ये कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है।।
यह कहानी है एक लड़के की जिसका नाम मोहन था, मोहन एक गाव का सीधा साधा लड़का था। जो अपना 12 पास कर के गाजीपुर के एक छोटे गाव से बनारस पढ़ने गया था। मोहन बनारस के प्रशिध् collage BHU म पढ़ता है, मोहन को bhu मे एडमिशन लिए हुए अभी 1 हफ्ता भी नही हुआ था, तभी उस रहने की दिक्कत सताने लगी तब वही थोड़ी दूर पर एक खाली कमरा मिला वो भी कम कीमत मे, मोहन उसी कमरे मे अपना सारा समान लेकर रहने लगा। कुछ दिन बीते, एक दिन की बात है मोहन को collage से घर आने मे रात हो गया था, मोहन अपने घर की और आ रहा था, तभी उसे कुछ कुत्तो के भोकने की आवाज़ सुनाई दी, मोहन ने उसपर ध्यान न देकर आगे बढ़ गया। तभी पीछे से एक आवाज़ आई। बचाओ-BACHAO मेरे पीछे ये कुत्ते पड़े हुए है। मोहन ने पीछे मुड़ कर देखा तभी पीछे एक लड़की दूर से भागते हुए मोहन की तरफ बहुत तेजी से आ रही थी। अँधेरा होने के कारण मोहन को दूर से लड़की का सकल दिखाई नही दे रहा था। लड़की मोहन के पास आई और उसके पीछे कुत्ते भी, लड़की ने मोहन से कहा "मुझे बचा लो मेरे पीछे कुत्ते पड़े हुए है" तभी मोहन ने उन कुत्तो को मार कर वहा से भगा दिया, फिर मोहन ने उस लड़की से पूछा तुम कहा रहती हो चलो मे तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ देता हु, तभी लड़की ने कहा नही मे चली जाऊंगी, इतना कह कर वो लड़की वहा से जाने लगी,,
उस लड़की के पीछे पीछे मोहन भी जा रहा था, थोड़ी देर लड़की के पीछे चलने पर लड़की पलट कर बोली "तुम मेरा पीछा क्यों कर रहे हो! " तब मोहन ने कहा मेरा घर भी इसी तरफ पड़ता है। इतना सुनते ही लड़की फिर चलने लगी। थोड़ी देर बाद मोहन अपने घर की तरफ पहुँच गया। उसने देख की वो लड़की उसके घर के उपर वाले कमरे मे रहती है। मोहन ने ज्यादा कुछ सोच नही और अपने कमरे मे चला गया।
अगले दिन मोहन को घर आने मे फिर से रात हो गया था,
रास्ते मे पीपल के पेड़ के पास मोहन पहुँचा तभी पीछे स हिल्स वाली सैंडल की आवाज़ आई, वो आवाज़ धीरे धीरे मोहन के पास आ रही थी। मोहन आगे गया तब उसने देखा की कल वाली लड़की है।
मोहन ध्यान न देते हुए आगे बढ़ने लगा तभी पीछे से आवाज़ आई, रुको मे भी आ रही हु, तब मोहन रुका वो लड़की उसके पास आई और बोली चलो मे भी घर चल रही हु। मोहन न उस लड़की को इतने करीब से देखा। वह लड़की "गोरी गोरी गालो वाली, काले काले बालों वाली, एक फूल जैसी कोमल थी।
वो लड़की दिखने मे किसी फिल्म की हीरोइन लग रही थी..
मोहन उसे देखता रह गया. मोहन ने उस लड़की का नाम पूछा तब उस लड़की ने अपना नाम" बबिता " बताया,,
इतने मे वो दोनों घर आ गए!
आज sunday का दिन है आज collage बंद है
चलो आज अपना काम कर लेते है।
तभी मोहन के घर की घंटी बजती है
'*दरवाजा खोलो मुझे तुमसे 1 काम ह*'
इतना सुनते ही मोहन के चेहरा पर मुस्कान आ जाती है।।।।