काफी देर तक भौमिक अपने केबिन में बैठकर घटनास्थल यानि कि हवेली को फोटो देखता रहा, परंतु उसे फोटो से कोई सुराग नहीं मिल रहा था। उसने घड़ी पर नजर डाली तो रात के करीब 9 बज रहे थे। उसने कुछ सोचा और फिर अपनी गाड़ी उठाकर हवेली की ओर चल दिया। करीब 10.15 बजे वो हवेली के सामने खड़ा था। वो सीधे हवेली के पिछले हिस्से में चला गया, जहां राजन रहता था। भौमिक को वहां देखकर राजन तुरंत उठकर बाहर आ गया था।
साहब इस समय आप यहां ? राजन ने भौमिक को देखकर प्रश्न किया।
हां, मैं यहां हवेली में एक बार फिर देखने आया था, सोचा तुमसे भी कुछ बात कर लूं।
जी, साहब बताइए अब क्या पूछना चाहते हैं आप ? राजन ने भौमिक से कहा।
भौमिक ने इस बार राजन को गौर से देखते हुए कहा- राजन मैं तुमसे यह पूछना चाहता हूं कि क्या तुम्हें कुछ भी ऐसा याद है जो तुम मुझे बता सकते हो तो वो बताओ। मेरा मतलब है कि उस दिन हवेली में हुई घटना से पहले, घटना के बाद, जो कॉलेज स्टूडेंट हवेली में आए थे उनके बारे में या जिन लोगों को कत्ल हुआ उनके बारे में। कुछ भी ऐसा, जो तुम्हें अजीब लगा हो ?
साहब वैसे तो हमें ऐसा कुछ याद नहीं है, पर एक बात है कि परिवार के साथ जो साहब आए थे, वो मुझे बहुत गुस्से वाले लगे थे। वो आए थे तो उन्होंने बस एक चिट्ठी निकालकर मुझे दी थी और फिर गुस्से में ही सामाना निकालकर लाने के लिए कहा था। राजन ने भौमिक को बताया।
ओके, इसके अलावा और कुछ याद है। भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।
हां, साहब एक बात यह थी वो कमरे में गए तो उसके बाद बाहर ही नहीं आए थे। वो पूरे परिवार के साथ कमरे में चले गए थे। वो हॉल में कब आए यह हमें नहीं पता। राजन ने कहा।
राजन की बात सुनकर भौमिक ने कहा- ठीक है तुम जा सकते हो, वैसे अगर और भी कुछ याद आए तो मुझे जरूर बताना। मैं फिलहाल हवेली में हूं, कुछ देर बाद जाउंगा। इतनाकहने के बाद भौमिक हवेली में चला गया था। हत्या होने के बाद भौमिक तीसरी बार हवेली में आ रहा था। भौमिक सबसे पहले नीचे वाले हॉल में घूमता रहा, फिर वो उन कमरों में गया, जहां विशाल और उसके दोस्त रूके हुए थे।
इस बार भौमिक एक-एक कर सभी कमरो में जा रहा था। उसके दिमाग में बात चल रही थी कि अब तक विशाल, शेखर, मानव और जिज्ञासा ने एक ही बात कही थी कि कत्ल उन्होंने ही किया है और उनके बाकि दोस्तों का कोई लेना-देना नहीं है। वो हर कमरे की तलाशी ले रहा था, परंतु उसे वहां से ऐसा कुछ नहीं मिला था, जो उसे हत्या की जांच में कुछ आगे बढ़ा सके।
इसके बाद वो एक बार फिर उपर वाले हॉल में पहुंच गया था। वो इस बार हॉल के हर कोने को बहुत गौर से देख रहा था। फॉरेंसिक टीम अपना काम कर चुकी थी, परंतु भौमिक इस उम्मीद में वहां था कि शायद उसे कोई सुराग मिल जाए। हालांकि अब तक उसे ऐसा कुछ मिला नहीं था और ना ही कत्ल के संबंध में जांच आगे बढ़ पा रही थी। कत्ल की जांच को आगे बढ़ाने और कातिल तक पहुंचने के लिए भौमिक को एक सुराग की तलाश थी, परंतु वो उसे मिल नहीं रहा था।
भौमिक के दिमाग में अब यह भी चल रहा था कि कातिल बहुत शातिर है और उसने कत्ल करने से पहले और कत्ल करने के बाद भी कोई सुराग यहां नहीं छोड़ा हैं। हालांकि उसे एक प्रश्न और बार-बार परेशान कर रहा था कि उस हवेली में कत्ल हुए पूरे परिवार के चार लोगों के अलावा 8 लोग और थे, फिर भी किसी ने कुछ ना तो देखा था और ना ही सुना था।
क्या भौमिक को हवेली में कोई सुराग मिलेगा? आखिर भौमिक कातिल तक कैसे पहुंचेगा ? आखिर क्या है राज है कि विशाल और उसके दोस्त कत्ल का इल्जाम ले रहे हैं ? क्या वे किसी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं ? आखिर कौन है वो जो हवेली में चार लोगों की हत्या कर जा चुका है ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।