Dard in Hindi Fiction Stories by mohammad sadique books and stories PDF | दर्द

Featured Books
Categories
Share

दर्द

कनिक (25) एक खुले मिजाज की लड़की है ..वो अपने घर से लड़ कर अकेले मुंबई आ जाती है, मुंबई में वो नौकरी की तलाश करती है ..कुछ हफ़्तों के मशक्कत के बाद उसको नौकरी मिल जाती है आर्यन गिल कपड़े की कंपनी में बतौरे मैनेजर जॉब मिलती है..कनिक ख़ुशी से जॉब करती है, हाल ही में कुछ दिनों के बाद कनिक को इशांक(30) से मुलाकात होती है अॉटो स्टैंड में, इशांक बहुत खुबसूरत रहता है ...इसी बात का उसको घमंड रहता है और वो काई लड़कियों की इज्जत को बर्बाद कर चूका था,,लड़कियां इशांक की खूबसूरती में अपना दिल दे देती थी...कनिक और इशांक की ऑटो के चक्कर में नोक झोक होती है....... कुछ दिन बाद फिर इशांक से कनिक की मुलाकात होती है .कनिक के ऑफिस के बाहर ..कनिक इशांक को गुस्से से देख कर अपने ऑफिस के अंदर चली जाती है ..ऐसी ही मुलाकात के बाद कनिक और इशांक में प्यार हो जाता है ..कनिक इशांक के साथ बहुत खुश रहती है है....एक दिन कनिक ऑफिस से अकेले अपने कमरे में जाती है तभी कुछ लड़के कनिक को अकेला देख कर परेशान करते हैं....कनिक इशांक को कॉल करती है...इशांक आ जाता है कनिक को बचाने के लिए वहा लड़ाई होती है...फिर इशांक कनिक को लेके कनिक के होस्टल में ड्रॉप करता है...कनिक को इशांक से सच्चा प्यार हो जाता है लेकिन इशांक कनिक से प्यार नहीं करता वो उसे इस्तेमाल करता है अपने जरूरतो के लिए .एक दिन कनिक इशांक को फोन करती है ऑफिस से होस्टल ड्रॉप करने के लिए, लेकिन इशांक ने फोन रिसीव नहीं किया, वो अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा है, तभी इशांक का एक दोस्त इशांक से बोलता है,, भाई देख ले कौन है जो इतना फोन कर रही है...इशांक बोलता है एक बंदी है बहुत खूबसूरत और एकदम कड़क है...सोचता हूं आज इसका शिकार कर लूं......इशांक के दोस्त बोलते हैं चल भाई दिखा कौन है वो मछली जो तेरे जाल में खुद आ कर फंस गई...इशांक अपने दोस्तों के साथ निकलता है कनिक को पिकअप करने को....इशांक अपने सारे दोस्तों को एक गैराज में कहता है रुकने को...और खुद कनिक को लेने चला जाता है... .कनिक को फोन करके पूछता है। कनिक ऑफिस से निकल कर इशांक के बाइक में बैठ जाती है वो ये भी नहीं पूछती कि इशांक उसको लेके कहा जा रहा है.... रोमैन्टिक गाना होता है दोनो के बीच में । कनिक इशांक से प्यार भरी बातें करती रहती है और इशांक कनिक को हम्म...मैं जवाब देता रहता हूं है
रास्ते में कनिक को उसके घर से फोन आता है...कनिक के पापा...कनिक को वापस बुलाते हैं कानपुर...कनिक के घर....कनिक अपने पापा की बात को सुन कर भावुक हो जाती है। पर जवाब नही देती है कुछ ..इशांक सब बात सुनता रहता है....इशांक को कनिक गाड़ी रोकने को कहती है
लेकिन इशांक नशे में रहता है तो कुछ नहीं सुनता है। कुछ देर बाद इशांक की गाड़ी सीधे गैराज में रुकती है जहां इशांक के शराबी दोस्त पहले से इंतजार कर रहे हैं इशांक का...
कनिक उन सबको देख कर इशांक से पुछती पर इशांक कुछ नही बोलता और जोर जोर से हंसने लगता है ,,कनिक यह देख कर डर जाती है.वो सब ऐसे दिखते हैं जैसे भेड़िया हो जो कनिक को बस खा डालेंगे....कनिक को कुछ नहीं पता होता कि आज क्या होने वाला है...कनिक इशांक को वहां से चलने को कहती है..लेकिन इशांक अपने दोस्तों के साथ कनिक को जमीन में पटक देता है...पहले कनिक इशांक को समझ पति तब तक इशांक कनिक के कपडे फाड़ देता है....इशांक और उसके दोस्त कनिक के जिस्म के हर एक कोने को ऐसे नोचते हैं जैसे ..कि कुत्ता गोस्ट को.इशांक और ईशानक के दोस्त कनिक के प्राइवेट पार्ट को अपने टदांत से कट डालते हैं..कनिक का दर्द से बुरा हाल हो जाता हैं...कनिक दर्द से चीख्ती रहती है पर वो नहीं छाडते उसको,, वो दरिंदगी की सारी हदे पार कर देते हैं। जब कनिक ये सब दर्द को सहते-सहते बेहोश हो जाती है तो...इशांक उसका एक स्टैन कटा डालता है...कनिक को वही छोड कर भाग जाते है सब...

