Nomad Witch Part -3 in Hindi Horror Stories by Rakesh Rakesh books and stories PDF | बंजारन चुड़ैल - भाग 3

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बंजारन चुड़ैल - भाग 3

श्मशान घाट की तरफ से ऐसी आवाज जैसे कोई अपनी नाक अपने हाथों कि उंगलियों से कसकर दबाकर बोल रहा हो सुनकर शम्मी समझ जाता है कि यह भूत कि आवाज है, क्योंकि उसने किसी से सुना था कि भूत प्रेत नाक से बोलते हैं, इसलिए वह मिठाई का डिब्बा महादेव के मंदिर के पास रख कर और तेज चिल्ला कर बोलकर कि मैंने मिठाई महादेव के मंदिर के आगे बने पत्थर के चबूतरे पर रख दी है, यहां से उठाकर मिठाई खा लेना और खुद यह बात कहकर रेल कि पटरी के किनारे-किनारे उस तरफ तेज़ तेज़ चलना शुरू कर देता है जिस तरफ उसका ननिहाल था।

और जब से वह रास्ता भटक था, उसे बार-बार यह महसूस हो रहा था कि कोई उसका पीछा कर रहा है।

मामा के गांव के श्मशान घाट से बहुत दूर पहुंचने के बाद शम्मी रेल कि पटरी से थोड़ा दूर बैठकर सुस्तता है और उसे अचानक याद आता है कि जब उसकी ड्यूटी अस्पताल की इमरजेंसी में थी तो एक रात जवान महिला जो 90% जाली हुई थी पुलिस वाले ईलाज के लिए हमारे अस्पताल कि इमरजेंसी में लाए थे, उस महिला के पति ने उस महिला के चाल चलन पर शक करने कि वजह से उस महिला को जिंदा जलाने कि कोशिश की थी और उस महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था, पुलिस केस होने कि वजह से महिला की लाश पूरी रात अस्पताल में राखी रही थी।

तब हमारे अस्पताल के ईसीजी टेक्निशियन और स्टाफ नर्स के बीच बहस छिड़ गई थी कि भूत होते हैं या नहीं क्योंकि नर्स कह रही थी कि यह महिला बिना मौत के मरी है, इसलिए इसकी आत्मा भटकेगी और यह अगर चुड़ैल बन गई तो अपने पति को परेशान करेगी, क्योंकि इसके पति ने इसकी हत्या की है, लेकिन ईसीजी टेक्नीशियन मानने के लिए तैयार ही नहीं था कि भूत प्रेत होते भी है।

तब उन दोनों कि आपस में बातें सुनकर इमरजेंसी का पाचास पचपन वर्ष का सिक्योरिटी गार्ड ने वहां आ कर ईसीजी टेक्नीशियन से कहा था कि अगर सर आपको भूत प्रेत चुड़ैल पर विश्वास नहीं है, तो सुनसान रेल कि पटरी के किनारे किनारे रात के बाहराह से तीन के बीच में दो से तीन किलोमीटर अकेले घूमो फिर आपको जरूर बुरी आत्माओं के दर्शन हो जाएंगे।

यह बात याद करते ही शम्मी का दिल तेज तेज धड़कने लगता है और उसे ठंड ऐसे महसूस होती है, जैसे वह हिमालय पर्वत के शिखर पर हो इसलिए वह अमावस्या कि अंधेरी रात में रेल कि पटरी के किनारे लगी हुई कीकरों लाल छोटे बेरो और दूसरी कांटेदार झाड़ियां से अपना जबरदस्ती रास्ता बनाते हुए गन्ने के खेत में घुस जाता है और कांटेदार झाड़ियां के बीच से निकलते समय उसके हाथ मुंह भी नुकीले कांटों से छील जाते हैं।

