Tanmay - In search of his Mother - 9 in Hindi Thriller by Swati books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 9

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Tanmay - In search of his Mother - 9

9

हैप्पी बर्थडे

 

 

1/10/2023

 

राजीव और मालिनी भी उसी सोसाइटी में थोड़ी दूर पर बनी उसकी बिल्डिंग के सामने दूसरी बिल्डिंग में रहते हैं। तीन साल हो गए, उसे वर्क फ्रॉम होम करते हुए। उसने पूरा एक कमरा अपना ऑफिस बना रखा है। मालिनी को भी अपना खाने का सामान बनाने के लिए स्पेस की ज़रूरत है, मगर दो बी.एच.के. अपार्टमेंट में  वह अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है। हालाँकि अभिमन्यु उसे, दूसरी जगह दिलवाने में  मदद कर रहा है, मगर अभी भी तलाश ज़ारी है। उनका बेटा मानव देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में  पढ़  रहा है । मालिनी के माता-पिता  भी वहीं रहते है, उन्होंने ही उसे कहा था कि मानव के उज्जवल भविष्य के लिए यह सही फैसला है। राजीव के घर रहने से मालिनी को परेशानी होती है, उसे लगता है कि कोई हरदम उसके सिर पर सवार रहता हो, वह कई बार कह चुकी है कि तुम ऑफिस क्यों नहीं ज्वाइन करते। मगर उसका कहना है कि उसे महीने में केवल एक ही बार ऑफिस जाना होता है। इन्हीं झगड़ों के कारण उसे एंग्जायटी और स्ट्रेस  बूस्टर की गोलियाँ  खानी पड़ती है। उसके डॉक्टर ने ही उसे सलाह  दी  है कि वह कोई काम किया करें।  तभी से  उसने  यह  केक पेस्ट्री और बिस्किट्स बनाने का काम शुरू किया और सोसाइटी में  बेचने के बाद, उसे अभिमन्यु के मॉल  में बेचना शुरू किया।

 

ख़ुद अभिमन्यु ने ही किसी पड़ोसी से उसके केक की तारीफ़ सुनकर उसे अपने  मॉल में बेचने के लिए कहा था। उसके बाद से उनकी जान-पहचान दोस्ती में बदल  गई। जतिन ने अभिमन्यु के मिनी मॉल की मार्केटिंग की थीं, जिसकी वजह से वो अभिमन्यु और मालिनी को जानता है। अभिमन्यु ने ही उसे नैना से मिलवाया था ताकि उसके बिज़नेस को भी प्रमोशन मिल सकें पर अब उसे इस बात का पछतावा है क्योंकि जतिन ने ही नैना  को कहा था कि मालिनी का झुकाव अभिमन्यु की तरफ़ है। हालाँकि वो अभि पर विश्वास करती थीं पर कभी-कभी नैना को भी यहीं लगता था कि जतिन सही कह रहा है क्योंकि उसे पता था कि उसका पति वर्कहोलिक है। मगर इस बात का  अनुमान तो पूरी  सोसाइटी को भी नहीं होगा कि इतना व्यस्त रहने के बावजूद राजीव नैना को देखना नहीं भूलता  था । उस दिन पार्टी में  मिलने से पहले ही वह नैना कई बार देख चुका था।

 

 

वह मालिनी से झगड़कर गुस्से में सोसाइटी से बाहर जा रहा हैं। उसने जब बाहर की तरफ़ जाते हुए देखा कि नैना भी सोसाइटी से निकलकर बाजार की तरफ जा रही  है तो वह बिना कुछ विचार किये उसके  पीछे हो लिया।  उसकी बिल्डिंग से थोड़ी दूरी पर ही  मार्किट है। वह दुकानों की तरफ़ देखे जा रहीं  है, पहले तो उसका  मन किया  कि नैना को रोककर उससे बात करें।  मगर उसे नैना बहुत जल्दी में लगी, जैसे उसे किसी का इंतज़ार हो या किसी को ढूंढ रहीं हों। एक दुकान  पर जाकर उसने प्लास्टिक  का  सामान देखा पर ख़रीदा कुछ नहीं। राजीव भी उस दुकान के  दायी ओर खड़ा हो गया, जहाँ से  नैना उसे साफ़ नज़र आ सकें। पिंक टॉप  और ब्लैक जीन्स में  वह बड़ी प्यारी लग रहीं  है।  उसकी आँखों का रंग नीला  है और  कंधे तक  उसके काले-भूरे बाल उसे और आकर्षक बना रहें हैं। राजीव ने पहले सामान खरीदने का नाटक किया और उसके  बाद वह फ़िर  नैना के पीछे लग गया।  अब  उसने नैना से बात करने का मन बना ही लिया था कि  तभी  सड़क से  दूर  कोने में  एक काले  रंग की हौंडा सिटी  आकर रुकी और वह  उसमे बैठ  गई और देखते ही देखते नैना राजीव की आँखों से ओझल हो गई । राजीव ने गहरी  साँस ली और खुद को अपने  फ्लैट की बॉलकनी में  पाया।

