Nomad Witch Part- 6 in Hindi Horror Stories by Rakesh Rakesh books and stories PDF | बंजारन चुड़ैल - भाग 6

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बंजारन चुड़ैल - भाग 6

गांव का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति चेहरा देखकर कहता है कि "यह तो शक्ल सूरत रंग रूप से कस्तूरी बंजारन न्याय कि देवी जैसी है।" कर्ण सिंह यह बात सुनकर मौका देखकर शम्मी के मामा मामी से कहता है शम्मी रिश्ते में पूरे गांव का भांजा लगता है और हमारा शम्मी भांजा पहली बार अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ हमारे गांव में आया है, इसलिए आज रात को मैं शम्मी और शम्मी कि दुल्हन कि दावत करुंगा।" और जमींदार का बेटा कर्ण सिंह जिले के सबसे बड़े मशहूर तांत्रिक मदन को अपनी हवेली में बुलाता है कि अगर शम्मी कि पत्नी कस्तूरी बंजारन चुड़ैल हुई तो वह उसे कैद कर लेगा।

शम्मी को कर्ण सिंह कि दावत में इसलिए जाना पड़ता है कि अगर वह कर्ण सिंह कि दावत बंजारन चुड़ैल के साथ नहीं गया तो कर्ण सिंह अपनी दावत का अपमान समझा कर मेरी ममेरी बहन कि शादी में कोई बड़ी अरचन पैदा कर सकता है और शम्मी कि गुलाम बंजारन चुड़ैल को ना चाहते हुए भी जमींदार के बेटे के घर जाना पड़ता है।

तांत्रिक मदन कर्ण सिंह के घर में कस्तूरी बंजारन चुड़ैल के घुसते ही अपनी तंत्र विद्या से पहचान लेता है कि यह कस्तूरी बंजारन चुड़ैल है, लेकिन वह यह नहीं समझ पा रहा था कि इतनी भयानक डरावनी चुड़ैल शम्मी कि गुलाम कैसे बन गई है, इसलिए वह कर्ण सिंह को सारी जानकारी देकर कर्ण सिंह के पिता जमींदार भूत को अपनी तंत्र विद्या से बुलाकर पूछता है?
तो जमींदार भूत बताता है शम्मी ने बंजारन चुड़ैल कि चुटिया काटकर उसे अपने वश में कर लिया है। जमींदार के भूत के साथ भूतनाथ भूत भी आता है क्योंकि मदन तांत्रिक ने अपनी तंत्र मंत्र विद्या से जमींदार भूत को गांव कि सीमा में बुलाया था उसकी तंत्र विद्या कि शक्ति से जमींदार के साथ भूतनाथ का भूत भी गांव के अंदर घुस आता है और पूरे गांव में दोनों भूत आतंक मचाना शुरू कर देते हैं। मदन तांत्रिक कर्ण सिंह को बंजारन चुड़ैल कि चुटिया काटने वाल सारी बात बात कर कहता है "शम्मी किसी भी हालत में आपको कस्तूरी चुड़ैल कि चुटिया नहीं देगा, क्योंकि वह कस्तूरी चुड़ैल को मुक्ति दिलवाना चाहता है और हम कस्तूरी चुड़ैल को कैद करके अपना गुलाम बनाना चाहते हैं, इसलिए हमें कोई तरकीब सोचनी पड़ेगी शम्मी से बंजारन चुड़ैल कि कटी हुई चुटिया लेने कि।'
"पहले मैं यह पता लगाऊंगा कि इस समय शम्मी के पास कस्तूरी चुड़ैल कि चुटिया है या नहीं अगर चुटिया उसके पास इस समय हुई तो मैं उसके खाने में जहर मिलाकर उसकी हत्या कर दूंगा और उसकी हत्या का इल्जाम कस्तूरी बंजारन चुड़ैल पर लगा दूंगा।" कर्ण सिंह कहता है

