Tanmay - In search of his Mother - 18 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 18

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Tanmay - In search of his Mother - 18

18

शादी

 

सबवे के पास पहुँचते ही अभिमन्यु के फ़ोन पर एक  मैसेज आयाI उसने उसे बैग समेत अंदर आने के लिए कहाI एक दूसरी कार में  पुलिस अभिमन्यु पर नज़र रखें  हुए हैंI तभी शिवांगी रुद्राक्ष से बोली,

 

सर अभिमन्यु की गाड़ी  में  प्रिया भी हैI

 

वो यहाँ क्या कर रहीं  है ?

 

उसने ही इसे  एक करोड़ दिया हैI

 

ओह ! अच्छा I

 

तभी उन्होंने अभि  को किडनैपर  से  फ़ोन पर  बात करते हुए देखा,

 

सबवे के बीचो-बीच पैसे रखकर चले जानाI समझे

 

अभिमन्यु ने जानबूझकर एक ही बैग लिया और  अंदर जाने लगाI पुलिस ने अंदर बैठे पुलिस कर्मियों को अलर्ट कर दियाI अब वह बड़े धीरे कदमों से  सबवे के अंदर चलने लगाI सबवे में अँधेरा ज़्यादा हैI उसे डर  लग रहा हैI उसे लगा कि  पुलिस अंदर होगी, मगर अंदर तो कोई  नहीं हैI बाहर  रुद्राक्ष को जब अंदर से कोई सिग्नल नहीं मिला तो वह अपनी टीम के साथ अंदर जाने को हुआI तभी चेहरा को ढके हुए एक आदमी उसके पास आया और उससे बैग लेने लगाI पहले मेरी बीवी को छोड़ोI ज़्यादा होशियारी की तो जान से  जाओंगेI उसने गोली  निकाल  ली और अभिमन्यु के हाथ से  बैग  छीन  लिया और  वापिस  जाने को हुआ कि तभी  रुद्राक्ष ने जाते हुए आवाज़  दीI अब्बे रुकII यह  सुनते ही वह आदमी सबवे से निकला और बाहर  खड़ी  गाड़ी  में  बैठकर  फरार हो गयाI  बाहर  जाकर पुलिस ने देखा कि  उनके पुलिसकर्मी बेहोश पड़े हैंI

 

बास्टर्ड ! पीछा करो, उनकाI सभी पुलिसवाले  गाड़ी के पीछे जाने लगे और  अभिमन्यु डरकर भागता हुआ बाहर  अपनी गाड़ी  में  आकर बैठ  गया I प्रिया को उसने सारी  बात बता दी और उसने भी गाड़ी  पुलिस की गाड़ी  के पीछे लगा दींI थोड़ी  देर में  वो लाल रंग की गाड़ी पुलिस की  आँखों से  ओझल हो गई और  पुलिस ने गाड़ी  वहीं  रोक  दीI अभिमन्यु भी वहीं  पहुँच गयाI

 

क्या हुआ? सर मेरी नैना ठीक तो है?

 

फिलहाल तो हमने इनकी गाड़ी  का नंबर नोट कर लिया हैI देखते है, क्या होता हैI आप घर जाएँI उसने एक सरसरी नज़र प्रिया पर डाली और फ़िर  शिवांगी से बात करने  लगाI

 

अभिमन्यु ने प्रिया  को घर छोड़ा और  अपने घर जाकर अपनी माँ का इंतज़ार कर  रहें तन्मय को गले  लगाते  हुए समझाया, मम्मी बहुत जल्द घर  आ  जाएगीI वहीं  दूसरी  तरफ राजीव भी बड़ा बेचैन  हो रहा हैI मगर उस बेचैनी को वह मालिनी के सामने जाहिर नहीं कर सकताI दोनों चुपचाप  एक दूसरे से  बात किए बिना  खाना खा रहें हैI मालिनी  उसके हाव-भाव को गौर से देख रहीं  हैI मगर  राजीव  उसे अनदेखा करते हुए खाना खा रहा हैI तभी मालिनी  बोल पड़ी,

 

मैं कुछ दिनों के लिए देहरादून जा रहीं  हूँI

 

राजीव ने कोई जवाब नहीं दियाI

 

कल  सुबह निकल जाऊँगीI

 

जैसी तुम्हारी मर्ज़ीI उसने  खाने की टेबल पर से उठते हुए जवाब दियाI

 

तुम तो चाहते ही यहीं  होI

 

मेरा झगड़ा करने का कोई ईरादा नहीं हैI कहते हुए वह अपने कमरे में  चला गयाI कल से  दोनों अलग सो रहें हैंI कैसे पता करो कि  नैना मिली की नहींI वह  बिस्तर पर लेटे हुए सोच रहा हैI तभी एक विचार ने उसके चेहरे पर मुस्कान ला दीं I

