Galatee - The Mistake - 44 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 44

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गलती : द मिस्टेक  भाग 44

परमार की बात सुनने के बाद भौमिक ने कहा- जानता हूं परमार। हमारे सामने ना तो कातिल का कोई चेहरा है और ना ही कत्ल करने का कोई मकसद ही हमारे सामने आया है। पूरे केस में अब तक हमारे हाथ एक भी सुराग हाथ नहीं लगा है। फिर हत्या और आत्महत्या की थ्योरी ने भी केस बहुत अधिक उलझा दिया है। इसके साथ ही डॉक्टर कि वो सनक के बारे में जबसे शाह ने बताया है मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा है।

सभी का कहना था कि डॉक्टर बहुत अच्छा इंसान था। फिर लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि डॉक्टर सनकी था। अच्छे इंसान के दुश्मन नहीं होते मान लिया पर सनकी इंसान की किसी से तो दुश्मनी रही होगी। हमने डॉक्टर की पूरी जिंदगी को खंगाल कर देख लिया पर उसकी ओर से दुश्मनी का भी कोई एंगल सामने नहीं आया है। आखिर इस केस में ऐसा क्या है जो हम मिस कर रहे हैं ? कुछ तो ऐसा है परमार जो हमारी नजरों के सामने तो हैं पर शायद हम उसे देख नहीं पा रहे हैं। भौमिक अपनी बात कहता रहा।

तो सर क्या यह एक परफेक्ट क्राइम है ? परमार ने भौमिक से प्रश्न किया।

परफेक्ट क्राइम होता ही नहीं है परमार। अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो कोई ना कोई सुराग छोड़कर जाता ही है। इस केस में भी कोई ना कोई सुराग जरूर होगा, बस वो हमें नजर नहीं आ रहा है। भौमिक ने कहा।

अब आगे क्या करना है सर ? परमार ने कहा।

फिलहाल तो मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा है परमार। पर ये केस सॉल्व करना अब मेरे लिए चैलेंज हैं। मैं इस केस को किसी भी हाल में सॉल्व करके ही रहूंगा। वैसे वो हवेली का मालिक अभी यही है या वापस चला गया है ? भौमिक ने परमार से पूछा।

नहीं सर। अभी तो वो यही है। वैसे उसका फोन आया था और पूछ रहा था कि हम हवेली को कब तक उसे सौंप सकते हैं। परमार ने जवाब दिया।

हवेली को कब तक सौंप सकते हैं। हवेली को तो हम उसे तब सौंपेंगे ना जब हम यह केस सॉल्व कर लें। वैसे भी उसका कहना है कि वो हवेली में कुछ काम करना चाहता है और अगर हमने उसे हवेली सौंप दी और उसने काम शुरू कर दिया तो अगर वहां कोई सबूत होगा तो वो भी खत्म हो जाएगा। भौमिक ने कहा।

हां सर यह बात भी है। वैसे उसका कहना था कि काम अधुरा है इसलिए वो थोड़ा जल्दी चाह रहा था। वो कह रहा था कि जब तक वो यहां है उसकी नजर के सामने ही काम शुरू हो जाए तो अच्छा होगा। परमार ने कहा।

वैसे वो कब जा रहा है, क्योंकि हमसे तो कहा था वो जल्द ही निकल जाएगा ? भौमिक ने प्रश्न किया।

जी सर, वो तो जाना चाह रहा था परंतु हवेली के काम के कारण कुछ दिन रूक गया है। ऐसा उसने मुझे बताया था। परमार ने कहा।

ठीक है तुम एक काम करो उसे एक बार फिर बुलाओ, मैं उससे कुछ बात करना चाहता हूं। भौमिक ने कहा।

जी सर, मैं उसे अभी कॉल कर देता हूं। वो शायद अभी आ भी जाए। परमार ने कहा।

ठीक है अगर वो इस समय फ्री है तो उसे बुला ही लो। भौमिक ने कहा।

भौमिक की बात सुनकर परमार केबिन से बाहर चला जाता है और सुदीप शाह को फोन करता है। सुदीप भी परमार से फ्री होने की बात कहता है और जल्दी ऑफिस आने का कह देता है। परमार ने आकर यह बात भौमिक को बता दी कि सुदीप शाह जल्द ही ऑफिस आ रहा है।

सुदीप शाह से भौमिक अब क्या बात करना चाहता है ? क्या इस बार सुदीप शाह से बात करने के दौरान भौमिक को कत्ल के संबंध में कुछ पता चलेगा ? अगर नहीं तो फिर भौमिक कातिल तक कैसे पहुंचेगा ? क्या कमिश्नर दिए गए वक्त में भौमिक यह केस सॉल्व कर सकेगा ? क्या सच में हवेली में कोई ऐसा सुराग है जो अब तक भौमिक को नजर नहीं आया है ? इन सभी सवालों के जवाब आगे कहानी में मिलेंगे, तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।