Galatee - The Mistake - 25 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 25

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गलती : द मिस्टेक  भाग 25

कमिश्नर के फोन ने भौमिक को एक बार फिर सोच में डाल दिया था। विशाल और उसके दोस्तों से पूछताछ कर कोई सुराग हाथ लगने की उम्मीद भौमिक कर रहा था, परंतु अब तक की हुई पूछताछ में उसके हाथ अब भी खाली ही थे। उसके मन में ख्याल आ रहा था कि कोई क्राइम कभी भी परफेक्ट नहीं हो सकता है, अपराधी कोई ना कोई ऐसी गलती कर ही देता है, जो उसे जेल तक पहुंचा देती है। आखिर इस केस में ऐसी कोई गलती क्यों नजर नहीं आ रही है।

भौमिक सोचते हुए केबिन से बाहर निकल गया और फिर उसने अपनी गाड़ी उठाई और चल दिया। वो कहां जा रहा है शायद उसे भी पता नहीं था। हालांकि वो बीच के पास जाकर उसने अपनी गाड़ी रोक दी। उसके दिमाग में अब भी सिर्फ और सिर्फ वहीं केस चल रहा था। तभी उसके मन में एक और ख्याल आया कि अपराध को पकड़ने का एक बेसिक तरीका है कि जब कोई सुराग ना मिले तो एक बार फिर शुरू से शुरू करना चाहिए।

यह ख्याल उसके दिमाग में इसलिए भी आया था क्योंकि अब तक उसके हाथ कत्ल से संबंधित कोई सुराग नहीं लगा था। वो यह भी सोच रहा था कि कातिल कितना ही शातिर क्यों ना रहा हो, उसने कोई तो सुराग छोड़ ही होगा, कोई तो ऐसी गलती की ही होगी जो उसे हवालात तक पहुंचा सकती है। यही सोचकर उसने अपनी गाड़ी एक फिर हवेली की ओर घूमा दी थी। भौमिक सोच रहा था कि बस एक सुराग उसके हाथ लग जाए तो कम से कम कुछ आगे बढ़ सके।

कत्ल होने के बाद ये तीसरी बार था कि भौमिक सुराग तलाशने के लिए हवेली में आया था। वो एक बार उस हॉल में पहुंच गया, जहां कत्ल हुए थे। वो उस हॉल में रखी हर एक चीज को बहुत गौर से देख रहा था। उस हॉल के हर कोने को अपने हाथों से टटोल रहा था। कत्ल की जगह, कत्ल करने के तरीके के बारे में वो अपने दिमाग के फिल्म सी बना रहा था। वो एक अंदाजा लगा रहा था कि कातिल कहां से, कैसे आया होगा, कैसे डॉ अविनाश ने कोई आवाज सुनने के बाद अपने कमरे का दरवाजा खोला होगा, कैसे कातिल ने डॉ. अविनाश पर हमला किया होगा, कोई आवाज सुनकर डॉ. अविनाश की पत्नी कमरे से बाहर आई होगी और फिर कैसे कातिल ने उन पर भी हमला किया होगा।

इसके बाद कातिल कमरे में गया होगा, फिर उसने बच्चों पर हमला किया होगा। हालांकि इन सभी बातों को भौमिक के दिमाग ने एक ही बार में पूरी से नकार दिया था। क्योंकि अचानक ही भौमिक के दिमाग में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिखा बात कौंध गई थी कि पहले सभी ने आत्महत्या का प्रयास किया और फिर उन पर हमला हुआ है। ऐसे में कोई कातिल सीधे सभी पर हमला नहीं कर सकता था। मतलब यह केस जितना आसान नजर आ रहा था उतना आसान था नहीं।

अब भौमिक उस हॉल में घूमते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की थ्योरी पर काम कर रहा था। वो अब अंदाजा जा रहा था कि डॉ. अविनाश की पत्नी ने अपने हाथों की नस काटी, फिर हो सकता है कि कातिल ने उन पर हमला किया। पर ऐसी क्या बात रही होगी कि डॉ. अविनाश की पत्नी को अपने हाथों की नस काटना पड़ी ? क्या कातिल ने उनके बच्चों को अपने कब्जे में लेकर उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया था ?

अगर ऐसा था भी तो फिर बच्चों ने अपने हाथों की नसों को क्यों काटा होगा ? कातिल ने उन्हें किस बात पर मजबूर किया होगा ? फिर डॉ. अविनाश सक्सेना ने भी ऐसा क्यों किया और ऐसा क्यों होने दिया। वे चाहते तो शोर मचा सकते थे, जबकि उन्हें पता था कि नीचे के फ्लोर पर आठ लोग और है। वे शोर मचाकर उन्हें बुला सकते थे और ना सिर्फ अपनी बल्कि अपने पूरे परिवार की जान भी बचा सकते थे।

भौमिक जो सोच रहा है क्या ऐसा ही कुछ हुआ था उस दिन हवेली में ? आखिर डॉ. अविनाश ने परिवार को बचाने के लिए शोर क्यों नहीं मचाया था ? या वाकई विशाल या उसके दोस्तों में से ही किसी ने पूरे परिवार का कत्ल किया है? अपने साथी को बचाने के लिए ही विशाल और उसके दोस्त कत्ल की झूठी कहानी भौमिक के सामने कह रहे हैं ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।