Pyar ek anokha rishta - 24 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग २४

Featured Books
  • आखेट महल - 19

    उन्नीस   यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़...

  • अपराध ही अपराध - भाग 22

    अध्याय 22   “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक...

  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

Categories
Share

प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग २४

राज की गाड़ी पीछे ही रुक गया।
और फिर अरे ये तो जीनत है। हिना की दोस्त।पर यह यहां कैसे?
फिर दोनों अन्दर चली गई।
कुछ देर बाद राज भी अन्दर गया।
और फिर सबने हिना से पुछा अरे बाबा आज कहां रह गई?
हिना ने कहा अरे मम्मी जी चार्ज खत्म हो गया था और फिर जीनत मिल गई।
जीनत कुछ बोलने वाली थी।।
पर हिना ने बात घुमा दिया और बोली कि अरे जीनत मुझसे मिलने आ रही थी।
आभा ने कहा हां, ठीक है आओ तुम लोग पहले जल्दी से मुंह हाथ धो लो।
कुछ देर बाद ही सब एक साथ डिनर करने बैठ गए।
जीनत बार बार राज को देख रही थी और ये सुनील ने नोटिस कर लिया और फिर बोला अरे राज तेरे चहरे पर कुछ लगा है क्या?
जीनत ने अपनी आंखें बड़ी कर ली और फिर खांसने लगी।
राज ने कहा अरे यार छोड़ ना खाना खाने दें।
बहुत भूख लगी है।।
सुनील ने कहा भूखक साला।।
फिर सब खाना खाने लगे।
हिना ने कहा मम्मी जी जीनत मेरे साथ ही सो जाएंगी।
आभा ने कहा हां ठीक।
सुनील ने कहा अरे बाबा आप लोग तो सब बुड्ढों की तरह सोने जा रहे हो।
चलो एक अंताक्षरी हो जाएं।
क्या ख्याल है पारो।
परी ने कहा हां ख्याल अच्छा है।।
फिर कुछ देर बाद ही सब तैयारी करके डाईंग रूम में बैठ गए।
रमेश ने कहा अरे बाबा मुझे तो जाने दो।
राज ने कहा हां, पापा कल का रामदेव बाबा को मिस नहीं करना चाहते हैं।
सब हंसने लगे।
आभा ने गाना शुरू कर दिया।।
ना जाओ साईयां छुड़ा के बाईया।।
वाह! वाह! क्या बात है।
फिर रमेश बैठ गए।
मिनल ने कहा वाह जीजाजी, दीदी ने रोक लिया।
सुनील ने कहा अच्छा तो अब अंकल गाएंगे।
य से।।
रमेश ने कहा अरे बाबा ये क्या मुसीबत है।
राज ने कहा मैं गा देता हूं पापा कि जगह।।
ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा।
मेरा ग़म कब तलक मेरा दिल तोड़ेगा।।।।
सुनील ने ताली बजा दिया।
अब परी की बारी है।।
ग से।
परी ने कहा ओह माई गॉड ग।।।
गाड़ी बुला रही है सीटी बजा रही है।।
सुनील ने कहा वाह क्या आवाज है?
अब जीनत को ह से।।
जीनत ने कहा हो हो हो हो सांसों की जरूरत है जैसे जिंदगी के लिए,बस एक सनम चाहिए आशिक़ी के लिए।।।।
फिर सबने मिलकर ताली बजा दिया।
अब बारी थी मिनल की।ए से।
मिनल ने गाना शुरू किया ऐ जिन्दगी गले लगा लें।।
हमनें भी तेरे हर एक गम को गले से लगाया है ना।।।
वाह क्या बात है मासी।
राज ने कहा।
सुनील ने कहा अब भाभी की बारी है न से।

हिना ने कहा हां ठीक है।।।
ना जाने क्यों मै बेकरार दिल में लिए दर्दे इन्तजार बैठा हूं इस राह में जो मेरी मंजिल नहीं।।।
सबने तालियां बजाकर खुशी जाहिर किया।।
अब बारी है सुनील की ह से।
सुनील ने गाना शुरू किया।
है अगर दुश्मन, दुश्मन जमाना गम नहीं,गम नहीं, कोई आएं कोई हम किसी से कम नहीं कम नहीं।।।
अब राज ने गाना शुरू किया।।।।
हजारों राहें मुड़कर देखी हमारी थोड़ी सी वेबफाई।।।