 

आखिर उस दिन नैना कहाँ गई  होगी और किसके साथ गई  होगी? उसने गाड़ी  का नंबर भी देखा था, अगर वह अपने दिमाग पर ज़ोर डालेगा तो उसे  याद भी आ जायेगा। मगर वह किसी को क्या बताएगा कि  वह उस दिन  नैना का पीछा क्यों कर रहा था। पुलिस को पता चल गया तो वह तो बात की खाल निकाल  लेगी। इसी डर की वजह से उसने कभी  किसी को कुछ नहीं बताया। अब अपनी बेचैनी पर क़ाबू पाते हुए वह अंदर कमरे में  चला  गया। उसने देखा कि मालिनी तो सो चुकी है। वह भी अनमने मन से  बिस्तर पर लेट गया और लाइट बंद करके, उसने भी आँखें बंद कर ली पर नींद अब भी उससे आँख मिचौली खेल  रहीं  है । उसकी  आँखों के सामने  नैना का चेहरा  आ  रहा है। कहीं  नैना ने अपने पति  अभिमन्यु को छोड़  तो नहीं  दिया। वैसे अभिमन्यु उसके लायक भी नहीं  था, मगर  उसे पता चला था कि  उसकी लव  मैरिज  हुई थीं। हो सकता है, वक्त के साथ  यह  प्यार का रंग फीका पड़  गया हों

 

अगली  सुबह अभिमन्यु ने तन्मय को सख्त हिदायत दीं कि  वह अब इस तरह की  हरकते करना बंद करें। पुलिस उसकी माँ को ढूँढ रहीं है। वो जल्द ही मिल जाएगी। उसने  मॉल  जाते समय  मालिनी को कॉल करके उसका हालचाल  पूछा तो उसने उसे थोड़ा बुख़ार  बताया। अभिमन्यु ने उसे आराम करने के लिए कहा और तन्मय की तरफ से माफ़ी भी माँगी । मालिनी ने हँसकर  कहा," वो अभी बच्चा है।" इसलिए उसे  उसकी तरफ से  माफ़ी  मांगने की कोई ज़रूरत नहीं है। उसके  फ़ोन रखते ही मालिनी  सोचने लग गई, अभि कितने अच्छे है, पता नहीं  नैना ने कैसे इन्हे छोड़कर जाने का फैसला कर लिया। शादी के बाद  पहली बार किसी ने उसके बर्थडे पर इतना सब किया। वरना  राजीव ने आज तक उसे  फूल या कोई सूट देकर अपनी जान छुड़ा ली हैं। उसने देखा कि  राजीव  तो अपने काम में  व्यस्त है। उसने  एक गोली  क्रोसिन की खाई और  ड्राइंग में  बिछे सोफे पर लेट गई । उसे अपने बेटे मानव की याद आने लगी । उसने उसे फ़ोन  मिलाया। काफ़ी  देर तक उससे बात की और  फिर दवाई के प्रभाव के कारण  वह नींद की आगोश में  चली  गई ।

 

कुछ देर बाद, उसके घर की बेल बजने लगी। राजीव लो लगा कि  मालिनी गेट खोलेगी। मगर जब बेल बजती  रहीं  तो वह ख़ुद  ही उठा और झल्लाते हुए  ज़ोर से  बोलने लगा, "मालिनी!  दरवाजा क्यों नहीं खोलती । तभी मालिनी की आँख खुल गई, उसने  घूरते हुए  राजीव को देखा, जो अब दरवाजा खोलने जा रहा हैं। राजीव ने दरवाज़ा खोला तो देखा कि  सामने एक अनजान व्यक्ति खड़ा है।

 

जी कहिए !!

 

सर मैं  होटल  सनशाइन से  आया हूँ ।

 

मालिनी मैडम घर पर है।

 

हाँ है, पर  क्यों ?

 

मालिनी ने सनशाइन नाम सुना तो उसके होश  उड़ गए । अगर राजीव को पता चल गया कि अभि ने होटल में  उसका जन्मदिन मनाया है तो उसकी शादी का आज आख़िरी दिन होगा।