Tanmay - In search of his Mother - 14 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 14

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Tanmay - In search of his Mother - 14

14

द एंड?

 

मेरे पति राजेंद्र बिश्नोई उनके साथ  बिज़नेस करते थें I हमारी  फैक्ट्री में जो मॉल  बनता था, वह  उनकी  शॉपिंग वेबसाइट  पर बेचा करते थेंI रुद्राक्ष ने कुछ सोचते हुए पूछा, आप  उनके बारे  में  कुछ  और जानती हैI नहीं, मेरे पति ही उनसे ज़्यादा  बात करते थेंI रुद्राक्ष  ने उमा की तरफ़  मुस्कुराकर देखा और फ़िर  वहाँ से  निकल  गया, पुलिस स्टेशन पहुँचकर उसने शिवांगी को बुलायाI

 

जी सर,

 

शिवांगी, बिश्नोई की डेथ कब हुई  थीं ?

 

1  अक्टूबर  को I

 

नैना राठौर भी तो  1 अक्टूबर से ही लापता हैI 

 

हाँ,  सर आप कहना क्या चाहते हैं?

 

बिश्नोई भी  नैना के साथ  बिज़नेस करता थाI

 

सर, यह  इत्तिफाक भी तो हो सकता हैI आख़िर नैना का काम ही ऐसा थाI

 

हाँ, हो सकता हैI मगर  दोनों  केस एक दूसरे से जुड़े भी तो हो सकते हैंI यह  नैना  मिसिंग केस तो दिलचस्प मोड़ लेता जा रहा हैI

 

अब क्या करना है ?

 

एक बार फ़िर  से  बिश्नोई की चैट  खंगालो सारे  कॉन्टेक्ट्स देखो, क्या पता कोई लीड मिलेंI

 

शिवांगी ने हाँ में  सिर हिलाया और वह वहाँ से  चली गईI रुद्राक्ष टेबल पर रखा हुआ पेपरवैट घुमाने लगाI

 

अभिमन्यु और प्रिया इस बार एक रेस्ट्रा में  मिलेंI अभिमन्यु ने कॉफ़ी आर्डर करने के बाद  उससे बातचीत शुरू की,

 

प्रिया  कल रात, जो कुछ  भी हुआ. ........

 

इट्स ओके  अभिमन्यु, मैं  समझ सकती  हूँ कि  वो  सब  अनजाने में  हुआI उसने बीच में  बात कटाते हुए कहाI

 

अभिमन्यु ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा, मुझे तुम्हारी दोस्ती की आज भी बहुत  ज़रूरत हैI प्रिया ने हाथ में  कॉफी लिए वेटर को देखा तो अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली, भैया, दो ग्रिल सैंडविच भी ले आएंI वेटर के जाते ही वह बोल पड़ी,  मैं  समझती हूँ कि  तुम पर क्या गुज़र रही है और मैं भी तुम्हारी दोस्ती नहीं  खोना  चाहतीI अभिमन्यु ने उसकी  तरफ मुस्कुराकर देखा और वह  भी उसे  देखकर  मुस्कुराने लगीI  रेस्ट्रा में  अपने केक के पैकेट्स देने पहुँची  मालिनी ने  दोनों  को देख लियाI उसने  रेस्ट्रा के मालिक को केक  के पैकेट पकड़ाएँ  और उन दोनों पर एक नज़र डालकर निकल गई I

 

यह  कौन है ? शायद कोई दोस्त होगीI  मालिनी ने खुद ही अपने सवाल का जवाब दियाI

 

तन्मय ने मालिनी को रोड पर चलते देखा तो कुछ सोचते हुए, वह उसका पीछा करने लगाI राघव ने उसे टोकते हुए कहा, तू  मालिनी आंटी के पीछे क्यों जा रहा हैं?

 

 मुझे देखना है कि  यह  पैदल  कौन से रास्ते जाती हैI

 

अपने घर जा रहीं  होगी या किसी रिश्तेदार केI

 

घर का रास्ता तो यह है नहीं और पापा कहते है, इनका कोई रिश्तेदार भी इस शहर नहीं रहता और दोस्त के नाम पर  मेरे पापा ही बेवकूफ बने हैंI तन्मय ने चिढ़ते हुए कहा तो राघव  को हँसी आ गई I मालिनी  सबसे बेखबर लगातार चलती जा रहीं  हैंI तभी  उसने एक ऑटो  रोका और उसमे बैठ  गई I तन्मय ने भी जल्दी से ऑटो रोका और उसे अपने आगे जाने वाले ऑटो का पीछा करने के लिए कहाI