फिर सबने मिलकर ताली बजा कर खुशी जाहिर किया।

तुरंत हिना गाना गाने लगी ।।।
हम वेबफा हरगिज़ न थे पर हम वफ़ा कर ना सके।
हमको मिली उसकी सजा।।।
फिर सब हैरान रह गए और फिर जब राज ने शुरू किया।।
मेरी वफाएं याद करोगे रोओगे हां हां फरियाद करोगे।।
कुछ देर बाद ही सब हैरान हो कर देखने लगे तो जीनत ने कहा अरे हिना चल हम सोने चले अभी सबका विडियो कालिंग आने वाला है।
हिना ने कहा हां ठीक है चलो।।
फिर दोनों वहां से चली गई।
सुनील ने कहा अरे यार कहां था तू?
लगता है किसी की यादों में खो गया था।
राज ने कहा अरे बाबा नहीं चल सोने चले।
फिर सब धीरे-धीरे अपने कमरे में चले गए।
जीनत हिना के कमरे में आते ही कहा अरे बाबा ये सब क्या चल रहा है हां।तू हाल देख अपना ! शादी क्यों नहीं कर लेती ?
हिना ने कहा हां ठीक कहा तूने।
जीनत ने कहा सबसे पहले तू यहां से निकल जा कौन है तेरा यहां?.कल को जब राज की शादी हो जायेगी तो फिर तू क्या करेंगी?
सोचा है कभी?
बस एक भ्रम है तुझे और कुछ भी नहीं हिना।
खुद को देख आईने में क्या हो गई है तू।
ऐसी तो कभी नहीं थी।।
तुझे अब खुद के लिए जीना है वो जो लड़की थी उसको मैंने देखा कि वो कैसे देख रही थी राज को।
मुझे लगता है इसलिए वो यहां आई है।
हिना ने कहा हां, मुझे पता है सब अब कुछ भी फर्क नहीं पड़ता मम्मा पापा ने जो किया मेरे साथ।। आज अगर मम्मी जी पापा जी नहीं होते तो मैं कब का मर चुकी होती।
वाहेगुरु जी की मेहर है मुझ पर।।
जीनत ने कहा ओह माई गॉड। अब सो जा।
कहकर सो गई दोनों।।
आभा और मिनल अपने अपने कमरे में लेट कर सोच रहे थे कि क्या बात है इन दोनों बच्चों में, हमें कुछ नहीं समझ आ रहा है।
फिर सुबह उठकर सुनील और राज चले गए।
जागिग करते हुए सुनील ने कहा अरे आज तो डेकोरेशन करने आएंगे।
राज ने कहा हां बोलना है कि कुछ मरम्मत का काम है।।।
सुनील ने कहा ओके।
फिर दोनों वापस घर आ गए तो देखा बाहर ही सब बैठे थे।
राज ने कहा अरे वाह क्या बात है! आज कचहरी नहीं है क्या?
हिना ने कहा हां, है भी नहीं भी आज सन्डे है। ये बोल कर हिना खिलखिला कर हंस पड़ी।।
ये देख राज ने अपना मोबाइल पर विडियो भी आन कर दिया।
राज ने कहा मन में बस इसी की कमी थी और मेरा दिन बन गया।
हिना ने कहा हां, कुछ कहा क्या?
राज ने कहा अरे बाबा ये क्या मन की बात अभी तक समझ लेती है।।
फिर सुनील और राज को हिना ने जूस का ग्लास दे दिया।
राज ने कहा अरे मालती कहां है?
हिना ने कहा वो बाहर गई है तो।।
राज ने कहा हां,आपकी आदत नहीं है ना बस।।।
जीनत ने कहा अरे हां सही कहा आपने।कभी कभी आदत को ले लाना चाहिए।
राज ने कहा हां, थैंक यू।
सुनील ने कहा थैंक यू।
राज ने जूस पीते ही कहा अरे वाह आज का जूस कुछ अलग है।
हिना ने कहा हां, ये मिक्स फ्रूट जूस है।।
राज ने कहा प्लीज़ मालती को सिखा देना।
हिना ने कहा ओके शियोर!

शिद्दत से थी तेरी आरजू मुझे।
यादों को तेरी हिफाजत से रखा है।
दिल में ठहरने की इजाजत दे रखा है।
कहीं ना भुला दूं तुझे मैं ख्यालों से।
तभी तो तुझे अपनी आदत में रखा है।
मैं तो वो दूं जो तेरा कुछ भी नहीं।
और तुझे मैंने अपनी इबादत में रखा है।

ये राज के मन के अल्फाज़ थे।।।

क्रमशः