ये एक कहानी ऐसी भी की दुशरी नॉवेल है ।
अगली कहानी मे बहुत सारी खामिया रहे गई थी ।
इस लिए कहानी को नया मोड देने के लिए ।
कहानी को नए जरिए से सरू कर रहा हु ।
जहा पात्र वही रहेंगे पर कहानी को आगे ले जाऊंगा ।
आगे आपने देखा की परी का जन्मदिन होता है ।
ओर एक अनजान शख्स उसका गिफ्ट रख के चला जाता है ।
जब उसे खोलते है तो उसमे से गुड़िया निकलती है ।
जैसे ही सब सो जाते है वो गुड़िया की नीली नीली आंखे खुलती है ।
अब आगे
वो गुड़िया की नीली - नीली आंखे खुलती है ।
ओर वो चलने लगती है ।
फिर परी के पास जाकर वह आपने जेब मे से एक पुड़िया निकालती है ।
उसे पुड़िया को खोलती है ।
उसमे मे से राख निकालकर परी के कपाल पर लगा देती है ।
ओर फिर जब परी जाग - जाती है ।
तो वह मंत्र बोलती है ॐ क्लीं कपालिके नमः ।
उसे बेहोश कर देती है ।
फिर वो तांत्रिक विधि सरू कर देती है ।
वो सिर्फ यहा पे मंत्र बोलती है पर सारी विधि सुनैना करती है ।
क्युकी घर बंधन होने की वजह से वो घर के अंदर नहीं जा सकती है ।
यहा गुड़िया तंत्र कर रही है ओर वहा सुनैना ।
मानो गुड़िया के अंदर ही सुनैना बशी हो ।
सुनैना परी के जन्मदिन के अगले दिन ही उसके घर के बाहर एक बूढ़ी औरत बनके रोड पसार कर रही थी ।
तभी परी ने उसकी मदद की इस मौके का फायदा उठाकर उसने परी के बाल ले लिए ।
ओर रोड क्रॉस करते वक्त उसका रुमाल चुरा लिया ।
अब उस पर तंत्र बांधने की सारी सामग्री थी ।
अब बस उस तक पहोचने का जरिया चाहिए था जो उसने इस गुड़िया को बनाया ।
अब वो फिर से अपने असली रूप मे आ गई थी ।
उसने बालों को खोला ।
फिर एक चाकू से गोल बनाया ।
उसके बाद मुर्गे को लिया ।
उसकी गरदन पकड़कर उसे चबाया ।
फिर उसके खून से उस गोलाकार को पूर्ण किया ।
फिर एक निशान बनाया ।
उसके बीचों बीच उसने गुड़िया रखी ।
उस गुड़िया को वो रुमाल पहेनाया ।
ओर परी के बाल लगाए ।
फिर वशीकरण के मंत्रों का जाप किया ।
उधर जो मंत्र सुनैना बोलती वही मंत्र गुड़िया भी बोल रही थी ।
तकरीबन डेढ़ घंटे के बाद ।
सुनैना उठी ओर उसने जो गोलाकार बनाया था उसमे रखी गुड़िया को उठाया ।
ओर फिर उसने उसे एक कील चुभाई ।
जैसे ही उसने कील चुभाई ।
परी दर्द के मारे रोने लगी ।
अब जो गुड़िया परी के पास थी वो सतर्क हो गई ।
ओर हवा मे उड़कर खिड़की से बाहर चली गई ।
पर इन सब मे बहुत देरी हो गई थी ।
ओर उसे उड़कर जाते हुए प्रिया ओर अनुज ने देख लिया था ।
वो दोनों परी को अपने साथ अपने कमरे मे ले गए ओर अपने साथ शूला दिया ।
आगे क्या होगा जानने के लिए पढे ।
एक कहानी ऐसी भी फिर से -भाग -२