Contract Marriage - 17 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 17

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कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 17

मेड सिर झुकाए घबरा कर जाने लगे तो अक्षा चिल्लाने लगी मदद करो मत जाओ यहां से वो खींचा रही थी विक्रम के खिंचने पर ...

अक्षा आज हिम्मत नहीं हार सकती उसे खुद ही अपनी मदद करना होगा नहीं तो ये जानवर उसकी आबरू लुट लेगा , विक्रम जैसे ही अक्षा को बिस्तर पर फेंकने लगा तो अक्षा उसके दोनों हाथों को कसकर पकड़ी आपने एक हाथ के नाखून गड़ाते हुए फिर उसके दूसरे हाथ को पकड़ कर उसके कलाई पर अपनी दांत गड़ा दिया वो बंदर की तरह विक्रम से चिपक गई थी ..!!

विक्रम को असहनीय दर्द हुआ तो उसके हाथ ढीले हो गए और वो आंखें बंद करके अपने दोनों हाथ अक्षा से छुड़ाने लगे ...

अक्षा इसी मौके की फायदा उठाकर वहां से भागने लगी अपने कपड़े ठीक करते हुए उसकी फोन दरवाजे के पास एक छोटा सा कबड़ के ऊपर ही था वो दौड़ते हुए अपने फोन को देख लिया था उसने पीछे देखा वो शैतान अपने दोनों हाथ को हवा में लहरा रहा था तो अक्षा ने अपना फोन उठाया और वहां से चली गई बाहर सिक्योरिटी गार्ड ने पूछा लेकिन उसकी तितर बितर हुए बाल और उसके रोते हुए चेहरा फिर फटे हुए कपड़े को देखकर ग़लत होने का अंदेशा लगा इसलिए सिक्योरिटी गार्ड नहीं पूछा वो जाने दिया वैसे भी विक्रम को लड़कियों के जिस्म खेलने का इल्ज़ाम लगा था उसे ये बात पता था ...

अक्षा बिना रोक टोक के उस विला से निकल गई लेकिन रास्ते पर चलते हुए उसे अब विचार आने लगी वो अब कहां जाएगी , मुंबई शहर था इसलिए लोगों की भीड़ कम नहीं थी सड़क पर आने जाने वाले कम नहीं थे ,अक्षा को हिना की याद आई और फोन किया रिंग गया और एक सेकंड में रिसिव हुआ वो बोली चहककर "बोलो अक्षा कैसे फोन किया ..!!

अक्षा एक किनारे लगे पेड़ के पास लगे लोहे के चेयर पर बैठ गई और सोचने लगी कि वो क्या करे किसे मदद के लिए बुलाए वो घबराई हुई परेशान सी थी उसके लब बुरी तरह से कांप रही थी यहां तक कि उसके शरीर भी कांप रही थी वो कांपते होठों से बोली रुवासी आवाज में"हिना .. हिना मैं वो घर छोड़ कर आ गई वहां वो शैतान ने .. शैतान ने में...मेरी इज्जत पर हाथ डालना चाहा वो फफक कर रो पड़ी..

हिना के दिल को धक्का सा लगा और वो अक्षा के लिए घबरा गई फिर चेयर से उठ खड़ी हुई और पूछने लगी,"अक्षा अपने आप को संभालो और बताओ तुम कहां हो मैं हॉस्टल वार्डन के साथ आती हुं तुम बताओ कहां हो तुम ..!!

अक्षा ने आसपास देखा तो कुछ आते जाते सड़क किनारे के आदमियों ने उसे घुरकर देखते गुजर रहे थे ,उन लोगों पर अक्षा का नज़र पड़ी तो और घबरा गई और कांपने लगी फिर कोई अनर्थ ना हो लोगों के आंखें अक्षा को वैहशी जैसा लग रहा था फिर उसे समझ नहीं आया वो कहां है और क्या बोले फिर वो रोते हुए बोली"हिना मुझे नहीं पता मैं कहां बैठी हुं तुम ही आ जाओ यहां मुझे बहुत डर लग रहा है ..!!

हिना बोली सांत्वना देते "अक्षा तुम डरो नहीं हिम्मत रखो ऐसे डरने से लोग और डराएंगे तुम डरो नही ऐसा करो कोई आटो लो और हॉस्टल आ जाओ मैं हॉस्टल के बिल्डिंग के नीचे खड़ी रहूंगी ठीक है पता है ना तुम्हे हॉस्टल युनिवर्सिटी के पास ही है किसी भी आटो वाले को बोलो वो ले आएगा पर तुम हिम्मत से काम लेना समझी और तुम फोन पर ही रहकर आटो लो जाओ मैं सुन रही हुं तुम्हें उठो चलो ..!!

हिना उसे हिम्मत दे रही थी अक्षा कोशिश करने लगी वो अजनबी शहर में थी अभी अभी तो आई थी मुंबई शहर उसने अब तक सिर्फ कॉलेज का रास्ता ही देखी थी और ये सब घटना हो गया उसके साथ ,अक्षा ने हिम्मत करके सड़क पर आई और एक आटो रिक्शा को रुकवाने लगी..


