आगे आपने देखा की कैसे गुड़िया परी पर काला जादू करती है ।
ओर जैसे सुनैना गुड़िया को कील चुभाती है ।
परी चिल्ला देती है ।
जिससे वो गुड़िया खिड़की से उड़कर बाहर भाग जाती है ।
हम सबको लगता है की प्रिया ने उसे उड़ते हुए देख लिया है ।
पर हकीकत कुछ ओर थी प्रिया ने सिर्फ खुली खिड़की ही देखि थी ।
ओर वो लोग परी को अपने साथ ले गए ओर उसे सुला दिया ।
अब आगे ।
सुबह होते ही अनुज ओर प्रिया जागे ओर फिर नहा - धोकर परी को जगाया ।
पर ये क्या परी को तो बहुत तेज बुखार था ।
१०४ डिग्री बुखार ।
तुरंत डॉक्टर को फोन लगाया ओर वो परी को देखने के लिए आए ।
उन्होंने परी को देखा ओर कहा कुछ भी नहीं सायद सदमे की वजह से बुखार है ।
मैंने दवाई देदी है ।
जल्द ठीक हो जाएगी ।
सब काम पर चले गए ।
फिर रात को डिनर मे सब एकठे हुए ।
सब ने परी का हालचाल पुछा ।
तो परी एकदम ठीक लग रही थी ।
पर एक बात सब ने नोटिस की की वो अपने आपसे बहुत बाते कर रही थी ।
ओर उसने कुछ खाना भी नहीं खाया ।
जब रात को सब सो गए तो वह धीरे से दरवाजा खोलकर बाहर चली गई ।
थोड़ी देर बाद कुत्तों की जोर से भोंकने की आवाजे आई ।
ये सुनकर प्रिया ओर अनुज जाग गए ।
कही पर परी दिखाई न दी ।
तो वो लोग भी बाहर आए ।
बाहर आके उन्होंने देखा की परी एक बिल्ली को हाथों मे लेकर दांतों से चबा रही है ।
उसके हाथ पूरे मांस से सने हुए है ।
ओर कपड़ों पर खून ही खून है ।
मानो कोई सदी ओ से भूखा हो ।
ओर आज खाने को मिला हो ।
वो बिल्ली को इतनी तेजी से खा रही थी ।
की जब तक वो लोग उनके पास पहोचते बिल्ली मे हड्डियों के अलावा कुछ नहीं बचा था ।
मानो कोई प्रेत साया उस पर हावी हो गया हो ।
ओर जब अनुज ओर प्रिया उसके पास पहुचे वो हसकर भाग गई ।
ओर वो भी चार पैरों पर जैसे जानवर जाते है ।
ओर कूदकर जाड़ पर उल्टी लटक गई ।
मानो जैसे कोई रक्त पिसाच आज सदीओ बाद जीवित हुआ हो ।
फिर वो प्रिया पर जपटी ओर उसके खंबे पर बैठ गई ।
उसने जैसे ही प्रिया के खंभे पर दांत गिड़ाए ।
अनुज मे बगल मे रखे डंडे से उसके सिर पर वार किया ।
ओर परी बेहोश हो गई ।
तब तक घर के सारे लोग वहा आ चुके थे ।
ओर मंगल मेंसन के ऊपर काले बादल का डेरा जमा ।
फिर सबको उसमे सुनैना दिखी ओर वो बोली ।
ये तो सिर्फ सरुआत है । अनुज ।
मै तेरे ही सामने सबको तड़पा -तड़पा कर मारूँगी ।
अब क्या होगा जानने के लिए पढे - एक कहानी ऐसी भी फिर से - भाग -३