा पसंद करती थींI अब तन्मय ने उसके सारे कॉन्टेक्ट्स को ध्यान से देखना शुरू कियाI मगर उसे अभि कपूर के नाम का कोई व्यक्ति नज़र नहीं आयाI उसने हताश होकर फ़ोन एक और फ़ेंक दियाI राघव ने उसे ढाँढस बंधाते हुए कहा,
पुलिस को बता देते हैI
पुलिस को ?
हाँ, यह पैकेट लेकर उनके पास चलते हैंI
पुलिस को जब भी बताओ, वह बेकार ही हो जाता हैI उसका मुँह उतर गयाI
वैसे कितनी हैरानी की बता है न कि जबसे मम्मी गई है, तबसे फ़ोन भी नहीं बजा हैI
तनु , तुमने इसे रिचार्ज भी करवाया है, जो यह बजेगाI इसकी वैलिडिटी खत्म हो गई होगी तो आउटगोइंग भी बंद हो जाती हैI
अरे ! हाँ सही कह रहा है तू I कितने दिनों तक यह फ़ोन पुलिस के पास रहा और जबसे वापिस आया है, तबसे ऐसे ही पड़ा हैI
देख! इसकी बैटरी भी लॉ मोड पर हैI राघव ने बैटरी सेवर की और ईशारा करते हुए कहाI
मम्मी कभी अपना फ़ोन भूलती तो नहीं थी, फ़िर उस दिन कैसे भूल गईI
आंटी मार्किट तक तो गई थीं सोचा होगा कि जल्दी आ जाएगीI
तन्मय ने उस दिन के बारे में सोचा तो वह और उदास हो गयाI
चल आज इस फ़ोन को रिचार्ज ही करा देता हूँI यह कहते हुए वह राघव को लेकर मार्किट की तरफ निकल गयाI
रुद्राक्ष पूरी पुलिस टीम के साथ कोंडली पहुँच गया I चारों तरफ पुलिस की नाकाबंदी कर दी गई I उस महिला की लाश के पास से सबको हटा दिया गयाI पुलिस ने लाश देखी और फ़िर फोरसेनिक टीम ने अपनी जाँच शुरू कर दीI रुद्राक्ष ने शिवांगी को कहा कि इस महिला के बारे में सारी डिटेल्स पता करोI यस सर, कहते हुए उसने तत्परता से अपना काम करना शुरू कर दियाI
राजीव अपने घर में बैठा शराब पिए जा रहा हैI उसके ध्यान में सिर्फ नैना हैI नशा उसे बोलने पर मजबूर कर रहा हैI "पता नहीं, मैं क्यों इस नैना के लिए इतना परेशान हो रहा हूँI इसके वाहियात पति को तो उसके जाने से कोई फर्क पड़ता दिखाई नहीं देताI मुझे तो लगता है कि अब उसने नैना का इंतज़ार करना भी बंद कर दिया हैI कम्बख़्त पैसे भी पूरे नहीं लेकर गयाI अपनी बीवी की जान की कोई कीमत नहीं है है और मुझे देखो! मेरी बेचैनी खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं I राजीव ने एक ही सांस में शराब का एक गिलास खत्म कर दिया और दूसरा गिलास शराब से भर दियाI फ़िर मुस्कुराते हुए बोला, नैना है ही इतनी प्यारी, कौन होगा जो उसका दीवाना नहीं बनेगाI मैं भी नैना के लिए अपनी बीवी मालिनी को छोड़ दो, वैसे भी उस बेहूदा औरत के साथ अब रहा भी नहीं जाताI उसने घृणा से शराब का एक और घूँट पिया और सुस्ताने लगाI
अभिमन्यु ड्राइव करते हुए प्रिया से फ़ोन पर बात कर रहा हैI प्रिया उसे अपनी वकील के साथ हुई बातचीत के बारे बता रहीं है और वह भी इस फैसले का समर्थन कर रहा हैI उसने उससे किडनैपर्स के बारे में पूछा तो उसने बताया कि तालाश ज़ारी है, बहुत जल्द ही पता चल जायेगा कि इस सबके पीछे कौन हैI
उम्मीद है, नैना जल्द ही मिल जाएगीI
हाँ, उम्मीद है कि वो किसी मुसीबत में ही होंI
मैं कुछ समझी नहींI
अभिमन्यु ने सड़क पर चल रहें ट्रैफिक की तरफ देखकर कहा, अगर कोई और बात हुई तो मुझे नहीं लगता कि मैं अब इस रिश्ते जो ज़्यादा खींच पाऊँगाI
स्टेशन में शिवांगी फुर्ती से रुद्राक्ष के पास आई और आज हुए मर्डर की डिटेल्स देते हुए बोली,
सर वह 29 साल की लड़की है. किसी ने उसके सिर पर ज़ोर से वार किया हैI जिसके कारण उसकी मौत हो गई I उत्तराखंड के मालपुर गाँव में रहती है और यहाँ दिल्ली में किराए के मकान पर रहती थीI उसके घरवालों को बता दिया है, वह पहुँचते ही होंगेI
यहाँ दिल्ली में क्या करती थीं ?
