Tanmay - In search of his Mother - 13 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 13

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Tanmay - In search of his Mother - 13

13

 तफ्तीश

 

तन्मय उसकी  तरफ़  लगातार देख रहा था, वह सकपाते हुए कुछ बोलने ही वाली थीं कि तभी अभिमन्यु आ  गया और बात को सँभालते हुए बोला, तन्मय यह  प्रिया  आंटी है। बस अभी आई  थीं और अभी जा रहीं  है। प्रिया  ने उसकी बात सुनकर हाँ में  सिर  हिलाया और तन्मय के गाल को प्यार से सहलाते हुए वहाँ से निकल गई। अभिमन्यु तन्मय से लाड लगाता हुआ, उसे डाइनिंग टेबल पर बिठाने लगा, आज मैं तुम्हारा मनपसंद नाश्ता बनाता हूँ।

 

पापा , वो आंटी यहाँ क्या करने आई  थीं? तन्मय ने अपने पापा को घूरते हुए कहा।

 

अंडो का ओम्लेट बनाते हुए उसने ज़वाब दिया, कुछ मॉल का सामान था, जो सुबह ही डिलीवर होना था, उसे देने आई थीं।

 

तन्मय ने कोई जवाब नहीं दिया, मगर वह अपने पापा के हाव-भाव देखता रहा।

 

राजीव ऑफिस के काम का बहाना बनाकर घर से निकल गया।  गाड़ी  चलाते उसके मन में  सिर्फ़  नैना का ही ख्याल है।  तभी एक घंटे की ड्राइव के बाद  उसने  गाड़ी  एक खाली पड़े  गेराज के बाहर  आकर रोक दीं ।  फ़िर  बड़ी सावधानी से वह इधर-उधर देखता हुआ गेराज के अंदर चला गया। अब वह  धीरे-धीरे एक आदमी की तरफ़ जाने लगा, जो  उसकी तरफ़  पीठ करके खड़ा था।  उसने उसके पास पहुँचते ही  उसे धीमे  से आवाज़ लगाई।  जमाल ! नाम  सुनते ही वह मुड़ा और उसने  उसे मुस्कुराते हुए देखा।

 

मैंने तुम्हें बताया था न कि  क्या करना है।

 

गाड़ी  का पता करना है।  मगर मैंने भी आपको इस काम की कीमत बताई  थीं।

 

उसने जेब से  50,000 रुपए निकाले और बाकी के 50,000 रुपए काम करने के बाद मिलेंगे।  ज़माल ने खुश होकर रुपए पर हाथ फेरा और मुस्कुराते हुए पूछा,

 

वैसे आपको उस गाड़ी  का करना क्या है?

 

तुम अपने काम से काम रखो और हाँ किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि तुम मेरे लिए काम कर रहें हो।

 

मुझे तो ऐसे काम करने  की आदत है, बस आप अपना ध्यान रखें ।  जमाल ने पैसे जेब में  डाले और  काम करने का आश्वासन देकर वहाँ  से चला गया।  राजीव ने गहरी साँस  ली और फ़िर  इधर-उधर देखता हुआ, अपनी गाड़ी  में  बैठ गया।  उसने  गाड़ी में  बैठकर जमाल के बारे में  सोचना शुरू कर दिया।  जमाल  शेयर 'मार्किट में  फ्रॉड करके काफ़ी कम्पनियॉ  को नुकसान पहुँचा चुका है और इसी के चलते  वह कई बार जेल भी जा चुका है। अब वह  गाड़ी  चुराने का काम करता है।  राजीव को उसके बारे में  शेयर मार्किट में  होने की वजह से पता चला और उसे तभी लगा कि यह आदमी उसकी मदद कर सकता है। अब नैना को मैं ढूँढ लूंगा।  उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

 

घर पहुँचते ही  जतिन प्रिया पर चिल्लाने लगा,

 

कहाँ थीं, तुम ? वो  भी सारी रात।

 

ज्योति के यहाँ  पर थीं। रात को दोनों ने इतनी ड्रिंक कर ली कि  समय का पता ही नहीं चला और वहीं पर सो गई।

 

जतिन ने फिर चिल्लाते हुए कहा, तुम्हारे साथ तो रहना ही  मुश्किल होता जा रहा है।

 

तो फ़िर  छोड़  दो मुझे।  प्रिया  ने भी  चिल्लाते  हुए जवाब दिया।

 

