Galatee - The Mistake - 28 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 28

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गलती : द मिस्टेक  भाग 28

भौमिक की बात का जवाब देते हुए परमार ने कहा- सर मैंने अब तक जितने भी लोगों से बात की है उनमें से किसी को भी डॉक्टर के व्यवहार में आए बदलाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैंने 10 दिनों में डॉक्टर से जुड़े हुए सभी खास लोगों से मुलाकात की है।

तो भी परमार कोई तो ऐसा होगा जो हमें डॉक्टर के बारे में कुछ खास बात बता सके। ऐसे तो हम कभी भी इस केस को सॉल्व नहीं कर पाएंगे। हमें इस केस में आगे बढ़ने के लिए कुछ तो लिंक चाहिए। भौमिक ने कुछ झुंझलाहट के साथ यह बात कही थी।

मुझे लगता है सर कि अब सिर्फ एक आदमी ही हमारी इस केस में कुछ मदद कर सकता है। परमार ने कहा।

तो उसे मेरे सामने लेकर आओ परमार। मैं केस को लेकर ऐसे ही नहीं बैठा रह सकता हूं। तुम भी जानते हो कि ये अब तक कितना उलझा हुआ है। इस केस को सुलझाने के लिए इस गुत्थी का कम से कम एक सिरा तो हमें चाहिए। वैसे कौन है वो आदमी जो हमारी इस केस में मदद कर सकता है ? भौमिक ने अपनी बात कहते हुए परमार से प्रश्न किया।

सर सुदीप शाह। उस हवेली का मालिक और डॉक्टर अविनाश का एकमात्र जीवित दोस्त। परमार ने जवाब दिया।

तो उससे कॉन्टेक्ट करो परमार। वैसे भी इतने दिन हो गए हैं। ऐसी कौन सी मीटिंग है उसकी जो पिछले 10 दिनों में नहीं हो पाई है। वो दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना हो उसे कहो कि तीन दिन के अंदर वो यहां भारत में मेरे केबिन में इस कुर्सी पर होना चाहिए। भौमिक ने इस बार कुछ गुस्सा जाहिर करते हुए परमार से कहा।

मैं अभी उसे कॉल करता हूं सर। इतना कहने के बाद परमार ने जेब से मोबाइल निकाला और सुदीप शाह को कॉल किया। तीन रिंग के बाद कॉल अटेंड होता है।

हैलो ! दूसरी ओर से आवाज आई।

मिस्टर शाह ? परमार ने इधर से कहा।

जी, हां में शाह ही बोल रहा हूं।

मिस्टर शाह में एसआई परमार बोल रहा हूं मुंबई से। आपकी हवेली में हुई हत्या के संबंध में हमें आपसे बात करना थी, इससके संबंध में हमारी पहले भी बात हुई थी। आपका कहना था कि आप जल्द ही यहां आने वाले हैं, आप अब तक यहां पहुंचे नहीं है। हमारे एसीपी साहब को आपसे जरूरी बात करना है। आप भारत कब आने वाले हैं ? परमार ने पूरी बात एक बार में शाह से कही।

ओह, आइ एम सो सॉरी परमार साहब। मैं एक जरूरी काम में व्यस्त था। इस कारण भारत नहीं आ पा रहा था, अब मेरा वो काम निपट गया है और मैं परसों भारत आ रहा हूं। शाह ने दूसरी ओर से परमार को आश्वस्त किया। इसके बाद परमार ने फोन कट कर दिया।

सर शाह से बात हो गई है और वो परसों भारत आ रहे हैं। परमार ने भौमिक को बताया।

वो जैसे ही मुंबई आते हैं, उनसे कहना कि सबसे पहले वे यहां पर आए। भौमिक ने कहा।

जी सर, मैं उनसे परसों एक बार फिर से बात कर लूंगा। परमार ने कहा।

ठीक है परमार। वैसे अब 10 दिन का समय बीत गया है। मुझे लगता है बच्चे अब पूरी तरह से नॉमर्ल हो गए होंगे। उन सभी को कल एक बार फिर यहां बुलाओ। एक बार फिर उनसे बात करना होगी। आखिर सभी कत्ल इल्जाम खुद पर क्यों ले रहे हैं, यह जानना भी हमारे लिए बेहद जरूरी है। भौमिक ने परमार से कहा।

जी सर, मैं कल ही सभी को बुला लेता हूं। पर सर क्या आपको लगता है कि उन बच्चों में से किसी ने कत्ल किया होगा ? परमार ने भौमिक से प्रश्न किया।

जब सभी कह रहे हैं तो नजरअंदाज तो नहीं किया जा सकता है परमार। हो सकता है कि उन बच्चों में से ही कोई कातिल हो ? वैसे भी हमारे पास फिलहाल कातिल तक पहुंचने के लिए कोई सुराग नहीं है। बच्चों से पूछताछ के दौरान ही शायद कोई सुराग मिल जाए। पहले की पूछताछ में तो सभी बेहोश हो गए थे। हालांकि सभी ने इकबाल-ए-जुर्म तो किया था, परंतु कारण किसी ने नहीं बताया था कि आखिर उन्होंने कत्ल क्यों किया था।

क्या सुदीप शाह भारत आने के बाद भौमिक को कुछ ऐसा बता पाएगा, जिससे भौमिक कातिल तक पहुंच सके ? क्या शाह जानता है कि डॉक्टर अविनाश के व्यवहार में बदलाव क्यों आया था ? क्या विशाल और उसके दोस्त इस बार भौमिक को बता पाएंगे कि कत्ल किसने और क्यों किया है ? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे कहानी के अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।