Galatee - The Mistake - 15 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 15

Featured Books
  • ભાગવત રહસ્ય - 68

    ભાગવત રહસ્ય-૬૮   નારદજીના ગયા પછી-યુધિષ્ઠિર ભીમને કહે છે-કે-...

  • મુક્તિ

      "उत्तिष्ठत जाग्रत, प्राप्य वरान्निबोधत। क्षुरस्य धारा निशि...

  • ખરા એ દિવસો હતા!

      હું સાતમાં ધોરણ માં હતો, તે વખત ની આ વાત છે. અમારી શાળામાં...

  • રાશિચક્ર

    આન્વી એક કારના શોરૂમમાં રિસેપ્શનિસ્ટ તરીકે નોકરી કરતી એકત્રી...

  • નિતુ - પ્રકરણ 31

    નિતુ : ૩૧ (યાદ)નિતુના લગ્ન અંગે વાત કરવા જગદીશ તેના ઘર સુધી...

Categories
Share

गलती : द मिस्टेक  भाग 15

जिज्ञासा के जवाब के बाद भी भौमिक ने एक बार फिर उसे बड़ी गौर से देखा और फिर अपना प्रश्न किया।

जिज्ञासा मेरे मन में जो प्रश्न है वो बस इतना सा है कि उस दिन हवेली में क्या हुआ था ? क्या तुम मुझे उस दिन हवेली में हुए कत्ल और कातिल के संबंध में कुछ बात सकती हो ? इस प्रश्न के साथ ही भौमिक की नजरें जिज्ञासा पर ही टिकी हुई थी। परमार भी बहुत गौर से जिज्ञासा को ही देख रहा था। जिज्ञासा के हाथों में अब भी कॉफी का खाली कप था। भौमिक के प्रश्न को सुनते ही जिज्ञासा के हाथों से वो कप छूट गया और जमीन पर गिरकर टूट गया। इसके साथ ही जिज्ञासा ने रोना शुरू कर दिया। वो कुर्सी से नीचे बैठ गई थी और झुककर अपने चेहरे को अपने घुटनों में छिपा लिया था।

भौमिक ने जिज्ञासा को ऐसे देखा तो उसने उससे कहा- जिज्ञासा... जिज्ञासा... क्या हुआ तुम अचानक क्यों रोने लगी ? क्या तुम्हें हवेली में हुए कत्ल के बारे में कुछ पता है? क्या तुम उन कत्ल के बारे में मुझे कुछ बता सकती हो ? हालांकि भौमिक के कहने का कुछ भी असर जिज्ञासा पर नहीं हो रहा था और वो लगातार रोए जा रही थी। उसने बहुत धीमी से आवाज में कहा-

सर उन चारों का कत्ल मैंने ही किया है। उन कत्ल से मेरे दोस्तों का कोई लेना-देना नहीं है, प्लीज आप उन्हें छोड़ दीजिए।

इतना कहने के साथ ही जिज्ञासा ने जोर-जोर से रोना शुरू कर दिया और फिर वो भी बेहोश हो गई।

जिज्ञासा की बात को सुनकर भौमिक और परमार चौंक गए थे। क्योंकि जिज्ञासा ने भी वहीं बात कही थी जो कि उससे पहले विशाल और शेखर ने कही थी। तीनों ने ही उन कत्लों की जिम्मेदारी खुद पर ले ली थी और अपने बाकि दोस्तों को बेकसूर बताया था। भौमिक को कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर ऐसा क्या है कि वो जिससे भी पूछताछ करता है उसका व्यवहार अचानक से बदलता है और फिर वो बेहोश हो जाता है। उसने परमार को इशारा किया और परमार ने दो लेडी कॉन्सटेबल की मदद से जिज्ञासा को भी हॉस्पिटल के लिए रवाना कर दिया था। परमार फिर से कमरे में आया और उसने भौमिक से कहा-

सर, अब क्या करें ?

मैं भी वहीं सोच रहा हूं परमार। तीन लोगों से हमने बात की और तीनों ही बेहोश हो गए। आखिर ये माजरा क्या है? क्या ये लोग किसी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ये तय है कि ये लोग उस कत्ल के संबंध में कुछ तो जानते ही है।

परमार ने कहा- लगता तो मुझे भी ऐसा ही है सर। पर विशाल, शेखर और अब जिज्ञासा इन तीनों का ही कहना है कि कत्ल उन्होंने किया है और उनके बाकि दोस्त बेकसूर है। इससे तो साफ है कि ये कत्ल के बारे में कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ जानते हैं। या तो इनमें से ही कोई कातिल है या फिर ये सभी कातिल को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

भौमिक ने कहा- अगर ये कातिल को बचाने की कोशिश कर रहे हैं तो आखिर क्यों ? आखिर वो हैं जिसे ये बचा रहे हैं ? और यदि कत्ल इनमें से ही किसी ने किया तो आखिर उस दिन हवेली में ऐसा क्या हुआ था कि इन बच्चों को कत्ल जैसा संगीन जुर्म करना पड़ा? परमार कुछ तो ऐसा है जो अब तक हमारे सामने नहीं आया है और वो सच हमें हर हाल में सामने लाना ही होगा।

परमार एक काम करो तुम मानव को लेकर आओ। हम मानव से बात करने की कोशिश करते हैं। पहले जब मैंने उनसे सवाल किया तो वो और साहिल एकदम खामोश हो गए थे। उन्होंने चारों लड़कियों, विशाल और शेखर की तरह रिएक्ट नहीं किया था। हो सकता है कि मानव या साहिल में से कोई हमें कातिल के संबंध में कोई सुराग दे दें।

परमार जी सर कहते हुए बाहर चला जाता है और कुछ ही देर में मानव को साथ लेकर उस कमरे में आ जाता है। मानव हालांकि अब भी खामोश था। वो चुपचाप कुर्सी पर बैठ गया था। भौमिक मानव को भी गौर से देख रहा था। कुछ देर तक कमरे में खामोशी छाई रही थी। भौमिक की नजरें मानव पर ही थी और मानव भी नजरें उठाकर भौमिक को देखता और फिर नजरों को नीचे कर लेता था। वो शायद अब भी कुछ डरा हुआ था।

आखिर विशाल, शेखर और उसके बाद जिज्ञासा के पूछताछ के दौरान बेहोश हो जाने का क्या रहस्य है ? क्या मानव भौमिक को कत्ल की वजह और कातिल के संबंध में कोई सुराग दे पाएगा? मानव भौमिक से नजरें क्यों चुरा रहा था ? क्या वो वाकई कत्ल के संबंध में कुछ जानता है ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।