हिना भी अपने हॉस्टल कमरे से निकल कर वॉर्डन के पास आई और अक्षा के रहने के लिए इजाजत मांगने के लिए सारी बातें बताने लगी उसके एक दोस्त है आज उसके ऊपर मुसीबत आई है इसलिए वो हॉस्टल आ रही है ..!!

तीन चार आटो में यात्री था इसलिए नहीं रुके फिर पांचवें आटो रिक्शा आकर अक्षा के लिए रुका ,अक्षा बैठी और बोली संगीत युनिवर्सिटी के हॉस्टल जाना है ..!!

आटोरिक्शा चालक ने अपने रिक्शे का मीटर चढ़ाया और बोला "मैम वहां तक जाने के तीन सौ लगेंगे ..!!

अक्षा ने सिर हिलाया हां में और आटो के किनारे सिमट कर बैठ गई घबराकर उसके फोन पर अभी भी हिना कि आवाज आ रही थी और अक्षा बोली वो आटो रिक्शा में बैठ गई है और आटो चल पड़ा है...!!

इधर ..... विक्रम का गुस्सा सातवें आसमान पर था वो विला से जाने से पहले दो मेड को धमकी दिया अगर उन लोगों ने रणविजय को कुछ भी बताया तो उन लोगों का इस घर पर से नौकरी छुट जाएगी और कहीं रहने के काबिल भी नहीं छोड़ेगा बोलकर वो वहां से चला गया ..!!

कुछ देर में...


आटोरिक्शा हॉस्टल के बिल्डिंग पर आया तो हिना इंतजार में थी अपनी हॉस्टल वार्डन के साथ ,आटो से अक्षा उतरकर हिना के गले लगकर रोने लगी ...

आटो चालक दोनों सहेलियों को आपस में गले मिले देखा और बोला "मैडम जी पहले मेरे पैसे दे दो फिर गले मिलते रहना ..!!

हिना भी बिना पर्स के नीचे आई थी उसने अक्षा से कुछ भी नहीं पूछी और अपना फोन निकालकर उसे पेटीएम पर दिया तो आटो चालक के फोन पर मैसेज आया पैसे का और वो वहां से गया..!!

हिना से लिपटी अक्षा को देखकर वार्डन ने सहनभुति दिखाई और अंदर चलने बोली दोनों को ..!!


अक्षा और हिना हॉस्टल रूम आई और हिना बोतल से अक्षा को बैठाकर पानी पिलाई फिर अक्षा के साथ हुए घटना के बारे में सुनने लगी ...


"भोपाल शहर रात नौ बजे करीब -

"एक स्पोर्ट कार सुनसान सड़क पर स्पीड से चले जा रहा है ,, चारों ओर सड़क पर "एल ईडी लाइटें, जगमगा रही है उसकी दुधिया रोशनी की चमक थी चारों ओर रास्ता साफ दिखाई दे रहा था उस स्पोर्ट्स गाड़ी के पीछे एक और गाड़ी आ रही थी उसे फ़ोलो करते हुए ..
" गाड़ी में बैठे शख्स गहरी सोच में था पर जाने क्या सोचते हुए उसकी आंखे आसमान के तरफ गया और आसमान में तारा टूटते दिखाई दिया वो देखता रहा और बोला
‌"या अल्लाह फिर मैंने आसमान में टूटता तारा देख लिया आज कौन सी गुनाह होगी मुझसे .. फिर वो सामने देखा तो एक तेज रफ्तार की गाड़ी हार्न बजाते हुए नज़र आती है जो बिल्कुल पास आ गई थी..

" अब उस शख्स को समझ नहीं आया कि राइट ले या लेफ्ट ,उस समाने वाली गाड़ी थोड़ी सी लेफ्ट टर्न लेती है तो गाड़ी में बैठे शख्स भी धोखे से हाथ राइट कर देता है और वो गाड़ी तेज़ रफ्तार के कारण हल्का सा इस शख्स के गाड़ी से टकराकर गोल पलटी खाकर गिरता हुआ आधा किलोमीटर दूर उल्टी खड़ी होती है..!!

"गाड़ी में बैठे शख्स ने कहा "अल्लाह रहम क्या हो गया मुझसे अब क्या नई मुसीबत आ गई ,ये तारे मुझे हमेशा दगा दे जाती है , फिर गाड़ी को साइड में खड़े किया तो पीछे आ रही गाड़ी भी उसकी गाड़ी के पीछे साइड पर आकर खड़ी हुई और वहां से दो नौजवान लड़के निकले और पहली गाड़ी के उस शख्स को बोला

"भाई जान ये क्या हुआ आपसे एक्सिडेंट हो गया देखो वो गाड़ी की ओर कैसे स्पार्किंग हो रही है बाखुदा जिस तरह गाड़ी पलट कर गई लगता नहीं वहां बैठे शख्स जिंदा हो ...!!

उस गाड़ी में बैठे शख्स गाड़ी से उतरा और बोला " शमशेर जाकर देखो गाड़ी में कौन लोग हैं कोई परिवार के लोग फंसे हुए तो तुरंत मदद करो जाओ और रहमान तुम भी जाओ शमशेर की मदद करो ...

कहानी जारी है....