Galatee - The Mistake - 7 in Hindi Detective stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | गलती : द मिस्टेक  भाग 7

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गलती : द मिस्टेक  भाग 7

भौमिक ने फिर राजन से प्रश्न किया- तो राज ही तुम हवेली के अंदर जाकर देखते हो या बाहर ही चक्कर लगाकर अपने कमरे में चले जाते हो ?

साहब यूं तो हवेली के बड़े गेट पर हम ताला लगा देते हैं और बाहर ही चक्कर लगाकर कमरे में चले जाते हैं। कल रात को हवेली में लोग थे, इसलिए हम हवेली में गए थे। नीचे के चारों कमरे अंदर से बंद थे। उपर का कमरा भी बंद था, परंतु वो थोड़ा सा खुला था। इसलिए हम उपर देखने के लिए चले गए थे। जब वहां जाकर देखा तो हम तो उल्टे पैर भागे और पुलिस को फोन कर दिया।

तो जब तुम नीचे आए थे तब भी नीचे के चारों कमरे में बंद थे ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।

हां, साहब वैसे तो बंद ही थे। हमने तो उपर का नजारा देखा तो बस पुलिस को फोन कर वापस अपने कमरे में चले गए थे। फिर जब पुलिस आई तब ही हवेली में आए थे।

राजन से पूछताछ के दौरान भौमिक के हाव-भाव को गौर से देख रहा था। हालांकि कत्ल राजन ने किया हो ऐसा शक भौमिक को नहीं हो रहा था, परंतु वो शक के दायरे से बाहर भी नहीं था। इसी दौरान वहां परमार आता है और भौमिक के कान में कुछ कहता है। भौमिक तत्काल उसके साथ हवेली के उस कमरे में आ जाता है, जहां कत्ल हुए थे।

परमार ने भौमिक को बताया- सर हमने इनके सामान की तलाशी ली तो सभी के आईडी कार्ड मिल गए हैं। ये बहुत बड़े हार्ट सर्जन डॉ. अविनाश सक्सेना है। यह उनकी पत्नी आरती, बेटा आयुष और बेटी भव्या है। यह हमारे शहर के बहुम नामी डॉक्टर है।

परमार ने जैसे ही मृतकों का परिचय दिया भौमिक के चेहरे पर कुछ चिंता नजर आने लगी थी। परमार ने भौमिक के चेहरे के भावों को बदलते देखा तो उसने प्रश्न किया-

सर क्या बात है, आप अचानक परेशान क्यों हो गए ?

परमार यह अब साधारण केस नहीं रहा है, यह हाई प्रोफाइल मर्डर केस हो गया है। एक तो डॉक्टर, दूसरा उसका पूरा परिवार, तीसरा शहर का नामचीन डॉक्टर, संदेही के रूप में मंत्री, बिजनेस मैन के बच्चे। यह केस हमें जल्द से जल्द सॉल्व करना होगा परमार।

परमार ने भी भौमिक की बात पर सहमति जता दी थी।

भौमिक ने फिर से परमार से प्रश्न किया। वे आठों बच्चे अभी यही है या उन्हें मेरे ऑफिस के लिए रवाना कर दिया है ?

अभी तो उनके घर पर कॉल किया है सर। मैं सोच रहा था कि मैं यहां से जाउंगा तो सभी को साथ लेकर ही जाउंगा।

अभी कहां है वे सभी ?

सर वे सभी अभी उसी कमरे में बैठे हुए हैं। अब भी वे वैसे ही डरे-सहमे और गुमसुम हैं। उनके मुंह से अब तक एक भी शब्द नहीं निकला है।

मुझे लगता है कि वे सभी अभी बच्चे ही है और हवेली में इस तरह के हादसे के कारण ज्यादा ही डर गए हैं। इसलिए कुछ देर के लिए उन्हें रिलेक्स ही रहने दो। उनसे इस बारे में मेरे ऑफिस में ही बात करेंगे। एक बार और जितनी जल्दी हो सके उन्हें इस हवेली से दूर लेकर जाओ, ताकि वे इस माहौल से खुद को दूर महसूस कर सके।

जी, सर। बस सभी लाशों को हॉस्पिटल के लिए रवाना कर मैं भी यहां से निकल ही रहा हूं।

इतना कहने के साथ ही परमार वहां से निकल गया था। एंबूलेंस आ गई और परमार ने लाशों को हॉस्पिटल के रवाना कर दिया था। कुछ ही देर में उसने विशाल और उसके दोस्तों को एक गाड़ी में बैठाया और फिर खुद भी उसी गाड़ी में सवार होकर सभी को लेकर भौमिक के ऑफिस के लिए रवाना हो गया था। कुछ ही देर में वो विशाल और उसके दोस्तों के साथ भौमिक के ऑफिस में पहुंच गया था। वहां उसने सभी को एक कमरे में बैठा दिया था। इसके साथ ही सभी के चाय-नाश्ते का भी इंतजाम कर दिया था।

डॉक्टर और उसके परिवार की हत्या के पीछे आखिर किसका हाथ है? क्या भौमिक कातिल तक पहुंच पाएगा ? हाई प्रोफाइल केस होने के कारण भौमिक अब क्या करेगा? विशाल और उसके दोस्तों की खामोशी का आखिर क्या रहस्य है? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।