और रात होते ही जब बंजारन चुड़ैल पूरे गांव कि बिजली काटकर अंधेरा कर देती है तो कर्ण सिंह लालटेन में मिट्टी का तेल भरने के बहाने मिट्टी का तेल शम्मी के कपड़ों पर गिरा देता है मिट्टी के तेल से कपड़े गंदे होते ही कर्ण सिंह नौकर कि जगह स्वयं शम्मी को बाथरूम में कपड़े बदलवाने लेकर जाता है और नौकर को शम्मी के मामा के घर उसके दूसरे कपड़े लेने के लिए भेज देता है और जब शम्मी अपनी पैंट कि जेब से अपना पर्स रुमाल बंजारन चुड़ैल कि कटी हुई चुटिया निकाल कर बाथरूम में लगे शीशे के सामने एल्युमिनियम के फाटे पर रख देता है तो कर्ण सिंह बंजारन चुड़ैल कि चुटिया चुपचाप वहां से चुरा कर दूसरे कमरे में बैठे मदन तांत्रिक को दे देता है। मदन तांत्रिक कटी बंजारन चुड़ैल कि चुटिया देखकर बहुत खुश हो जाता है। मदन तांत्रिक खुश होकर कहता है "हम आज ही रात के 12:00 बजे श्मशान घाट में कस्तूरी बंजारन चुड़ैल को वश करने वाली पूजा करेंगे और शक्तिशाली कस्तूरी बंजारन चुड़ैल को वश करते ही हम दुनिया के अमीर इंसान होने के रास्ते पर चल पड़ेंगे।" और जब बंजारन चुड़ैल कर्ण सिंह के घर का एक बड़ा पतीला कर्ण सिंह के परिवार और नौकरों के हिस्से कि सारी खीर खा जाती है, तब कर्ण सिंह रात को 12:00 बजे तक तांत्रिक पूजा का इंतजार किए बिना बंजारन चुड़ैल को हुकुम देता है कि खीर खत्म हो गई है सबके लिए खीर पकड़ कर ला बंजारन चुड़ैल कर्ण सिंह का आदेश सुनते ही चुपचाप रसोई घर कि तरफ चल देती है और जब शम्मी के कहने से रुकने कि जगह कर्ण सिंह के कहने से बंजारन चुड़ैल कर्ण सिंह के रसोई घर में खीर पकाने चली जाती है, तो शम्मी समझ जाता है कि कर्ण सिंह ने बंजारन चुड़ैल कि चुटिया चुरा कर बंजारन चुड़ैल को अपना गुलाम बना लिया है और जब कर्ण सिंह बंजारन चुड़ैल को दोबारा हुकुम देता है कि इस शम्मी को उठाकर मेरी हवेली से बाहर फेंक दो तो बंजारन चुड़ैल कर्ण सिंह के हुकुम का पालन करती है और फिर वह कहता है इसी समय पुरे गांव कि बिजली चालू कर तो बंजारन चुड़ैल पूरे गांव कि बिजली चालू कर देती है।