सर नौकरी करती थीं, बाकी डिटेल्स इस फाइल में हैI रुद्राक्ष ने फाइल पढ़ी तो वह हैरान हुए बिना नहीं रह सकाI
तन्मय ने अपनी मम्मी का फ़ोन रिचार्ज करवा लिया हैI मगर उसे डर है कि कहीं उसके पापा को पता चल गया तो बहुत गड़बड़ हो जाएगीI इसलिए उसने फ़ोन को वाइब्रेशन मोड पर अपने कमरे में ही रख दियाI क्या पता कि इससे कुछ मदद मिल जायेI फ़िर उसने कुछ सोचते हुए इंटरनेट की मदद से उस कूरियर कंपनी का अड्रेस ढूँढ लियाI मुझे एक बार वहां जाकर भी पता करना चाहिए कि आख़िर यह कूरियर किसने भेजा हैI अगर मुझे किसी ने नहीं बताया तो मैं पुलिस को बता दूंगा, क्योंकि इसके अलावा कोई चारा भी नहीं हैI तभी दरवाजे की घंटी ने उसका ध्यान हटाया और दरवाजा खोलने पर अपने पापा को सामने देखकर वह उन्हें अंदर लाते हुए बोला,
कल मेरा मैच है, आप आओंगे ?
मेरे बेटे का मैच हो और मैं ना आओ, ऐसा तो हो ही नहीं सकताI उन्होंने उसे लाड लगाते हुए कहाI फ़िर थोड़ी देर बाद वो और तन्मय खाने की टेबल पर एक साथ बैठ गएI अभि ने खाना खाते हुए पूछा,
मैच कब है?
कल दोपहर को बारह बजे I नेशनल स्टेडियम में I
ठीक है, मैं टाइम से पहुँच जाऊँगाI
खाना खाने के बाद तन्मय तो अपने कमरे में चला गया मगर अभिमन्यु वही हॉल में बैठकर खबरे देखने लगाI तभी उसकी डोरबेल बजीI दरवाजा खोलने पर देखा कि सामने पुलिस खड़ी हैI
आप लोग यहाँ?
सर ने बुलाया हैI
मैं अब कहीं नहीं जाऊँगा, पहले पक्का वारंट लाएI
पूछताझ के लिए बुलाया है I
पर क्यों ?
मर्डर हुआ हैI
मर्डर!!! वो डरते हुए बोला,
पर किसका ?
आप किसी पल्लवी को जानते है?
हाँ, मेरे मॉल में काम करती थींI
आज सुबह किसी ने उसकी बेहरमी से हत्या कर दींI अब चलिएI
उसने हैरान होते हुए पीछे मुड़कर देखा तो तन्मय खड़ा हैI
पापा, पल्लवी दीदी को किसी ने मार दियाI उसने उसे समझाते हुए कहा कि" अंदर से दरवाजा ठीक से लॉक कर लोI वो अभी थोड़ी देर में आता हैI" वह तो पुलिस के साथ चला गया, मगर तन्मय की आँखों के आगे पल्लवी का चेहरा आ गयाI