Galatee - The Mistake - 13 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 13

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गलती : द मिस्टेक  भाग 13

विशाल गुस्से में बैठा हुआ था और भौमिक उसे देख रहा था। भौमिक ने एक बार फिर अपना प्रश्न दोहराया।

विशाल क्या तुम मुझे बताओगे उस दिन हवेली में क्या हुआ था ?

भौमिक के प्रश्न दोहराते ही विशाल और भी अधिक गुस्से में आ गया और उसने घूरकर भौमिक को देखा। विशाल को इस तरह देखकर परमार को लगा कि वहीं वो भौमिक पर हमला ना कर दे, इसलिए वो तुरंत उसके पास आया और उसके कंध में हाथ रखा। भौमिक ने परमार को दूर रहने का इशारा किया और परमार फिर अपनी जगह पर जाकर खड़ा हो गया था।

भौमिक ने फिर सवाल किया- विशाल क्या तुम मुझे कातिल और कत्ल के संबंध में कुछ बता सकते हो ?

भौमिक के प्रश्न के साथ ही विशाल लगभग आक्रामक हो गया और लगभग चीखते हुए कुर्सी से खड़ा हो गया और जोर से बोला- क्या जानना चाहते हो, उन चारों का कत्ल किसने किया है ?

भौमिक ने कहा- हां मुझे वहीं जानना है।

विशाल ने फिर चीखते हुए कहा- मैंने किया उन चारों कत्ल। मेरे बाकि दोस्तों का इस कत्ल से कोई लेना-देना नहीं हैं।

विशाल के इतना कहने के साथ ही परमार और भौमिक चौंक गए थे। दोनों एक-दूसरे को देखा और फिर विशाल को देखा। विशाल के चेहरे पर अब भी गुस्सा साफ नजर आ रहा था। उसने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा- हां, मैंने ही मारा है उन्हें। मेरे सभी दोस्तों को जाने दो। विशाल ने फिर से अपनी बात दोहराई और फिर अचानक गिर गया और बेहोश हो गया। विशाल के इस तरह से अचानक बेहोश होने पर भौमिक और परमार आश्चर्य में थे। भौमिक ने तत्काल एंबूलेंस मंगवाई और विशाल को हॉस्पिटल के लिए रवाना किया।

परमार और भौमिक फिर से केबिन में आ गए थे। दोनों के चेहरे पर परेशानी नजर आ रही थी। परमार ने भौमिक से कहा- सर आपको क्या लगता है विशाल सच कह रहा है ?

भौमिक ने कहा- अभी कुछ कह नहीं सकते हैं परमार। उससे फिर से पूछताछ करना होगी। विशाल के साथ ही उससे दोस्तों से भी पूछताछ करना जरूरी है। पर मुझे एक बात समझ नहीं आई वो अचानक बेहोश कैसे हो गया ?

परमार ने भौमिक की बात का समर्थन किया और कहा- हां सर ये तो मुझे भी समझ नहीं आया। क्या अधिक गुस्से के कारण ऐसा हो सकता है ?

ये तो कोई डॉक्टर ही बता सकता है। वैसे तुम एक काम करो शेखर को लेकर आओ, अब उससे भी एक बार सवाल-जवाब कर लेते हैं। भौमिक ने कहा।

भौमिक की बात सुनकर परमार वहां से चला गया और कुछ ही देर में शेखर को उस कमरे में ले आया, जहां कुछ देर पहले विशाल था। शेखर भी उसी कुर्सी पर बैठा था, जिस पर विशाल बैठा था। कुछ ही देर में भौमिक वहां आ गया। उसने शेखर से भी वहीं प्रश्न किया-

शेखर अब तुम्हारी तबीयत कैसी है ?

शेखर ने बहुत अच्छे तरीके से भौमिक को जवाब देते हुए कहा- मैं बिल्कुल ठीक हूं सर।

भौमिक ने कहा- ओके, गुड तो क्या तुम मेरे कुछ सवालों का जवाब दे सकते हो ?

शेखर ने कहा- जी बिल्कुल, पूछिए आप क्या पूछना चाहते हैं ?

भौमिक ने कहा- मैं तुमसे वो सब जानना चाहता हूं जो उस दिन हवेली में हुआ था। हवेली में हुए कत्ल और कातिल के संबंध में अगर तुम कुछ भी जानते हो तो वो मुझे बता दो। उसके बाद तुम अपने घर जा सकते हो।

भौमिक के प्रश्न करते ही शेखर विशाल से भी ज्यादा आक्रामक हो गया और उसने तो कुर्सी उठाकर भौमिक पर हमला कर दिया था, परंतु परमार ने बीच में आकर कुर्सी को पकड़ लिया। शेखर के इस तरह से अचानक आक्रामक हो जाने से परमार पहले से भी ज्यादा अचरज में था। उसने मुश्किल से शेखर को पकड़ रखा था। शेखर उससे छूटने की कोशिश कर रहा था। वहीं भौमिक शेखर को गौर से देख रहा था।

उसने कहा- शेखर... शेखर... शांत हो जाओ। अगर तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है तो हम इस बारे में बाद में बात कर लेंगे।

शेखर ने कहा- बाद मे क्यों मैं अभी सब कुछ बता देता हूं। आपको बस ये ही जानना है ना कि उनका कत्ल किसने किया था ? मैं आपको बताता हूं, पर आपको वादा करना होगा कि आप मेरे दोस्तों को छोड़ देंगे।

भौमिक ने कहा- ठीक है तुम मुझे सब कुछ बता दो, मैं तुम्हारे सभी दोस्तों को छोड़ दूंगा।

शेखर ने कहा- मैंने मारा है उन चारों को। आप मेरे सभी दोस्तों को छोड़ दो। एक-एक कर मैंने चारों को मार दिया। इतना कहते हुए शेखर भी बेहोश होकर गिर गया। भौमिक ने उसे भी तत्काल हॉस्पिटल के लिए रवाना कर दिया। हालांकि विशाल और शेखर का यूं अचानक बेहोश हो जाना परमार और भौमिक के लिए आश्चर्य का विषय था।

क्या विशाल ने ही उन चारों का कत्ल किया है? क्या विशाल अपने दोस्तों को बचाने के लिए झूठ कह रहा है ? क्या विशाल को बचाने के लिए शेखर ने कत्ल का इल्जाम खुद पर लिया है ? पूछताछ के दौरान आखिर ऐसा क्या हुआ कि विशाल और शेखर बेहोश हो गए थे ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।