 

शिवांगी  ने  रुद्राक्ष को बताया कि राजेंद्र  नैना से कोई वाहट्स अप चैट तो नहीं करता थाI हाँ, उससे फ़ोन पर ज़रूर बात करता था, वो भी अपनी  फ़ैक्टरी वाले लैंडलाइन  सेI उसके सुपरवाइज़र अजीत ने बताया कि वह  नैना से आर्डर के बारे में ही ज़्यादा बात करता था और बात भी ज़्यादा लम्बी नहीं होती थी I  नैना फैक्ट्री भी आती  थीं, तब भी दोनों काम की ही बात करते थें I

 

इसका  मलतब  कुछ ख़ास नहीं?

 

सर, अभी तक तो  कुछ ख़ास नज़र नहीं  आ  रहा हैI

 

तलाश ज़ारी रखो, क्या पता कुछ मिल जाएI

 

जतिन ने वकील को अपने ऑफिस में  बुलाया  हुआ हैI

 

और कितने दिन लगेंगे I

 

तीन-चार महीने लग सकते है फ़िर कुछ कानूनी कार्यवाही भी करनी है और  प्रिया  मैडम के साइन भी तो चाहिए I

 

ठीक है, उसने  मुँह बनाते हुए कहाI

 

सर, आपने वो नैना मैडम के लिए तलाक के पेपर बनवाए थें, उनका  क्या हुआ?

 

नैना तो खुद ही मिसिंग हैI

 

वकील यह  सुनकर  वहाँ से चला तो गया, मगर उसकी आँखों के सामने  बीता हुआ कल आने लगा I

 

19/09/2023

 

नैना जतिन के ऑफिस में  उसके सामने वाली  कुर्सी पर  बैठी हुई हैI

 

तुमने बात की ?

 

मना कर रहा हैI

 

मुझे तो पहले ही पता था, उस आदमी को तुम्हारी  बिल्कुल  कदर नहीं हैI

 

ऐसा नहीं है, कदर थीं, तभी  शादी की थींI मैंने सोच लिया है कि  मैं  मॉडलिंग  करूँगी, चाहे कुछ भी हो  जाए I

 

गुडI

 

तभी वकील आता हैI नैना उसे देखकर हैरान होती हैI

 

कहीं तुम प्रिया से डाइवोर्स तो नहीं  ले रहें?

 

सोच रहा हूँI

 

जतिन उस दिन, मैंने उससे बात की थीं, तुम्हारी शादी में अभी बहुत गुंजाईश  हैंI

 

मगर मुझे ऐसा नहीं लगता I नैना ने उसे सवालियाँ नज़रों से देखा तो वह हँसते हए बोला, अरे ! यार मैंने किसी और काम के लिए इनको  बुलाया हैI उसने वकील की तरफ  देखते  हुए कहाI वैसे एक बात कहो, तुम तलाक के पेपर बनवा लोI अभिमन्यु को डराने के काम आएंगेI

 

नैना भी हँस पड़ी, ठीक कह रहें होI जतिन  ने आँख बंद की और बोला, तलाक के पेपर बनवाकर मैंने नैना को दे भी दिए थेI  मगर वो उसके लिए सिर्फ़ कागज़ थेंI

 

तन्मय ने देखा कि मालिनी एक सबवे में  जा रहीं हैI दोनों भी उसके पीछे चल पड़ेI

 

तनु  डर लग रहा हैI

 

कुछ नहीं होगा, मैं हूँ नI

 

तभी  वह सबवे से निकलकर एक खाली पड़े मकान में चली गईI  दोनों दरवाज़े के पास खड़े होकर चुपचाप उसको देखने लगें I एक  दढ़ियल आदमी , उसके पास आया और उसने जेब से  पैसे निकालकर उसे देते हुए कहा, वो ज़िंदा हैI

 

बिल्कुल ! अभी  तक तो हैI आगे आप बताए कि  क्या करना हैI

 

थोड़ा इंतज़ार करो, इसके बाद मैं तुम्हें आख़िरी बार कैश दूँगीI

 

यानी उसके बाद  द  एन्ड I

 

हाँI यह  सुनते ही वह आदमी मुस्कुराने लगा और मालिनी बाहर की तरफ़ आने लगीI बाहर आते हुए उसने तन्मय और राघव को  नहीं देखाI

 

उसके आँखों से ओझल होते ही तन्मय बोल पड़ा, मुझे यकीन है, मेरी मम्मी के बारे में  बात हो रहीं  थींI तन्मय के माथे पर पसीना आने लगा और आँख से आँसू बहने लगेंI