12th fail movie review in Hindi Film Reviews by Mahendra Sharma books and stories PDF | 12th फैल फिल्म रिव्यू

Featured Books
Categories
Share

12th फैल फिल्म रिव्यू

12th Fail फिल्म रिव्यू
फिल्म लगभग उन सभी प्रेक्षकों को पसंद आई है जिन्होंने जीवन में किसी भी परिस्थिति में रुकना नहीं सीखा, हारना नहीं सीखा। ये उन लोगों की कहानी है जिन्हें राजनैतिक तौर पर ही गरीब, मजबूर और पिछड़ा रखा जाता है ताकि राजनेताओं का वोट बैंक बना रहे। फिल्म सच्ची कहानी पर आधारित है। मनोज कुमार शर्मा नाम के आईपीएस अधिकारी की नर्क से निर्वाण की कहानी , संघर्ष से सफलता की कहानी, हिंदी से हिंदुस्तान की कहानी मतलब 12th फैल।

सवाल ये नहीं है की देश में कितनी गरीबी है, कितनी बेरोजगारी है और कितने लोग आज निसहाय निराधार हैं, पर सवाल ये है की कितने लोग आज उस गहरी खाई से बाहर निकलने की नियत रखते हैं। कौन है जिसे अपनी लाचारी से प्रेरणा मिलती है की कल एक नया सवेरा आएगा और उसके लिए हमें तैयारी करनी है।

फिल्म की पृष्ठ भूमी में चंबल है, डाकुओं वाला चंबल और वहां बसा एक गांव बेलापुर। मनोज कुमार शर्मा के पिता को नौकरी से सस्पेंड किया गया है क्योंकि उसने रिश्वत नहीं दी और परिवार गरीबी और तकलीफों में दिन व्यतीत कर रहा है। गांव में सभी बच्चों को 12th की परीक्षा में चोरी करवाना वहां का नियम है क्योंकि वहां के नेता चाहते हैं की सब बच्चे पास हो जाएं। मनोज कुमार भी 12th में परीक्षा दे रहे थे और चोरी कर रहे थे की अचानक एक पुलिस ऑफिसर ने वहां छापा मारा और चोरी को रोका, मनोज कुमार फैल हो गए।

अब शुरू होती है फैल से फरिश्ता बनने की कहानी। कैसे ग्वालियर में 2 दिन भूखा प्यासा रहने के बाद मिला खाना, फिर मिला एक अपरिचित व्यक्ति जिसने दिल्ली जाने को कहा और वहां मुखर्जी नगर में पहुंचना, खुद छोटी मोटी नौकरी करके अपना पेट पालना और बचे हुए पैसे से अपनी पढ़ाई का बंदोबस्त करना। जहां लोग पूरा दिन पढ़के, महंगे ट्यूशन क्लास जाकर भी upsc नहीं कर पाते, वहां ये भाई साहब नौकरी भी करते, पढ़ाई भी करते और पास भी हो गए।

पर क्या केवल पास होना पर्याप्त था? मुसीबतें तो खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं थी मनोज कुमार के लिए। घर पर कमाने वाला कोई नहीं था। अब मनोज को खुद भी जीना था और घर भी पालना था। बस वही करते करते उम्मीद भी कायम थी की एक दिन upsc पास हो जाएगा। इस मुश्किल सफर में मनोज के साथ हैं गौरी भैया। बहुत ही दिलचस्प व्यक्ति जिसे दूसरों के सुख में अपना सुख दिखता है। वे यूपीएससी पास नहीं कर पाए पर अनेक लोगों को मार्गदर्शन कर रहे थे, मनोज कुमार उनके चहीते विद्यार्थी थे।

अगर नियत साफ हो और इरादे बुलंद हों तो रास्ते अपने आप मिल जाते हैं। लोग आपसे जुड़ते हैं और मार्गदर्शन भी मिल जाता है। ऐसा ही मनोज के जीवन में हुआ।

मनोज के साथ हैं उनकी प्रेयसी श्रद्धा, उसी की हिम्मत और प्रेरणा से मनोज बहुत आगे बढ़ पाए। पर ये सब आखिर हुआ कैसे? यह जानने के लिए फिल्म देख लें, ott पर अब उपलब्ध है। हॉटस्टार ott पर फिल्म देख सकते हैं।

विधु विनोद चोपडा ने एक बार फिर कर दिखाया। उनकी मुन्ना भाई और लगे रहो मुन्ना भाई फिल्म निर्माता के तौर पर बहुत सफल रही, फिर ३ इडियट, pk, संजू, सभी सुपर डुपर हिट रहीं पर इन सभी में वे निर्देशक नहीं थे, निर्देशन 12th फैल में किया, सालों बाद किया पर अद्भुत सफलता मिली।

फिल्म में हेयर कट वाला सीन है जहां आईपीएस के लिए अलग और आईएएस के लिए अलग हेयर कट है। मनोज कुमार को जब इंटरव्यू में हिंदी माध्यम में पढ़ाई की वजह से अनदेखा किया जाता है तब वे कहते हैं कि क्या कांच के ग्लास में पानी शुद्ध और स्टील में अशुद्ध होता है क्या? फिर क्यों हिंदी माध्यम को कम और अंग्रेजी को बढ़ा माना जाता है।

विक्रांत मैसी जो बने हैं मनोज कुमार, उन्हें आप मिर्जापुर और क्रिमिनल जस्टिस में देख चुके हैं। लुटेरे फिल्म में भी थे और यहां तक पहुंचने में बहुत मेहनत की है। गौरी भैया हैं अंशुमान पुष्कर, ओटीटी पर काफी प्रसिद्ध हैं, काठमांडू फाइल्स वेब सीरीज कर चुके हैं। पांडे हैं अनंत जोशी। ये भी ओटीटी में आ चुके हैं और वर्जिन भास्कर वेब सीरीज काफी चर्चित रही। मेधा शंकर एक्ट्रेस हैं और साथ ही सिंगर और मॉडल भी हैं। कुल मिलाके युवा कलाकारों ने फिल्म को सुपर हिट बना दिया है।

होटस्टार ओटीटी पर फिल्म देखें, परिवार सहित देखें और बताएं आपको फिल्म कैसी लगी और यह रिव्यू कैसा लगा?

– महेंद्र शर्मा