मज़ेदार पहाड़े
01 नेकी
एक एकम एक, नेक बनो भई नेक।
एक दूनी दो, न बुरा कहो - न सुनो।।
एक तिया तीन, परोपकार में हो लीन।
एक चौक चार, अच्छा रखो व्यवहार ।।
एक पंजे पाँच, अच्छाई को नहीं आँच ।
एक छंग छः, सबसे मिलकर रह।।
एक सत्ते सात, निभाओ सबका साथ।
एक अट्ठे आठ, पढो प्रेम का पाठ ।।
एक नामे नौ, सबको खुश रखो।
एक दहाई दस, नेकी कर और हँस ।।
02 स्वच्छता
दो एकम दो, हाथ रगड़कर धो।
दो दूनी चार, सफाई से कर प्यार ।।
दो तिया छः, साफ कपड़ों में रह।
दो चौक आठ, सफाई का पढ़ पाठ।।
दो पंजे दस, नाखून साफ रख।
दो छंग बारह, स्वच्छ घर हमारा ।।
दो सत्ते चौदह, घर में लगाओ पौधा।
दो अट्ठे सोलह, साफ रखो चोला ।।
दो नामे अट्ठारह, स्वच्छता का नारा।
दो दहाई बीस, याद कर गीत ।।
03 अनुशासन
तीन एकम तीन, न बन अनुशासनहीन।
तीन दूनी छः, समयबद्ध रह ।।
तीन तिया नौ, देरी से काम क्यों।
तीन चौक बारह, नियम हमको प्यारा ।।
तीन पंजे पन्द्रह, नियमों से बंध जा।
तीन छंग अट्ठारह, सफल जीवन हमारा।।
तीन सत्ते इक्कीस, जीवन जिओ नियमित।
तीन अट्ठे चौबीस, नियमितता सुख की फीस ।।
तीन नामे सत्ताइस, पूरी होंगी ख्वाहिश।
तीन दहाई तीस, अनुशासन बड़ी सीख ।।
04 सन्तोष
चार एकम चार, सन्तोष जीवन का सार।
चार दूनी आठ, सुख की इकलौती गांठ ।।
चार तिया बारह, भूल जाएं दुःख सारा।
चार चौक सोलह, भरो पूण्य से झोला ।।
चार पंजे बीस, मत करो किसी से रीस।
चार छंग चौबीस, उठा रहेगा सदा यह शीश ।।
चार सत्ते अट्ठाईस, ज़रूरत पर हो फ़रमाइश ।
चार अट्ठे बत्तीस, मिट जाए ग़मों की टीस।।
चार नामे छत्तीस, ख़ुशियों की ये ही फ़ीस ।
चार दहाई चालीस, संतुष्ट हो जीवन, हे ईश।।
05 सत्यनिष्ठा
पाँच एकम पाँच, नहीं साँच को आँच ।
पाँच दूनी दस, सदा झूठ से बच।।
पाँच तिया पन्द्रह, बनो न्याय प्रिय।
पाँच चौक बीस, ईमानदारी को मिलती तरजीह ।।
पाँच पंजे पच्चीस, सत्य की होती जीत।
पाँच छंग तीस, निष्पक्ष होना सीख।।
पाँच सत्ते पैंतीस, नैतिकता करो विकसित ।
पाँच अट्ठे चालीस, इच्छाएँ रखो सीमित ।।
पाँच नामे पैंतालीस, सदाचार हो विकसित।
पाँच दहाई पचास, सत्यनिष्ठा सबसे खास ।।
06 धैर्य
छः एकम छः, धैर्य से काम ले।
छः दूनी बारह, धैर्य का बोलबाला।।
छः तिया अठारह, जीवन बनता प्यारा।
छः चौक चौबीस, सब्र तू रखना सीख ।।
छः पंजे तीस, तुम बनो धीर।
छः छंग छत्तीस, करे दृढ़ता चारित्रिक ।।
छः सत्ते बयालीस, खुशियाँ दे दीर्घकालिक ।
छः अट्ठे अड़तालीस सुख का ये मालिक।।
छः नामे चौवन स्थिर करे ये मन।
छः दहाई साठ, करलो याद पाठ ।।
07 ईमानदारी
सात एकम सात, ईमान का दो साथ।
सात दूनी चौदह, करो सच्चा सौदा ।।
सात तिया इक्कीस, बेईमानी गन्दी चीज़ ।
सात चौक अट्ठाइस, कम रखो ख्वाहिश ।।
सात पंजे पैंतीस, मेहनत करो तुम नित।
सात छंग बयालिस, सोना बनो ख़ालिस।।
सात सत्ते उनचास, अच्छे मित्र रखो पास।
सात अट्ठे छप्पन, निर्मल रखो अपना मन ।।
सात नामे तिरसठ, अच्छा नहीं ज्यादा हठ।
सात दहाई सत्तर, ईमानदारी सदा कर ।।
08 ट्रैफिक नियम
आठ एकम आठ, ट्रैफ़िक नियमों का यह पाठ।
आठ दूनी सोलह, चलो साइड से अपनी राह ।।
आठ तिया चौबीस, मत करो गति पर रीस।
आठ चौक बत्तीस, काग़जों की होगी तफ़्तीस ।।
आठ पंजे चालीस, सीट बेल्ट को कहती पुलिस।
आठ छंग अड़तालीस, हेलमेट लगाओ बचेगा शीश ।।
आठ सत्ते छप्पन, ट्रैफ़िक लाइट्स का पालन ।
आठ अट्ठे चौसठ, ड्राइविंग में न हो बालहठ।।
आठ नामे बहत्तर, ओवरटेक से बचकर।
आठ दहाई अस्सी, पकड़ें नियमों की रस्सी ।।
09 आत्मविश्वास
नौ एकम नौ, खुद पर भरोसा करो।
नौ दूनी अट्ठारह, इरादा मज़बूत हमारा ।।
नौ तिया सत्ताईस, हिचको नहीं भाई।
नौ चौक छत्तीस, सफलता हो सुनिश्चित ।।
नौ पंजे पैंतालीस, सब होते प्रभावित।
नौ छंग चौबन, सफल होता जीवन ।।
नौ सत्ते तिरसठ, चुनौतियों के सामने डट।
नौ अट्ठे बहत्तर, लक्ष्य नहीं दुष्कर।।
नौ नामे इक्यासी, बनो आत्मविश्वासी।
नौ दहाई नव्बे, सबसे महान गुण है।।
10 संचारी रोग
दस एकम दस, संचारी रोग रोको बस।
दस दूनी बीस, मलेरिया, चेचक इसमें शामिल।।
दस तिया तीस, डेंगू, डायरिया आते सामूहिक।
दस चौक चालीस, सफाई रखो खालिस ।।
दस पंचे पचास, रोकथाम का करो प्रयास।
दस छंग साठ, जागरूकता का पढ़ो पाठ ।।
दस सत्ते सत्तर, सावधानी बरतो मिलकर ।
दस अट्ठे अस्सी, जमा न हो पानी।।
दस नामे नब्बे, जारी प्रयास है मिलके।
दस दहाई सौ, सुरक्षा की जलाओ लौ।।
मज़ेदार पहाड़े, दिनेश कुमार कीर