याहा इंटरवेल होता है

सुबह का वक्त रहता है तो गैराज में सफाई करने....राजू(55) चाचा आते हैं राजू चाचा को कुछ सही नहीं लगता गैराज में..उन्हे गैराज के गेट पर बाइक के पहीऐ के निशान मिलते है तो वो...अपने मालिक ज़ैन मलिक(30) को अपने कीपैड फोन से कॉल करते हैं...
ज़ैन मलिक जो पेसेवर से वकील रहते हैं राजू चाचा की बात सुन कर डायरेक्ट अपने गैराज आता है ..राजू चाचा ज़ैन मलिक को सब बताते हैं...ज़ैन अंदर जा कर देखता है कि कहीं कोई समान चोरी तो नहीं हुआ...जैसे ही ज़ैन मलिक गैराज के अंदर पहला कदम रखतें है उसको सबसे पहले कनिक के ऊपर नज़र पड़ती है जो बिहोश रहती है...ज़ैन मलिक को देख कर अपने आँख बंद कर लेता है..राजू चाचा से कपड़ा माँगते है...कनिक के ऊपर कपड़े को दाल कर कनिक के हाथ के नस को पकड़ के देखता है...कनिक की नस चलती है...ज़ैन अपनी कार में राजू चाचा के मदद से कनिक को अस्पताल ले जाता है..अस्पताल में उसका इलाज होता है...डॉक्टर जै़न को बताते है लडकी के प्राइवेट पार्ट मे 72 दांत के निशान है ,जै़न ये सुन कर मानो दुनिया ही छोड दिया हो,, 7 दिन के बाद जब उसको होश आता है तो ज़ैन मलिक...उस से उसका नाम पता पूछता है....कनिक कुछ नहीं बोलती है।
3 महीने के बाद कनिक की हालत सही होती है तभी कनिक को मालूम होता है जिसने उसकी जान बचाई वो पेसेवर से वकील है.कनिक अब इशांक को फासी दिलाने के बारे में सोचती है..
कनिक का केस ज़ैन मलिक लडने को तैयार हो जाता है ज़ैन मलिक बड़ी मुश्किलों में इशांक और उसके दोस्तों को फासी की सज़ा दिला देता है..इतना सब कुछ होने के बाद कनिक अपने घर वापस आ जाती है कानपुर ..कानपुर में कनिक के परिवार के लोग कनिक को देख कर खुश भी होते हैं और दुखी भी.... यहीं से अंत हो जाता है...