 

अगले दिन जतिन ने प्रिया से  नाश्ते की टेबल पर सवाल कियाI

 

मुझे पता चला है कि  तुमने  एक करोड़ रुपए विड्रॉ किए  थेंI

 

वापिस भी रख  दिए है, यह  नहीं पता चलाI

 

अच्छी बात है, वैसे भी वो मेरी जायदाद हैI

 

मेरी भी I प्रिया  की त्योरियाँ  चढ़ गई I

 

हम कब इस मसले का हल कर रहें हैंI

 

बहुत जल्द, ज़रा मैं भी  अपने वकील से बात कर लूँI जतिन ने प्रिया की बात का कोई ज़वाब  नहीं दियाI

 

मॉल में  अभिमन्यु राजीव को देखकर हैरान हो गयाI

 

आप ?

 

जी मैं आपको  बधाई  देने आया था, तन्मय ने बताया कि  नैनाजी मिल गई  हैI

 

वो तो बच्चा है राजीव जीI फ़िर  उसने कल की सारी बात राजीव को बता दींI

 

इसका मतलब  सब वैसे ही हैI

 

पुलिस उन किडनैपर को ढूंढ रहीं  है, उनके मिलतेही  नैना भी मिल जाएगीI

 

और बताए मालिनी जी कैसी है ?

 

देहरादून  गई हैI

 

अच्छा हाँ, उनका मैसेज आया थाI राजीव यह सुनकर अपने गुस्से पर काबू रखते हुए बोला, अच्छा मैं चलता हूँI

 

तन्मय  और राघव  दोनों  क्रिकेट ग्राउंड पर मैच की पैक्टिस कर रहें हैंI  थोड़ी देर मैच की प्रैक्टिस करने के बाद वह  दोनों  स्टेडियम की सीढ़ियों पर  बैठ गएI

 

मालिनी  आंटी से  कुछ पता  चला ?

 

कहाँ  यार, वो  तो देहरादून चली  गईI

 

तेरे पापा आंटी  को लाने वाले थें?

 

कह तो  रहें है कि  मम्मी  जल्द ही घर  आ जाएँगीI

 

फ़िर  तू क्यों परेशान है ?

 

पापा झूठ बोल रहें हैंI मम्मी का अब भी कुछ  पता नहीं  चलाI

 

परेशान  मत हो, जल्द ही यह  प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगीI

 

तन्मय ने बुझे मन से  हामी भरी और   दोनों  स्टेडियम से निकल गएI मैं  पापा के मॉल  जा रहा हूँ, तुझसे बाद में  मिलता  हूँI राघव उसे  बाय  बोलकर  चला  गया और तन्मय पापा के मॉल  की तरफ़  मुड़ गयाI उसने देखा कि  पल्लवी  किसी लड़के से बात कर रहीं  हैI वह लड़का, उसकी  बाजू को खींच रहा है और  दर्द से  चिल्लाते हुए वह अपनी  बाजू  छुड़ाने की कोशिश करती हैंI यह  देखकर तन्मय पहले तो उसकी तरफ जाने को हुआ, मगर फ़िर उन्हें दोबारा आराम से  बात करता देख, पीछे हट गयाI अंदर मॉल में  आकर  वह पापा के केबिन में  चला गयाI अभि ने उसको  देखा तो उसे वहीं बिठाते हुए खाने के लिए केक  दिएI थोड़ी देर बाद पल्लवी अंदर आई  और अभि से बोली,

 

सर आपसे बात करनी है?

 

हाँ, बोलो

 

सर मेरी शादी है, मुझे नौकरी छोड़नी पड़ेगीI

 

कहीं  बाहर  जा रहीं  हो?

 

हाँ, सर वो मुंबई की किसी  फैक्ट्री में  काम करता हैI  शादी के बाद वहीं रहेंगेI

 

ओके, कब जा रहीं हो?

 

सर कल से नहीं  आऊँगीI अगले हफ़्ते शादी हैI अभिमन्यु ने उसे अपनी इस महीने की सैलरी के साथ कुछ बोनस भी लेने के लिए कहाI पल्लवी खुश होते हुए उसे धन्यवाद बोलकर वहाँ से चली गईI तन्मय उसे गौर से देखता रहा और वह तन्मय को मुस्कुराते हुए बाय  बोलकर मॉल से निकल  गईI तभी अभिमन्यु को पुलिस स्टेशन से   फ़ोन  आया और  वह तन्मय को वहाँ से घर जाने का बोलकर निकल गयाI