सुनील ने कहा अरे बाबा अब भाव मत खा हां।।
राज ने कहा अच्छा ठीक है।।।
राज ने भी अपने अन्दाज से शुरू किया।
तेरी बाहों मे ईश्क मेरा आबाद हो जाए
खुद को भूल जाऊ बस तु ही तु याद हो जाए
मे लिख लिख तेरी शायरी हर महफ़िल को लूट लू
तेरे गुलाब होंठो से एक बार ईरशाद हो जाए
तेरी बाहों मे ईश्क मेरा आबाद हो जाए
तुम ना दिखो तो बारिश भी कुछ खास नही लगती
बिना तेरे सच कहूं भूख प्यास नही लगती
कट तो जाता है फिर भी दिन किसी बहाने से
पर घबराता हूं फिर से कन्ही ना रात हो जाए
तेरी बाहों मे इश्क मेरा आबाद हो जाए
तू अपने दिल की बाते मुझे बेशक मत बताया कर
मेरी जान अपनी तकलीफे मुझसे मत छुपाया कर
तू तो हक जताया कर इकलौती हकदार तू मेरी
खामोशी से खड़े मुश्किल मामलात हो जाए
तेरी बाहों मे इश्क मेरा आबाद हो जाए
फिर सब ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर किया।
वाह कितना दर्द छुपा है।।।
ये बात पारो ने कहा।
सुनील ने कहा हां, अब तुम्हारी बारी है।
परी ने कहा ना बाबा ना मुझे नहीं आता।
सुनील ने कहा लगता है प्यार नहीं हुआ अभी तक?
पारो ने कहा अरे बाबा नहीं हुआ। सुनील ने कहा अब हो जाएगा।
हिना ने कहा अच्छा अब मुझे चलना होगा एक क्लाईंट से मिलने जाना है।।
सुनील ने कहा ओह! मैं चलूं क्या?
हिना ने कहा जी नहीं शुक्रिया।
राज ने कहा सुनील तू कुछ मत बोल उसकी आदत है अकेले चलने की।।
हिना ने कहा हां, ठीक कहा देवर जी मुझे अपनी मंजिल का पता है भला क्यों किसी के साथ का इन्तजार करूं।जब अकेले ही चलना है।
सुनील ने कहा अरे नहीं ऐसा नहीं होता है क्या पता राहों में कोई आपका इंतजार कर रहा हो।
हिना ने कहा मैं चलती हूं।
हिना चली गई।
राज ने कहा पता नहीं किस बात का गुरूर है इसे।
सुनील ने कहा हां, कुछ तो है यार!!!
फिर सब नाश्ता करने बैठ गए।
फिर परी के पापा का फोन आ गया वो उठकर चली गई और फिर सब को मिनल ने कहा कि परसों परिणीती का जन्मदिन है।
राज ने कहा अच्छा फिर एक सरप्राइज पार्टी करते हैं।
सुनील ने कहा हां ठीक है उसे कुछ भी पता नहीं चलना चाहिए।
मिनल मासी में कहा अरे आ रही है वो।
फिर सब एकदम शांत हो कर नाश्ता करने लगे।
परी की आंखे नम थी और फिर वो कुछ बोलने ही वाली थी पर सुनील ने कहा अरे राज चल वो अमित का फोन आया है।
फिर दोनों ही निकल गए।
परी ने कहा बुआ पापा ने कहा कि परसों मैं।।
मिनल ने कहा अरे बाबा परी जा जल्दी से छत पर कपड़े सुखाने दे कर आ।।
परी ने कहा ओह।
फिर परी भी उठ कर चली गई और मन में सोचा कि बुआ को भी याद नहीं परसों मेरा जन्मदिन है।
परी की आंखे गीली हो गई थी पर उसे लगा कि नहीं यहां पर किसी को नहीं बता सकती हुं।
सबसे पहले दोनों शापिंग मॉल में जाकर कुछ अच्छी ड्रेस , परफ्यूम,वाच, हैंड बैग खरीदा।
पैकिंग करवा कर गाड़ी के डिक्की में रख दिया।
केक पार्लर जाकर एक केक बनवाने दे दिया।
वहां से राज एक डेकोरेशन डम के पास जाकर सब कुछ अच्छी तरह से समझा दिया।
राज ने कहा देखें सब कुछ छत पर ही सेट करवाते हैं।
सुनील ने कहा हां ठीक है यार के बाद बता तू क्या सीरियस है क्या?
राज ने कहा अरे बाबा ऐसा कुछ नहीं है वो सिर्फ बचपन की दोस्त हैं।
हम प्यार एक बार ही करते हैं और शादी भी एक बार।।पर बैड लक कि हिना की शादी हो चुकी है।
सुनील ने कहा किस दुनिया में जी रहा है तू !
एक बार अंकल आंटी से बात तो कर।
राज ने कहा नहीं कर सकता हूं क्योंकि वो मेरे भाई की बीबी है। और फिर अगर पापा को पता चला तो वो सहन नहीं कर पाएंगे यार।।
सुनील ने कहा ये तेरी सोच है दो प्यार करने वाले एक दूसरे के लिए बने हैं तो भगवान ही सब ठीक कर सकता है।
क्या तुमने कभी हिना को बोला कुछ?
राज ने कहा क्या ही बोलूं मैं वो तो मुझे देवर जी कहती हैं।
जाने दे भाई।
चल अब चलते हैं।।
फिर दोनों जब घर पहुंचे तो देखा सब कुछ परेशान थे।
राज ने कहा मां क्या हुआ?
आभा ने कहा अरे अब तक आई नहीं हिना!
फोन भी बन्द आ रहा है।
राज ने कहा ओह ये बात है। रोज का नाटक है बस।
सुनील तुम रूक मैं अभी आया।
सुनील ने कहा ओके।
राज ने अपनी गाड़ी निकाली और निकल गया सरपट।।।
उधर हिना को कोई आटो रिक्शा नहीं मिला तो वह बस स्टैंड पर चली गई।
और उसका फोन भी बन्द पर गया था।
हिना ने सोचा आज तो मम्मी जी से डांट मिलेगी।
और वो मिस्टर खरूस अलग।
काफी देर तक कोई भी बस नहीं मिला तो हिना बस सोच रही थी क्या करें?
तो एक बाईक पर सवार रोमियो टाइप आया और बोला मैडम मैं आपको छोड़ दूं।
हिना ने कहा अरे बाबा नहीं आप जाओ।
फिर से वो लड़का बोला मैडम मैं आपको।।
अब आया हिना को गुस्सा।इतने में राज की गाड़ी भी आ गई पर वो दूर से नजारा देखने लगा और फिर जब उस लड़के ने हिना का हाथ पकड़ लिया तो अब हिना किसी शेरनी से कम नहीं थी उसने अपना सिखा हुआ जुडो कराटे शुरू कर दिया।
राज तो दूर से ही देख रहा था और मुस्कुरा रहा था कि वाह रे मेरी लेडी बॉय।
अब तो इसे अस्पताल जाना होगा।
हिना ने कहा बस एक ही प्राब्लम है लड़कों में सब हीरो समझते हैं अकेले देखा नहीं कि।
कुछ देर बाद ही एक गाड़ी आकर रुकी और हिना उसमें बैठ गई।
राज ने कहा ओह माई गॉड अब यह क्या है।
पीछा करता हूं।
बस कुछ ही देर बाद हिना की गाड़ी उसके अपने घर के सामने ही रुक गई।
राज ने भी अपनी गाड़ी पीछे ही रखा।
क्रमशः