जतिन उसके पास गया और प्रिया को दीवार से लगाते  हुए बोला, थोड़ा सब्र कर लो, तुम्हें  हमेशा के लिए  छोड़ दूंगा।  तब तक अपनी हद में  रहो ।  समझी ! उसने प्रिया को झटक  दिया । उसके इस तरह झटकने से प्रिया गिरते-गिरते बची।

 

मुझे भी उस पल का इंतज़ार है, जब तुम मुझे हमेशा के लिए छोड़ दोंगे। तुमने नैना से नज़दीकियाँ  बढ़ाने के लिए ही इस टूटती शादी को बचाने का ड्रामा किया था ताकि नैना की हमदर्दी हासिल कर सको।  बास्टर्ड !

 

तन्मय और राघव सड़क पर चल रहें है।  राघव उसे होने वाले क्रिकेट मैच के बारे में  बता रहा है।  मगर तन्मय अपनी ही सोच में  गुम है।

 

क्या हुआ तनु ?

 

कुछ नहीं।

 

बता न ? फ़िर  कोई बात हुई  है।

 

उसने राघव की ओर देखा और फ़िर उसे प्रिया वाली बात बता दीं।

 

तो इसमें परेशान होने वाली कौन सी बात है।

 

मैंने इन आंटी को पहले भी कहीं देखा है ।

 

मॉल में  देखा होगा या मम्मी के साथ या पापा के साथ  देखा होगा।

 

नहीं, कहीं और देखा है।

 

पर कहाँ?

 

वहीं तो याद नहीं आ रहा। उसने दिमाग पर ज़ोर देते हुए कहा।

 

हाँ, याद आया ।  एक बार यह अपने  स्कूल के बाहर, गाड़ी  में  बैठी थीं और मुझे ही देखी जा रहीं  थीं और आज सुबह ऐसे देख रहीं  थीं कि जैसे जानती ही नहीं हों।  तन्मय ने हैरान होते हुए कहा।

 

स्कूल के बाहर  तो इतनी गाड़ियाँ  खड़ी  होती है और हो सकता है कि  तुझे वैसे ही देख रहीं  हों और इंसान भूल भी तो सकता है। राघव ने उसकी  दुविधा  दूर की और  तन्मय ने भी उसकी हाँ में  हाँ मिलाई।

 

प्रिया को तो कल रात की ही याद आ रहीं है । मुझे दोबारा अभिमन्यु से नहीं मिलना चाहिए। कल जो कुछ भी हुआ, वो एक गलती थीं । मुझे इस गलती को दोहराना नहीं है। तभी  उसे अभिमन्यु का मैसेज आया और उसने उसे मिलने के लिए कहा। उसने पहले तो बहाना बनाया, मगर फ़िर  वह मान  गई।

 

रुद्राक्ष ने गाड़ी बिश्नोई के घर के बाहर  रोक दी। आज उसे हॉस्पिटल से वापिस आई बिश्नोई की बीवी उमा से मिलना है।  जो ब्रेन टूयमर जैसी खतरनाक बीमारी का ईलाज करा रहीं थीं। घर के अंदर आते ही उसे  मुलाजिम ने उमा के कमरे में  भेज दिया।

 

अब आप पहले से बेहतर है?

 

जी !  अभी स्टार्टिंग थीं, इसलिए बचाव हो गया। अब  मेडिकेशन चलेगी। आप पूछिए आपको क्या  पूछना है। वैसे मैं आपको बता ही चुकी हों कि  मेरे पति को उसके  भाई ने ही मार डाला है।

 

कानून  सबूत माँगता है।

 

वह मेरे पति की प्रॉपर्टी और बिज़नेस के पीछे है । उमा की ऑंख  भर आई। मैं तो उनके अंतिम दर्शन भी ठीक से नहीं कर पाई यह कहते ही वह रोने लगी।

 

मैं आपका दुःख समझ सकता हों। मगर हमारी भी  कुछ मज़बूरी  समझिए। हमें ठोस सबूत की ज़रूरत है। रुद्राक्ष ने उसे कई सवाल पूछे और जाने के  लिए उठा ही था कि उसकी नज़र एक पैकेट पर गई, जिस पर काया लिखा हुआ था। यह  देखकर वह चौंक गया और उमा की तरफ़  मुँह करके बोला, आप नैना राठौर सिंह को जानती है?