Galatee - The Mistake - 33 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 33

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गलती : द मिस्टेक  भाग 33

आप दोस्त बन गए थे, तो क्या आपको पता है कि डॉ. अविनाश सक्सेना की किसी के साथ दुश्मनी थी ? खासकर ऐसी दुश्मनी जो उनकी इस तरह की मौत पर जाकर खत्म होती हो? भौमिक ने फिर से शाह से प्रश्न किया।

नहीं जहां तक मुझे जानकारी है उनकी ऐसी दुश्मनी किसी से भी नहीं थी। हां पर एक बात है कि डॉ. अविनाश सक्सेना यूं तो काफी अच्छे डॉक्टर थे, पर उनके स्वभाव में मुझे कुछ सनकीपन भी नजर आता था। सुदीप शाह ने कहा।

सनकीपन.... ? मतलब ? भौमिक ने कहा।

हां, मतलब यूं तो वो हमेशा सामान्य व्यवहार ही करते थे। पर कभी-कभी एक दम से उखड़ से जाते थे। मतलब किसी से ठीक से बात नहीं करना। बिना बात के गुस्सा करने लगना। अपनी बात को मनवाने के लिए किसी को बुरा-भला भी बोल दिया करते थे। फिर बीच में तो कुछ ऐसा भी हुआ कि उन्होंने अपनी प्रेक्टिस भी बंद कर दी थी। शाह ने भौमिक को बताया।

प्रेक्टिस बंद कर दी थी ? तो फिर वो क्या करते थे ?

यह तो पता नहीं कि वो क्या करते थे। पर मैं करीब 5 साल पहले अपने परिवार के साथ लंदन शिफ्ट हो गया था। एक बार उनका मेरे पास कॉल आया था और उन्होंने कहा था कि वे लंदन आना चाहते हैं। मैंने उनसे कह दिया था कि वे जब चाहे तब आ सकते हैं। मैंने कारण पूछा तो उनका कहना था कि उन्होंने प्रेक्टिस बंद कर दी है और अब वे कुछ नया करना चाहते हैं। शाह ने कहा।

क्या नया करना चाह रहे थे वो ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।

उस समय तो उन्होंने मुझे कुछ नहीं बताया था। उनका उस वक्त कहना था कि लंदन में जब मिलेंगे तब बताउंगा। शाह ने कहा।

मतलब वे लंदन आए थे ? भौमिक ने पूछा।

हां वे लंदन आए थे। करीब 3 साल तक वे लंदन में ही रहे। मैंने ही उन्हें एक घर रेंट पर दिलाया था। वे अपने पूरे परिवार को लेकर लंदन आए थे। दोनों बच्चे और उनकी पत्नी उनके साथ थे। वे मुझसे आकर मिले करीब 4 दिन मेरे घर पर ही रहे। मुझे लगा कि पूरे परिवार के साथ आए हैं तो छुट्टी बिताने के लिए आए होंगे। परंतु चार दिन बाद उन्होंने कहा कि उन्हें एक फ्लैट रेंट पर चाहिए।

तो क्या वे छुट्टी बिताने के लिए नहीं आए थे ? इस बार परमार ने सुदीप शाह से सवाल किया।

मुझे भी आश्चर्य हुआ था जब उन्होंने फ्लेट रेंट पर लेने की बात कही थी। मैंने उनसे कहा कि यदि 10-15 दिन की बात है तो वे और उनका पूरा परिवार उनके घर में ही रह सकता था। पर उन्होंने मना कर दिया और कहा नहीं उन्हें रेंट पर ही फ्लेट चाहिए। मैंने फिर भी उन्हें समझाने की कोशिश की, पर यही उनका सनकीपन नजर आता है कि उन्होंने कहा मैंने एक बार कहा ना कि रेंट पर ही चाहिए तो बस चाहिए।

फिर... फिर आगे क्या हुआ ? परमार ने फिर एक सवाल दाग दिया।

मैंने उन्हें फिर भी समझाने की कोशिश की यदि एक महीने तक की बात है तो भी मुझे कोई समस्या नहीं है। तो उन्होंने कहा कि मैं एक महीना रहूं या तीन साल रहूं आप मुझे पर रेंट पर फ्लेट दिला दीजिए। मैंने उनसे कहा कि डॉक्टर बच्चों की पढ़ाई का क्या ? तुम एक महीना रहो या तीन साल या पांच साल। पर बच्चों की पढ़ाई तो भारत में चल रही है। तो उनका कहना था कि अगर तीन साल मेरे बच्चे नहीं पढ़ेंगे तो अनपढ़ नहीं रह जाएंगे। मैं सब कुछ मैनेज कर लूंगा। सुदीप शाह ने कहा।

बड़े ही अजीब आदमी थे डॉक्टर सक्सेना तो। परमार ने अचरज के साथ यह बात कही।

हां मुझे भी एक बात अजीब लग रही है कि उन्होंने लंदन में रहने के लिए बच्चों की पढ़ाई तक नहीं होने दी। मिस्टर शाह आखिर वे लंदन में क्या करना चाहते थे ? भौमिक ने कहा।

मैंने भी यह प्रश्न किया था सर। पर उनका कहना था कि बाद में बताउंगा। इसके बाद मैंने उन्हें एक फ्लेट रेंट पर दिला दिया था। उसके बाद उन्होंने मुझसे तीन महीने तक कोई संपर्क नहीं किया। फिर एक बार वे मुझे एक पब में मिले। मैंने उनसे पूछा भी कि डॉक्टर अब तो तुम लंदन में ही रहते हो फिर भी हमसे मुलाकात नहीं करते थे। तो उन्होंने मुझे जो कहा वो सुनकर मुझे बहुत अजीब लगा था। सुदीप शाह ने कहा।

आखिर डॉक्टर सक्सेना ऐसी क्या बात शाह से कही थी, जिसे सुनकर शाह को अजीब लगा था ? आखिर डॉक्टर सक्सेना लंदन में रहकर करना क्या चाहते थे ? क्या डॉक्टर और उनके परिवार की हत्या के तार लंदन से जुड़े हैं ? आखिर भौमिक कातिल तक पहुंच पाएगा या नहीं ? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे कहानी के अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।