तो क्या तुम्हें इस कैमरे की फिलहाल जरूरत है ? भौमिक ने सुभाष से प्रश्न किया।
नहीं साहब फिलहाल जरूरत नहीं है। वो तो बस मजदूरों पर नजर रखने के लिए मैं कैमरा लगाता हूं। अब दोबारा काम शुरू करना है, इसलिए कैमरा निकालने आ गया था। वो इसलिए कि शाह साहब ने हवेली का काम मुझे दिया है, तो जिन मजदूरों ने पहले ठीक से काम नहीं किया था मैं उनको दोबारा नहीं बुलाउंगा। सुभाष ने जवाब दिया।
ठीक है तो यह कैमरा तुम बाद में मुझसे ले जाना। फिलहाल यह मेरे पास रहेगा। भौमिक ने कहा।
इसके बाद सुभाष वहां से चला गया। सुभाष के जाने के बाद भौमिक भी हवेली से रवाना हो गया। हालांकि वो अपने घर नहीं गया वो सीधे अपने ऑफिस पहुंच गया था। रात के समय भौमिक को ऑफिस में देख वहां का एक कॉन्सटेबल भी चौंक गया था। उसने तुरंत ही परमार को कॉल कर दिया। परमार उस समय अपने घर पर था। कॉन्सटेबल का कॉल पहुंचने के बाद परमार को भी आश्यर्च हो रहा था कि आखिर भौमिक रात को अपने ऑफिस क्यों पहुंचा होगा। वो भी तैयार हुआ और फिर ऑफिस के निकल गया था।
इधर भौमिक अपने केबिन में पहुंचा और उसने कैमरे की फुटेज को देखना शुरू किया। फिर उसने उस डेट की फुटेज देखना शुरू की, जिस तारिख को हवेली में डॉक्टर सक्सेना और उसके परिवार का कत्ल हुआ था। वो जैसे-जैसे फुटेज देखता जा रहा था, वैसे-वैसे उसकी आंखे आश्यर्च से फैलती जा रही थी। वो जो देख रहा था उसे उस पर यकीन नहीं हो रहा था। फुटेज खत्म होने के बाद वो अपनी चेयर पर टिक कर बैठ गया था। उसके चेहरे पर एक सुकुन नजर आ रहा था, क्योंकि फुटेज के बाद यह केस सॉल्व हो गया था।
इसी दौरान परमार भी ऑफिस पहुंच गया था। परमार ने केबिन में पहुंचते ही भौमिक से कहा- सर आप इस समय ऑफिस में ? कुछ खास था क्या ?
हां परमार बहुत खास था, इसलिए तो इस समय ऑफिस आया था। वैसे आज मेरा मन कर रहा है कि मैं तुम्हें कॉफी पिलाउ। तुम हमेशा मुझे कॉफी पिलाते हो ना। भौमिक ने कहा।
क्या बात है सर, आप बड़े खुश नजर आ रहे हैं ? कातिल के संबंध में कोई सुराग मिल गया है क्या ? परमार ने प्रश्न किया।
भौमिक ने परमार को देखा और कहा- तुम्हें क्या लगता है परमार, मुझे सुराग मिला है या खुद कातिल ही मिल गया है ?
पता नहीं सर। पर इतना तो पता है कि आपकी खुशी इस केस से ही जुड़ी है। या तो आपको सुराग मिल गया है या फिर जैसा कि आपने कहा कि कातिल ही मिल गया हो। परमार ने कहा।
तुमने बिल्कुल ठीक कहा परमार। मेरी खुशी तो इस केस से ही जुड़ी है। तुम्हारी एक बात और भी सच है कि मुझे सुराग मिल गया है। वैसे तुमने अपनी दूसरी बात में शायद लगाया है तो मैं तुम्हें कन्फर्म कर दूं कि मुझे सुराग के साथ ही कातिल भी मिल गया है। इसकार मतलब यह है परमार कि जिस केस ने हमें इतने दिनों से परेशान कर रखा था वो केस आखिरकार सॉल्व हो गया है। भौमिक ने कहा।
तो कौन है सर वो कातिल ? क्या उन स्टूडेंट में से किसी ने उन चार लोगों का कत्ल किया है या हवेली का वो नौकर। या कोई बाहर से आया और कत्ल कर फरार हो गया था। परमार ने पूछा।
अरे परमार आराम से। एक साथ इतने सवाल करोगे तो मैं सभी के जवाब एक साथ कैसे दे सकूंगा। आराम से एक-एक कर सवाल करो तो मुझे भी जवाब देने में आसानी होगी। वैसे तुम सवाल करो उससे पहले मुझे एक कॉफी पीना है। चलो पहले बाहर चलते हैं, एक-एक कॉफी पीकर आते हैं, फिर तुम्हारे सवालों के जवाब मैं तुम्हें दिखाउंगा। भौमिक ने कहा।
इतना कहने के बाद भौमिक और परमार कॉफी पीने के लिए बाहर चले गए थे। इस दौरान परमार बार-बार भौमिक से कातिल के संबंध में प्रश्न करता रहा, परंतु भौमिक उसके हर प्रश्न पर सिर्फ मुस्कुराकर रह जाता था। कुछ ही देर में वे दोनों फिर से ऑफिस आ गए थे।
आखिर ऐसा क्या था उस कैमरे की फुटेज में, जिसे देख भौमिक भी खुश हो गया था? डॉक्टर सक्सेना और उसके परिवार का कातिल आखिर कौन था ? क्या सच में विशाल या उसके दोस्तों में से ही किसी ने डॉक्टर सक्सेना और उसके परिवार की हत्या की थी ? क्या हवेली का नौकर राजन इस पूरे केस के पीछे था ? इन सभी सवालों के जवाब आगे कहानी में मिलेंगे, तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।