Khamosh Mohabbat - 5 in Hindi Love Stories by Adil Uddin books and stories PDF | ख़ामोश मोहब्बत - 5

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ख़ामोश मोहब्बत - 5

 
माही और अयान कार में साथ साथ जा रहे थे,
अयान बहुत धीरे गाड़ी चला रहा था और माही उसको गुस्से से घूरे जा रही थी।
 
इधर अर्सलान अपने कमरे में अपने कपड़े बदल रहा था,उसने कपड़े बदले और उसने धीरे से अपने कमरे को अंदर से लॉक किया और कमरे के पीछे वाली खिड़की खोली और मौका देख कर उस खिड़की से बाहर आ गया,
फिर दबे पांव वो घर के दरवाज़े तक गया और मौका देख कर वहां से भाग निकला।
 
इधर अयान बहुत ही टेंशन में कार ड्राइव कर रहा था,अचानक उसका फोन बजने लगा उसने तुरंत फोन उठाया और कहा...
 
"हां भाई हम कीर्ति नगर की मार्केट में ही हैं,
तू यहीं आजा बहुत देर लग गई मैं जानता हूं,
क्या करूं ट्रैफिक जाम था मैं तुझे तुझे लोकेशन मैसेज कर रहा हूं, हां आजा जल्दी"।
 
दरअसल अयान अर्सलान से ही बात कर रहा था,
अयान ने गाड़ी साइड में रोकी और माही से कहा तुम जब तक अपनी खरीदारी कारलो।
 
माही ने एक टुक जवाब में ना कहा और कहा पहले तुम्हारे दोस्त को आने दो।
 
आधा घंटा बीत गया और माही अयान को घूरे जा रही थी,
अयान भी कार में एयर कंडीशन चलाने के बाद भी पसीने में लदपद था।
 
अचानक माही की नज़र अयान से हट कर सामने से आते हुए अर्सलान पर पड़ी,उसने तुरंत अपना सिर खिड़की से बाहर निकाल कर देखा।
 
अर्सलान ने रफ्तार तेज़ की और वो कार के पास आ गया,
अयान और माही भी कार से बाहर उतर आए और फिर अर्सलान ने नाटक करते हुए कहा...
 
"अरे! यार अयान तू माही के साथ"।
 
अयान ने भी नाटक करते हुए कहा...
 
"क्या तू इन्हें जानता है"।
 
इतने में माही बोल पड़ी।
 
"बहुत अच्छे से यही तो मेरे बॉस हैं,मुझे नहीं पता था अयान की मिस्टर वर्मा ही आपके दोस्त हैं,आई एम सॉरी"।
 
फिर अर्सलान ने कहना शुरू किया...
 
"अरे भई,ये तुम इसको सॉरी क्यूं बोल रही हो माही,
क्या हुआ मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा"।
 
फिर अयान ने भी मौका देख कर डायलॉग बाज़ी शुरू की...
 
"कुछ नहीं मेरे दोस्त ये मेरी हाउस मेट है,हम एक की घर मैं रहते हैं"।
 
अर्सलान ने झूठी हसी हस्ते हुए कहा...
 
"अयान! मिस माही को कभी दिक्कत नहीं होनी चाहिए समझे"।
 
अर्सलान की ये बात सुनकर माही की आंखों में थोड़ी चमक सी आ गई और वो थोड़ी सी शर्मा गई।
अर्सलान ने जल्दी का नाटक किया और कहा...
 
"अच्छा मिस माही और अयान मुझे जाना है देर हो रही है,
फिर मिलते हैं"।
 
फिर अयान ने उसे कार की चाबी दे दी और अर्सलान कार लेकर चला गया लेकिन माही उसे जाते हुए देख रही थी एक हल्की मुस्कान के साथ,आप समझ ही रहे होंगे ये मुस्कान उसके चेहरे पे क्यों थी।
 
अब माही ने बाज़ार से कुछ सामान खरीदा और अयान के साथ घर वापस जाने के लिए पैदल निकल गई,अयान उसका सामान अपने कंधों पर लादे हुए धीरे चल रहा था।
 
तभी माही ने अयान से बात करने की कोशिश की...
 
"अयान,मुझे पता नहीं था की मिस्टर वर्मा तुम्हारे दोस्त हैं उन्हें कुछ भी मत बताना,मैं काफी शर्मिंदा हूं की मैंने तुम पर शक किया"।
 
अयान भी मौके का फायदा उठाते हुए बोला...
 