और उसी समय कर्ण सिंह का नौकर आकर बताता है कि "भूतनाथ भूत गांव के उस बुजुर्ग के ऊपर चढ़ गया है जिसने बताया था कि शम्मी कि नई नवेली दुल्हन कस्तूरी बंजारन चुड़ैल है। बुढे को भूतनाथ भूत पलंग से उठा उठा कर छत में मार रहा है।" इसलिए कर्ण सिंह उसी समय बंजारन चुड़ैल को आदेश देता है कि "भूतनाथ भूत को गांव नहीं बल्कि कोलकाता से भी दूर फेंक कर आओ।" और हवेली के बाहर जब कर्ण सिंह को शम्मी रास्ते में अपने मामा के घर जाता हुआ दिखाई देता है तो कर्ण सिंह बंजारन चुड़ैल को आदेश देता है कि शम्मी कि कमर में इतनी ताकत से लात मारो जिससे उसकी रीड कि हड्डी टूट जाए जैसे ही बंजारन चुड़ैल शम्मी कि रीड कि हड्डी तोड़ने के लिए लात मारती है, तो शम्मी और बंजारन चुड़ैल के बीच में भूतनाथ भूत आ जाता है बंजारन चुड़ैल कि लात भूतनाथ कि छाती में लगते ही वह बरगद के पेड़ से जाकर टकराता है विशाल बरगद का पेड़ जड़ से उखाड़ कर कर्ण सिंह कि हवेली के आंगन में जाकर गिरता है और जल्दी से भाग कर भूतनाथ भूत कर्ण सिंह कि हवेली के उस कमरे में घुस जाता है जहां तांत्रिक मदन रात के 12:00 बजे बंजारन चुड़ैल को वश में करने वाली तांत्रिक पूजा कि तैयारी कर रहा था।जब पूरे गांव में यह बात कि शम्मी कि दुल्हन बंजारन चुड़ैल थी जंगल कि आग कि तरह फैल जाती है, तो गांव के लोग शम्मी को बहुत बड़ा तांत्रिक जादूगर समझ कर शम्मी के मामा मामी के साथ आते हैं शम्मी को मान सम्मान से अपने साथ ले जाने के लिए लेकिन जब उन्हें यह पता चलता है कि शम्मी कि जगह बंजारन चुड़ैल अब कर्ण सिंह के वश में है और रात को कर्ण सिंह श्मशान घाट में पूजा पाठ करके बंजारन चुड़ैल को अपनी गुलाम बनाने वाला है, तो पूरा गांव कर्ण सिंह से नाराज हो जाता है कि बंजारन चुड़ैल पूरे गांव का न्याय करने वाली देवी है, कर्ण सिंह को हम अकेले बंजारन चुड़ैल से अपने स्वार्थ पूरे नहीं करने देंगे।

और जब शम्मी कहता है कि "मैं बंजारन चुड़ैल को ना तो कर्ण सिंह को अपने वश में करने दूंगा और ना ही बंजारन चुड़ैल को गांव वालों कि न्याय कि देवी बनने दूंगा, क्योंकि गांव वाले भी अपने स्वार्थ के लिए बंजारन चुड़ैल और जमींदार भूतनाथ भूत के मुक्ति के रास्ते में बांधा बनकर खड़े हुए हैं।"

शम्मी कि यह बात सुनकर भूतनाथ भूत मदन तांत्रिक को कर्ण सिंह कि हवेली से टांग पकड़ कर खींचता हुआ लाता है और शम्मी के पैरों में उसे पटक कर कहता है "अगर इसे जान से मार दो तो कर्ण सिंह अकेले कभी भी कस्तूरी बंजारन को वश में करने वाली पूजा नहीं कर पाएगा।" और तभी जमींदार भूत गांव वालों शम्मी पर पत्थरों कि बारिश शुरू कर देता है और चीख चीख कर कहता है "कर्ण सिंह बेटा बंजारन चुड़ैल को वश में करके हमारे आने वाली पीढ़ियों का भी इसे गुलाम बनाना तू पूजा कि तैयारी शुरू कर मैं गांव वालों और गांव के भांजे शम्मी को पत्थर मार मार कर यहां से भागता हूं।

उधर भूतनाथ भूत पूरे गांव कि बिजली गुल करके कहता है "शम्मी जल्दी मदन तांत्रिक कि हत्या करो क्योंकि मेरे अंदर इतनी शक्ति नहीं है, कि मैं इसकी जान ले सकूं।"
"मुझे किसी कि हत्या नहीं करनी है बल्कि गांव कि जितनी भी भटकती आत्माएं है उनको शांति मुक्ति दिलवानी है।" शम्मी कहता है गांव वालों के साथ जमींदार के पत्थर कि बारिश से बचत बचता गांव के उस बुजुर्ग के घर में घुस जाता है जिसने बंजारन चुड़ैल को पहचाना था। पूरे गांव में अंधेरा भूत चुड़ैल के चीखन चिल्लाने की आवाज़ें सुनकर गांव के कुछ कमजोर दिल के महिला पुरुष बच्चे बेहोश भी हो जाते हैं। और जब शम्मी को कुछ समझ नहीं आता कि बंजारन चुड़ैल जमींदार भूतनाथ भूत को कैसे मुक्ति दिलाएं, तो वह गांव के सबसे बुजुर्ग के घर में ही भोलेनाथ काली मां कि पूजा करना शुरू कर देता है और उस बुजुर्ग से कस्तूरी चुड़ैल के माता-पिता बाकी पूर्वजों का नाम पूछ कर बंजारन चुड़ैल के पूर्वजों से भी अपनी पूजा में मदद मांगने लगता है।