अंधेरे में गन्ने के खेत में वह किसी चीज से टकरा कर गन्ने के खेत में गिर जाता है, जिस चीज से शम्मी टकराता है वह मृत गीदड़ था, जिसकी गन्ने के खेत में गन्ना चूसते समय जीभ गन्ने कि दोनों फांकों के बीच में ऐसे फंस गई थी, जैसे चिमटी ने उसकी जीभ दवा ली हो इसलिए जीभ गन्ने के बीच में फंसने के कारण उसकी तड़प तड़प कर वही मौत हो गई थी।

शम्मी उस मृतक गीदड़ कि जीभ गन्ने से निकाल कर गीदड़ कि लाश को गन्ने के खेत के पास ही गहरा गड्ढा खोदकर दफ़ना करता है।

तभी शम्मी को पान के पत्तों की सुगंध अपने आस पास बहुत तेज महसूस होने लगती है, जैसे कि उसके आस पास ही बहुत से पान के पौधों का तालाब हो, वह चारों तरफ नजर दौड़ा कर देखता है तो उसे दूर सर्दी के मौसम में एक आदमी सफेद धोती-कुर्ते में और दूसरा सिर्फ लाल धोती पहने हुए दिखाई देता है, लेकिन शम्मी समझ नहीं पा रहा था कि यह दोनों रात के एक बजे पान के तालाब के पास क्या कर रहे हैं और जब शम्मी उनके करीब आकर देखता है, तो वह दोनों कड़ाके की ठंड में शीत लहर में नंबर बारी एक दूसरे को धक्का देकर पान के तालाब में नहा रहे थे और एक दूसरे से बिना बात किए चुपचाप यह कार्य कर रहे थे।

और जब-जब जुगनूओ के झुंड कि वजह से तेज रोशनी होती थी, तो वह दोनों साफ दिखाई देते थे, शम्मी उन दोनों व्यक्तियों की अजीबोगरीब हरकत को देखकर उनके पास जाने कि जगह पहले यह पता लगाने कि कोशिश करता है कि यह इंसान है या भूत, इसलिए शम्मी झाड़ियां के पीछे छिपकर दोनों व्यक्तियों पर नजर रखता है।

और जब जैसे ही जुगनुओं के झुंड कि तेज रोशनी होती है, तो शम्मी को सफेद धोती कुर्ते पहने आदमी के उल्टे पैर दिखाई देते हैं, और जब वह दूसरे आदमी के पैर भी ध्यान से देखता है तो उसके भी दोनों पैर उल्टे थे।

और जब उन दोनों भूतों को महसूस होता है कि हमारे आस पास कोई इंसान है, तो वह शम्मी को ढूंढते हुए शम्मी कि तरफ ही आने लगते हैं।

शम्मी दोनों भूतों को अपनी तरफ आता देख तुरंत अपनी जैकेट कि जेब से सिगरेट कि डिब्बी निकाल कर एक सिगरेट जला लेता है, और दोनों भूत शम्मी के हाथ में जलती हुई सिगरेट कि आग देखकर चिल्लाना शुरू कर देते हैं कि बंजारन चुड़ैल ने हमें जिंदा जला दिया बंजारन चुड़ैल ने मैं जिंदा जला दिया और चिल्लाते चिल्लाते पान के तालाब में कूद जाते हैं।

शम्मी पीछे मुड़ कर देखे बिना वहां से सरपट भागना शुरू कर देता है, क्योंकि को उसे यह भी पता था कि किसी का श्मशान घाट से अंतिम संस्कार करके आने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए वरना उस मृत व्यक्ति या दूसरी आत्माएं आपके घर तक आ सकती हैं, इसलिए घर आने के बाद स्नान करने के बाद कपड़े भी बदलने चाहिए।

और जब एक लड़की उसे रुकने के लिए कहती है तो वह यह जानते हुए भी रुक जाता है कि भूत प्रेत चुड़ैल सिर्फ तीन बार रुकने के लिए कहते हैं चौथी बार नहीं लेकिन उस लड़की कि आवाज इतनी मधुर और प्रेम भरी थी कि शम्मी मजबूर होकर रुक जाता है।