Galatee - The Mistake - 52 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 52

Featured Books
Categories
Share

गलती : द मिस्टेक  भाग 52

ओह तो तुम दीवार का नाप ले रहे थे। भौमिक ने कहा।

जी हां, साहब दीवार तोड़ना है ना इसलिए। सुभाष ने कहा।

वैसे मैंने देखा कि तुमने दीवार से कुछ निकालकर अपनी जेब भी रखा था। भौमिक ने कहा।

नहीं साहब हम तो बस दीवार का नाप ले रहे थे। सुभाष ने कहा।

झूठ बोल रहे हो तुम। मैंने देखा है कि तुमने दीवार से कुछ निकाला है और फिर उसे अपनी जेब में रखा है। भौमिक इस बार चिल्लाते हुए बोला।

नहीं साहब हमने कुछ नहीं निकाला है। आपको जरूर कोई गलतफहमी हुई होगी। सुभाष ने कहा।

ओह तो तुम ऐसे नहीं मानोगे। मुझे तुम्हारी तलाशी लेना होगी। भौमिक ने सुभाष को डराते हुए कहा।

त... तलाशी... तलाशी क्यों लेना है साहब। मैंने कहा ना मैं बस दीवार का नाप ले रहा था। मैंने वहां से कुछ नहीं निकाला है। सुभाष इस बार डरते हुए बोला।

जब कुछ नहीं निकाला है तो फिर तलाशी देने में क्या हर्ज है ? भौमिक ने सुभाष की नजरों से नजरें मिलते हुए कहा।

जब हमने कुछ किया ही नहीं है तो फिर हम तलाशी क्यों देंगे ? सुभाष थोड़ा झिझकते हुए कहा।

तुम डर भी रहे हो और झिझक भी रहे हो, इसका मतलब साफ है कि दाल में कुछ काला है। तुम एक काम करो मेरे साथ थाने चलो। वहां सब कुछ क्लीयर हो जाएगा। भौमिक ने कहा।

थाने जाने की बात सुनकर सुभाष और भी ज्यादा डर गया और उसने भौमिक के सामने लगभग सरेंडर कर दिया।

साहब हमको थाने मत ले जाओ। हमस ब कुछ सच सच बताते हैं। सुभाष ने कहा।

बताओ तुमने दीवार से क्या निकाला था। भौमिक ने प्रश्न किया।

सुभाष ने अपने पेंट की जेब में हाथ डाला और एक कैमरा निकालकर भौमिक के सामने किया। भौमिक ने कैमरा देखा और उसे अपने हाथ में ले लिया।

कैमरा ? यह कैमरा कहां से आया ? भौमिक ने सुभाष से पूछा।

साहब आप हमको गलत मत समझना। पर हम जहां भी काम करते हैं वहां एक कैमरा लगा देते हैं। सुभाष ने कहा।

जहां भी काम करते हो वहां एक कैमरा लगा देते हैं, पर क्यों ? इससे क्या फायदा होता है। क्या तुम घर के मालिक को रिकॉर्ड करते हो कैमरे में ? भौमिक ने प्रश्न किया।

अरें नहीं नहीं साहब। हम तो कैमरा हमारे मजदूरों पर नजर रखने के लिए लगाते हैं। कई बार यह होता है साहब की मजदूर काम करते नहीं है और फिर पेमेंट मांगने के लिए चले आते हैं। इसलिए हम मजदूरों के काम को रिकॉर्ड करते हैं और फिर काम के अनुसार उन्हें रूपए देते हैं। सुभाष ने कहा।

पर अभी तो यहां तुम्हारा काम भी नहीं चल रहा है और ना ही यहां कोई मजदूर है तो फिर तुमने यहां कैमरा क्यों लगाया था ? भौमिक ने पूछा।

साहब ये अभी का नहीं है। ये तो पहले जब काम चल रहा था तब से ही लगा हुआ है। फिर काम बंद हो गया था। जब काम बंद हुआ तब हम बाहर गए हुए थे, इसलिए कैमरा नहीं निकाल पाए थे। अब फिर से काम शुरू होने वाला है तो सोचा कैमरा निकाल लेता हूं। जिन मजदूरों ने अच्छा काम किया था उन्हें वापस काम पर बुला लूंगा। सुभाष ने कहा।

मतलब यह कैमरा उस समय से लगा है जब पहले हवेली में काम चल रहा था ? इस प्रश्न को पूछने के साथ ही भौमिक की आंखों में एक चमक सी आ गई थी।

हां साहब करीब 4 महीने से ये कैमरा यहां लगा है। सुभाष ने कहा।

तो फिर इसकी फुटेज कहां है ? भौमिक ने पूछा।

साहब इसमें एक कार्ड लगा हुआ है, सारी फुटेज इसमें ही रहती है। सुभाष ने कहा।

मतलब इसके तीन महीने पहले हवेली में क्या-क्या हुआ वो सब रिकॉर्ड है ? भौमिक ने पूछा।

हां साहब बिल्कुल होगा। अगर कोई परिंदा भी कैमरे के सामने से उड़कर गया होगा तो वो भी इसमें नजर आ जाएगा। सुभाष ने कहा।

क्या कैमरे में डॉक्टर सक्सेना और उसके परिवार का कत्ल भी रिकॉर्ड हुआ होगा ? क्या कैमरे में कातिल का चेहरा होगा ? क्या इस कैमरे की मदद से भौमिक इस केस को सॉल्व कर पाएगा ? अगर कैमरे में कुछ रिकॉर्ड नहीं हुआ होगा तो भौमिक क्या करेगा ? इन सभी सवालों के जवाब आगे कहानी में मिलेंगे, तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।