फिर क्या हुआ ? भौमिक ने प्रश्न किया।
फिर डॉक्टर सक्सेना वहां से उठकर चले गए। उसके बाद काफी समय तक हमारी मुलाकात नहीं हो पाई। लंदन में उनको तीन साल पूरे होने वाले थे, उससे कुछ समय पहले वे मुझसे आकर मिले और कहा- मेरे दोस्त अब तुम तैयार रहना अपने एक ऐसे दोस्त से मिलने के लिए जो दुनिया में अजुबा करने जा रहा है। कुछ महीनों के बाद जब तुम मुझसे मिलोगे तो तुम एक नए डॉक्टर से रूबरू हो रहे होगे। शाह ने कहा।
मतलब उन्होंने अपनी सनक अब भी नहीं छोड़ी थी ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।
हां मुझे भी उसकी बातों से यही लग रहा था। हालांकि मैंने डॉक्टर को उस दिन भी समझाने की कोशिश की। मैंने उससे कहा कि मेरे दोस्त तुम मेडिकल साइंस के साथ खिलवाड़ करने जा रहे हो। तो उन्होंने जो कहा वो मेरे लिए और भी शॉकिंग था।
ऐसा क्या कहा था डॉक्टर ने ? इस बार परमार ने प्रश्न किया।
उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से शोध करने और प्रयोग करने के बाद ही यह बात तुमसे कह रहा हूं। छोटी-मोटी शोध बाकि है उसे मैं भारत जाकर कर लूंगा। लंदन से मैंने साइकोलॉजी में डिग्री भी हासिल कर ली है। इसलिए मैं ऐसा कर सकता हूं। शाह ने कहा।
तो क्या आपसे इस मुलाकात के बाद वे भारत आ गए थे ? भौमिक ने प्रश्न किया।
जी नहीं, वो कुछ चार महीने तक और लंदन में रहे थे। इस दौरान उनका परिवार भी उनके साथ था। फिर एक शाम मेरे पास डॉक्टर का कॉल आया। उसने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी। मैंने उसे अगले दिन शाम को उसी पब में मिलने के लिए कह दिया, जहां हम पहले भी मिल चुके थे। सही समय पर वो वहां आ गया था। वो काफी खुश नजर आ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि यह वही डॉक्टर है जिसे में भारत में मिला था। शाह ने कहा।
इस मुलाकात में आप लोगों के बीच क्या बातचीत हुई थी ? भौमिक ने प्रश्न किया।
डॉक्टर मैंने हालांकि इस दौरान औपचारिक बातें ही की। फिर उसने मुझसे कहा कि वो इंडिया जा रहा है, अपने पूरे परिवार के साथ। मैंने इस बात पर खुशी जाहिर की। फिर उसने मुझसे कहा कि वो कुछ दिन मेरी हवेली में रहना चाहता है। वो सीधे अपने घर नहीं जाएगा, इसलिए वो उसका और उसके परिवार का कुछ दिनों तक हवेली में रहने के लिए इंतजाम कर दे। मैंने उसे कह दिया था कि वो जब तक चाहे हवेली में रह सकता है। वहां उसका एक नौकर और उसकी पत्नी रहते हैं, जो उसके रहने का पूरा इंतजाम कर देंगे। इसके पर उसने मुझसे उस नौकर के नाम एक खत लिखवा लिया और फिर वहां से रवाना हो गया।
हां आपके नौकर ने मुझे आपका वो खत दिखाया था। फिर उसके बाद क्या हुआ ? भौमिक ने कहा।
फिर कुछ खास नहीं हम थोड़ी देर और पब में बैठे रहे और वो अपने-अपने घर के लिए निकल गए। लंदन से निकलने से पहले उसने मुझे कॉल किया था वो एयरपोर्ट पर पहुंच गया और इंडिया के लिए निकल रहा है। इंडिया पहुंचकर वो मुझे कॉल करेगा। शाह ने कहा।
पर आपने अब तक यह नहीं बताया कि क्या आपको ऐसा कोई कारण पता है, जिससे डॉक्टर और उसके पूरे परिवार की इस तरह से हत्या हो सकती है ? भौमिक ने प्रश्न किया।
सर मैं जितना भी डॉक्टर के बारे में जानता था वो सबकुछ मैंने आपको बता दिया है। उसके दोस्तां की संख्या भी बहुत अधिक नहीं थी और जिस तरह से वो भारत में रहा करता था उस हिसाब से मुझे नहीं लगता कि उसका कोई दुश्मन होगा। शाह ने कहा।
तो क्या उसकी दुश्मनी के तार लंदन से जुड़े हो सकते है ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।
सर बात तो यह है कि वो तीन साल लंदन में जरूर रहा, पर इन तीन सालों में हमारी 10 बार से ज्यादा मुलाकात नहीं हुई। इन तीन सालों में उसने लंदन में क्या किया, कितने दोस्त और कितने दुश्मन बनाए इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। शाह ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा।
पर लंदन में जिस तरह से उसका व्यवहार था, क्या उससे लगता है आपको कि कोई उससे दुश्मनी रख सकता है और उस दुश्मनी का बदला लेने के लिए डॉक्टर के साथ उसके पूरे परिवार की हत्या कर सकता है ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।
यदि भारत में डॉक्टर सक्सेना का कोई दुश्मन नहीं था, तो क्या डॉक्टर की लंदन में किसी से दुश्मनी हुई थी ? क्या लंदन की दुश्मनी का अंजाम ही भारत में हत्या के रूप में सामने आया था ? अगर कातिल लंदन का था तो क्या भौमिक उस तक पहुंच पाएगा ? या अब ऐसा कोई राज डॉक्टर की जिंदगी से जुड़ा है जो अब तक भौमिक के सामने नहीं आया है ? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे कहानी के अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।