Engineer in Hindi Classic Stories by Er.Vishal Dhusiya books and stories PDF | इंजीनियर

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इंजीनियर

गर्व है मुझे इंजीनियर पर,
कलम की नीब से लेकर वायु विमान तक
इंजीनियर ही बनाता है
मीलों दूर बैठे रिश्तेदारों से
इंजीनियर ही मिलवाता है
जो कभी कल्पना भी नहीं की हमने
आज पूरा करके दुनियां को दिखाता है
गर्व है मुझे इंजीनियर पर
इंजीनियर ही बनाता है
पृथ्वी की संरचना में,
भगवान विश्वकर्मा ने इंजीनियर की भूमिका निभाई
प्राचीन काल में आदिमानव ने पहिया तक बनाई
सीमा पर सैनिक जिस हाथियार से,
जान हमारी बचाता है
गर्व है मुझे इंजीनियर पर
इंजीनियर ही बनाता है
यूं तो लोग झूठ कहते हैं,
डाक्टर को भगवान
क्योंकि डाक्टरों का हर औजार
इंजीनियर ही बनाता है
धन्य हो उस इंजीनियर का,
जिसने चिड़िया को देखकर
हवाई जहाज बना दिया
मिलो दूर चांद सितारों की
दुनियां का सैर करा दिया
पानी की सतह पर भी
रस्ता एक बनाता है
मछली की भांति पनडुब्बी चलाता है
गर्व है मुझे इंजीनियर पर
इंजीनियर ही बनाता है
सर झुकता है डॉक्टर कलाम के आगे
जिसने भारत को मिसाइल दिया
वो भारत का इकलौता इंजीनियर
पूरे विश्व को मात दिया
एक पैसे की लालच ना करके
दुनियां को सुविधा देता है
गर्व है मुझे इंजीनियर पर
इंजीनियर ही बनता है
चंद्रयान की लैंडिंग से लेकर
ग्रहों की खोज कराता है
गर्व है मुझे इंजीनियर पर
इंजीनियर ही बनाता है

ईo विशाल कुमार धूसिया

इंजीनियर प्रकृति की वो मूल्यवान देन है जो पूरे विश्व को हर सुख सुविधा प्रदान करते हैं इंजीनियर के बिना हम सबका जीवन व्यर्थ है आज इंजीनियर की देन से हम सबको तरह तरह के हथियार, एक जगह से दूसरे जगह तक भ्रमण करने के लिए गाड़ियां, वायु विमान, पानी की जहाज जो पानी व हवा के रास्ते एक देश से दूसरे देश तक घंटो में पहुंच रहें हैं। गर्व की बात तो यह है की जब पृथ्वी की संरचना भी नहीं हुई थी तब इंजीनियर का जन्म हुआ था। क्योंकि पृथ्वी की संरचना में भगवान विश्वकर्मा को माना जाता है। विश्व के निर्माण में भगवान विश्वकर्मा ने अहम भूमिका निभाई। पृथ्वी की निर्माण के बाद जब जीव जंतु पशु पक्षी तथा मानव की संरचना में भगवान शिव को इंजीनियर माना जाता है। जीव जन्तु और मानव का द्वितीय रूप रोबोट जो आज सबसे बड़ा उदाहरण है। मानव व जीव जन्तु के संरचना के बाद आदिमानव भी एक इंजीनियर के रूप में उभरे। पशुवों के शिकार करने के लिए उन्होंने पाशुवों के हड्डियों और पत्थरों से तरह तरह के हथियार बनाए। वह भी एक इंजीनियर का ही काम है । उसके बाद आदिमानव ने पहियों का अविष्कार कर गाड़ियां बनाई और जानवरों को जोड़कर एक मुकम्मल गाड़ी बनाई। आज दुनियां के सामने इंजीनियर ही गाड़ियां बना रहा है। मतलब इंजीनियर के बगैर पूरा विश्व अधूरा है। इंटरनेट की दुनियां से लेकर मनोरंजन, शिक्षा, चिकित्सा तथा ग्रहों को जानने और समझने में इंजीनियर ही मुख्य भूमिका निभाया है। इंजीनियर ही हर अनहोनी को होनी किया है। जो हम कभी कल्पना नही किए थे की हम आसमान की भी सैर करेंगे और आज संभव हो सका है। गर्व है मुझे इंजीनियर पर को आज हमको हर सुख सुविधा प्रदान की है। यह एक इंजीनियर ही कर सकते हैं।

ईo विशाल कुमार धुसिया