भोलेनाथ काली मां कि बिना किसी विधि विधान के कांडों कि तेज आग में बुजुर्ग के घर से देसी घी सरसों का तेल लेकर आग में डाल डाल कर सिर्फ सीधी सादी भोलेनाथ काली मां से प्रार्थना करता है कि इन भटकती आत्मा को शांति दे।

कर्ण सिंह मदन तांत्रिक और बंजारन चुड़ैल को गांव के श्मशान घाट में साथ ले जाकर पूरे विधि विधान से पूजा करवाता है।

और जब दो घंटे पूजा करने के बाद भी महादेव काली मां प्रसन्न नहीं होती तो शम्मी निराश होने लगता है और शम्मी अपनी पूजा असफल समझ कर जब बुजुर्ग के घर से अपने मामा के घर जाने लगता है, तो बुजुर्ग के घर के आंगन में जमींदार भूतनाथ भूत बंजारन चुड़ैल जमीन पर आंख खोलकर ऐसे लेटे हुए थे, जैसे तीन लाशें एक साथ पड़ी हो, उन्हें देखकर शम्मी समझ जाता है यह मेरी पूजा कि वजह से मेरे पास खींचे चले आए हैं, इसलिए शम्मी भूत चुड़ैल से भयभीत बुजुर्ग को होश में लाकर उससे पूछता है? "घर में गंगाजल कहां रखा है।" तो दो-तीन बार पूछने के बाद में बुजुर्ग घर के कोने में इशारा करता है कि वहां रखा है।

गंगाजल मिलते ही शम्मी तुरंत वहां से गंगाजल एक मिट्टी के मटके में डाल लेता है और गंगाजल दोनों भूतों चुड़ैल पर छीटक छीटक कर लगातार उनसे कहता रहता है "धीरे-धीरे मेरे साथ महादेव माता काली के हवन कुंड के पास चलो।" और जमींदार भूतनाथ भूत चुड़ैल बंजारन को एक-एक करके हवन कुंड कि अग्नि में प्रवेश करवा देता हैं अचानक बुजुर्ग के धर कि छत में बहुत बड़ा छेद करके एक रोशनी अंदर आती है। वह रोशनी पहले जमींदार भूत को फिर भूतनाथ भूत को सबसे आखरी में बंजारन चुड़ैल को अपने साथ लेकर जाती है।

बंजारन चुड़ैल शम्मी का हाथ पकड़ कर कुछ कहने कि कोशिश करती है लेकिन वह रोशनी कुछ कहने से पहले ही बंजारन चुड़ैल को खींच कर ले जाती है।

दोनों भूत चुड़ैल के जाने के बाद पूरे गांव में बिजली आ जाती है और कर्ण सिंह भूत चुड़ैल को मुक्ति मिलने के बाद श्मशान घाट से आकर पूरे गांव के सामने शम्मी के पैर में गिरकर माफी मांग कर बताता है कि मुक्ति मिलने के बाद मेरे जमीदार पिता ने आकर मुझसे कहा था कि "मैं जिस शांति के लिए वर्षों से तड़प रहा था वह शांति मुझे शम्मी ने दिलवाई शम्मी इंसान नहीं देवता है।"

गांव में उस रात फिर जब दोबारा दहशत फैल जाती है जिस समय शम्मी कि ममेरी बहन कि बारात में एक बच्चा आता है, जिसके दोनों पर उल्टे थे, वह शम्मी से कहता है "मैं आपका बेटा हूं, मुझे कस्तूरी बंजारन मां ने बताया है।"