The Author Devaki Ďěvjěěţ Singh Follow Current Read ऐसे बरसे सावन - 27 By Devaki Ďěvjěěţ Singh Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ગામડા નો શિયાળો કેમ છો મિત્રો મજા માં ને , હું લય ને આવી છું નવી વાર્તા કે ગ... પ્રેમતૃષ્ણા - ભાગ 9 અહી અરવિંદ ભાઈ અને પ્રિન્સિપાલ સર પોતાની વાતો કરી રહ્યા .અવન... શંકા ના વમળો ની વચ્ચે - 6 ઉત્તરાયણ પતાવીને પાછી પોતાના ઘરે આવેલી સોનાલી હળવી ફ... નિતુ - પ્રકરણ 52 નિતુ : ૫૨ (ધ ગેમ ઇજ ઓન)નિતુ અને કરુણા બંને મળેલા છે કે નહિ એ... ભીતરમન - 57 પૂજાની વાત સાંભળીને ત્યાં ઉપસ્થિત બધા જ લોકોએ તાળીઓના ગગડાટથ... 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स्वास्तिक - जी कुछ नहीं मैं सोच रहा था कल कॉफी के लिए मिलते हैं ? मीरा - ठीक हैं सोचूंगी बाइ गुड नाइट l स्वास्तिक - गुड नाइट ....स्वीट ड्रीम स्वास्तिक और मीरा दोनों के ही दिल मे प्रेम ने दस्तक दे दी है दोनों ही प्रेम की बारिश में भीगने को लालायित एक दूसरे के ख्याल में डूबे नई सुबह के इंतजार में हैं l अगले दिन ऑफिस में स्वास्तिक बहुत ही खुश नजर आ रहा था l अभिराम - क्या बात हैं....आज बहुत खुश नजर आ रहे हो कहीं लाॅटरी लग गई है क्या स्वास्तिक - हाँ भाई, बस ऐसा ही समझ ले... प्यार को जो मेरे ग्रीन सिग्नल मिल गयी हैं l अभिराम आश्चर्य से - क्या ? स्वास्तिक - तूने क्या सोचा तू मेरी मदद नहीं करेगा तो क्या मेरे इश्क़ की गाड़ी नहीं बढ़ेगी l अभिराम - ओये होय क्या बात हैं तू तो बड़ा ही फास्ट निकला (बहुत धीरे से बुदबुदाते हुए, एक हम हैं बेवक़ूफ़ जिसकी गाड़ी अभी तक वहीं पर अटकी हुई है जहां से शुरू हुई थी ) स्वास्तिक - क्या, तूने कुछ कहा ? अभिराम - नहीं तो.....मैं तो पूछ रहा था.....अगली मीटिंग कब हैं तुम्हारी .? स्वास्तिक -( दिल पर हाथ रखते हुए हायssss) बहुत ही जल्द मैंने कॉफी के लिए पूछा हैं उससे बस उसके जबाब का इंतजार है l अभिराम उदास मूड में - लगे रहो स्वास्तिक - थैंक्स दोस्त स्वस्तिक को तो मीरा के फोन का इंतजार था पर जब उसका फोन नहीं आता तो वह शाम के समय मीरा को फोन लगा देता है l To be continued....... ‹ Previous Chapterऐसे बरसे सावन - 26 Download Our App