"चाहूं तो तुम्हें कल ही नौकरी से निकलवा सकता हूं,मेरी बहुत इज्ज़त करता है वो और ऑफिस के सारे बड़े फैसले वो मुझसे पूछ कर ही करता है,लेकिन मैं तुम्हें माफ कर देता हूं,आगे से बस ध्यान रखना,कभी कभी मेरा दिमाग़ खराब हो जाता है,वो तो ठीक है की तुम अनाबिया की दोस्त हो और वो बहुत अच्छी लड़की है,शायद उसी की अच्छाई ने तुम्हें आज मेरे गुस्से से बचा लिया"।
 
माही ने भी उसके जवाब में कहा...
 
"हां,वाकई वो बहुत अच्छी है और तुम्हारा दोस्त भी"।
 
अयान ने चौंक कर कहा..
 
"कौन जो मेरे साथ रहता है?"
 
माही ने एक दम बुरा सा मुंह बना कर कहा..
 
"अरे वो नहीं,मैं मिस्टर वर्मा की बात कर रही हूं"।
 
अयान ने मुस्कुराते हुए कहा..
 
"दोनों में ज़्यादा कोई फर्क नहीं"।
 
अब रात हो चुकी थी अर्सलान माही और अयान से पहले घर के बाहर पहुंच गया उसने घर बाहरी दरवाज़ा खोला और दबे पांव गार्डन से होकर अपने कमरे की खिड़की की तरफ जाने लगा,तभी उसे पीछे से आ कर अनाबिया पकड़ लिया।
 
"ये सब क्या हो रहा है?तुम चोरों की तरह अपना कमरा अंदर से लॉक करके खिड़की से बाहर निकल कर घर से बाहर गए और अब फिर चोरों की तरह खिड़की से ही कमरे के अंदर जा रहे हो,माजरा क्या है आखिर"।
 
अब अर्सलान पानी पानी हो गया,वो एक टुक हैरानी से अनाबिया के चेहरे को देख रहा था और मन ही मन सोंच रहा था अब बुरे फसे इसको जवाब दूं।
 
इधर सड़क पर चलते चलते माही और अयान थक चुके थे, उन्हें सामने एक वेंडिंग मशीन दिखी जिसमें पैसे डालने पर आप अपनी मन पसंद चीज़ ले सकते हो।
 
अयान ने माही से कहा कि वो उस मशीन से दो जूस की बोतल लेकर आता है तुम यहीं रुक जाओ, क्योंकि सामान ज़्यादा है सड़क पार करने में दिक्कत होगी।
 
इतना कह कर अयान ने माही को छोड़ कर सड़क पार कर ली और वेंडिंग मशीन से दो जूस की बोतल निकाली और माही की तरफ मुड़ा उसने देखा सड़क पर उस पार खड़ी माही को चार हट्टे कट्टे बॉडी गॉर्ड जैसे आदमियों ने घेर रखा है और उसे ज़बरदस्ती उठाकर करीब खड़ी कार में धकेल रहे थे।
 
अयान सड़क पर खड़े वहीं से चिल्ला रहा था और आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था,लेकिन चलती गाडियां बार बार उसके कदम पीछे कर देती थीं,इसी बात का फायदा उठा कर वो लोग माही को ज़बरदस्ती कार में बैठा कर ले गए।
 
और अयान उस कार के पीछे भागने लगा लेकिन वो ज़्यादा दूर तक भाग नहीं पाया और कार वहां से चली गई।
 
इधर अर्सलान सामने खड़ी अनाबिया को क्या बताए इस बारे में सोंच ही रहा था की उसके फोन की घंटी बजी,उसने हड़बड़ी में फोन उठाया।
 
वो फोन अयान का था,अयान ने अर्सलान को पूरा हादसा बताया और ये सब बातें सुन कर अर्सलान के मुंह से निकला।
 
"क्या?"
 
आखिर माही को वो लोग कहां ले गए?
और वो लोग कौन थे?
क्या इस हादसे से अर्सलान और अयान का भी ताल्लुक है?
क्या होगा आगे? ये तो अगले भाग में पता चलेगा
तो हमें फॉलो कर लीजिए ताकि आप "ख़ामोश मोहब्बत के अगले चैप्टर को मिस ना कर दें।