दादा जी नायरा के साथ मिलकर कैक कट करते हैं ये दादा जी का 86 वाला बर्थडे था। जो दादा जी हमेशा अपनी पत्नी की याद में सेलिब्रेट करते थे।
दादा जी सबसे पहले नायरा को ही खिलाते है। नायरा भी दादा जी को केक खिलाती है जिसे देख कामिनी और उनकी बेटी सिमी गुस्से में जलभुन जाती है।
दादा जी नायरा से कहते हैं , "मैनै तुम्हारे लिए कुछ तय किया है बैटा, मना मत करना अपने दादा की आखिरी इच्छा समझ कर ही मान लेना।"
नयारा बोली, "ये क्या कह रहे हैं दादु आप आप बस हुक्म करो आपकी पोती आपकी सारी बातें मानेगी।"
दादा एक एनवेलप नायरा को देते हैं और कहते है, "ये तुम अपनी माँ के साथ खोलना।"
नायरा वो लेकर अपने फर्स में डाल लेती है और ओके बोली।
कुछ देर दादा पोती आपस में बातें करते हैं और बाद में नायरा वहा खडी़ एक लड़की से बातें करने लग जाती है वही दादा जी कुछ देर में जमीन पर गिर जाते हैं। और वही उनकी मौत हो जाती है।
नायरा जल्दी से अपने दादा के पास जाती है और उन्हें हिलाती है तब तक सभी घर वाले आ गये थे। कामिनी जी रोते हुए नाटक करते हुए बोली, " देखो देखो इस लड़की ने अपने ही दादा को मार दिया जरूर इसने ही इन्हें कुछ खिलाया है।"
नायरा कामिनी की बात सुनकर रोते हुए अपने दादा को उठाती है "दादु उठे ना क्या हो गया है आपको प्लीज दादु कुछ तो बोलो उठो ना।"
नायरा के लगातार आंसू बह रहे थे वही दादा जी के मुंह से झाग निकल रहे थे। जिसे देख कामिनी अपना नाटक जारी रखते हुए बोली, " देखो पापा जी के मुंह से झाग निकल रहे इस लड़की ने उन्हें जहर दिया है।"
"पर में ऐसा क्यों करुगी दादु थे ये मेरे" नायरा अपने आंसू पोछते हुए बोली।
कामिनी जोर से बोली, "अच्छा ठीक है तलाशी करा अपनी"
नायरा ये सब सुन गुस्से में आ जाती है उनके दादा जी की मौत का इल्जाम उसपर जो लगाया जा रहा था। नायरा अपना फर्स उनके पास फैक देती है और बोली, " ये लिजीए कर लो तलाशी।"
नायरा को सबसे ज्यादा गुस्सा उदय पर आ रहा था जो बस चुप चाप कब से सुने जा रहा था। वहा खडी़ एक औरत उसके पर्स चैक करती है पर उसमें ऐसा कुछ नहीं था जिसका इल्जाम नायरा पर लगाया जा सके।
सिमि जो अपनी माँ का साथ दे रही थी वो रोते हुए उठती है और नायरा का पर्स लेकर उसका हाथ पकडती है और खिचंते हुए वहा से बाहर निकाल देती है नायरा लगातार उससे अपना हाथ छुडाते हुए बोली, "सिमी हाथ छोडो़ मैरा मुझे दादा के पास जाना है छोडो मेरा हाथ।"
पर सिमी अपनी पकड़ टाइट करते हुए उसे वहा से निकाल देती है और बोली, "तुम्हारी वजह से मेरे दादा चले गए हैं तुम दुबारा हमारे घर कभी मत आना। चली जाओ यहाँ से"
सिमी नायरा को धक्का देकर निकाल देती है। और नायरा वही गिर जाती है