Devil's Sundar wife - 15 in Hindi Fiction Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Devil's सुंदर wife - 15 - महक का पास्ट !

Featured Books
  • आखेट महल - 19

    उन्नीस   यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़...

  • अपराध ही अपराध - भाग 22

    अध्याय 22   “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक...

  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

Categories
Share

Devil's सुंदर wife - 15 - महक का पास्ट !

एपिसोड 15 (महक का पास्ट ! )
अभिराज और शिवम् मल्होत्रा एक दुसरे के गले लग कर अपनी खुशियां बाँट रहे थे | और उन्ही के पास खड़ी महक ये सब देख हैरान परेशान खड़ी थी | महक को तो समझ में ही नहीं आ है था , की क्या हो रहा यही | इसलिए वो दोनों कको इस तरफ देख पूछती है |
"एक मिंट, पापा कौन है ये ?" शिवम् मल्होत्रा अभिराज से दूर होते हुए ख़ुशी से अभिराज और महक को मिलवाते हैं |
"अभिराज मिलो मेरी बेटी, महक मल्होत्रा से, और महक ये हमारे होने वाले समधी अभिराज कपूर |" अपने पिता की बात सुन महक हैरानियत से देखने लगती है | मिस्टर मल्होत्रा ने ये बात तो मानो ऐसे केहि हो, मानो ना जाने कब से एक दुसरे को जानते हों |
अपनी बेटी के सवालों को समझते हुए शिवम् मल्होत्रा आगे कहते हैं |
"ये मेरे बेटे का दोस्त है | माया के पिता का क्लासमेट |" अब महक को समझ आ रहा था, की उसके पिता क्या कहने की कोशिश कर रहे थे |
अभिराज महक को देखते हुए कहता है |
"ओ, तो तुम महक हो | बहुत सुना है अंकल से तुम्हारे बारे में |" अभिराज कुछ सोचते हुए कहता है | अभिराज को पता था, की महक मिस्टर मल्होत्रा की रियल बेटी नहीं है | लेकिन अभिराज को ये देख कर अच्छा लग रहा था, की महक कितनी समझदार है | इसलिए अब अभिराज , कुछ सोच रहा था |
"क्या हुआ बेटे?" शिवम् अभिराज से पूछता है | "अरे कुछ नहीं " अभिराज अपना सर ना में हिलाते हुए कहता है | फिर मिस्टर मल्होत्रा अभिराज को हॉल के सोफे पर बिठाते हुए कहता है |
"तो माया मान गई है शादी के लिए | तुमने काम किया ?"न शिवम् अभिराज से बात करता है | तो अभिराज जल्दी से हाँ में ख़ुशी में अपना सर हिलाते हुए कहता है |
"हाँ, अभी भी मान गया है | सारी तयारी हो चुकी है, बस कल कोर्ट जाना है |" अभिराज की बात सुनकर, शिवम् हस्ते हुए अपनी जगह से उठता है, और अभिराज के लिए एक ड्रिंक प्रपेयर करता है |
वहीँ अभिराज का ध्यान बार बार साइड में बैठी महक पर जा रहा था | अभिराज ने महक के बारे में सब कुछ पता लगा लिया था | और उसे पता चला था, की महक एक डॉक्टर है | महक के वहां से जाते ही, अभिराज शिवम् से कहता है |
"वैसे अंकल महक के लिए मेरे पास कुछ है " अभिराज ने ये बात बहुत नार्मल तरिके से कही थी | लेकिन अभिराज की बात सुन, शिवम् मल्होत्रा बहुत खुश हो जाते हैं | लेकिन तंज कसने वाली आवाज़ में अभिराज से कहते हैं |
"तो तुम मेरी पोती के साथ, मेरी बेटी को भी मुझसे दूर करना चाहते हो ?" हा हा हा हा
अभिराज हस्ते हुए आगे कहता है "हां हां हां हां , मैं मज़ाक नहीं कर रहा हूँ मिस्टर मल्होत्रा " उसके बाद शिवम् कुछ सोचता है, और फिर दोनों कुछ देर और बातें करते हैं |
महक जब अपने कमरे में जाती है, तो आराम से अपने बिस्तर पर बैठते हुए अपने फ़ोन में कुछ चेक करती है | महक अपने फ़ोन पर एक लड़के की फोटो देख रही थी, और देखते हुए महक की आँखों में आंसू आ जाते हैं |
" कहाँ हो तुम ? अब बहुत टाइम हो गया , वापिस आ जाओ | प्लीज !" महक अपनी रउवाँसी आवाज़ में कहती है | और अपने झलकते हुए आंसुओं को साफ़ करती है |
महक बहुत छोटी थी, जब उसके प[पेरेंट्स की डेथ हो गई थी | उस वक़्त महक अपने स्कूल में थी, और अपने दोस्त आरव के साथ लंच कर रही थी, की उसे प्रिंसिपल ऑफिस में बुलाया जाता है | महक बहुत ज़्यादा डर गई थी | क्यूंकि उसे लग रहा था, की उसने कुछ गलती की है, शायद इसलिए प्रिंसिपल ने उसे बुलाया है | | लेकिन ऑफिस के अंदर जाते ही, महक को एक बहुत बड़ा झटका लगता है |
महक की लाइफ में सिर्फ उसके पेरेंट्स ही थे, और अब वो बिलकुल अकेली हो गई थी | महक उस दिन के बाद आज तक नहीं रोइ थी | लेकिन उस दिन, महक ने अपना एक दोस्त भी खो दिया था | आरव, जो अचानक से अपने पेरेंट्स के साथ कहीं चला गया था |

आखिर कौन है ये आराम ? और महक का उसके साथ क्या रिलेशन था ? और क्या होगा जब माया और अभी एक दुसरे से मिलेंगे ?
जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ |