The Author Captain Dharnidhar Follow Current Read महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 82 By Captain Dharnidhar Hindi Human Science Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books आखेट महल - 19 उन्नीस यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़... अपराध ही अपराध - भाग 22 अध्याय 22 “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक... अनोखा विवाह - 10 सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट... मंजिले - भाग 13 -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ... I Hate Love - 6 फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Captain Dharnidhar in Hindi Human Science Total Episodes : 105 Share महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 82 (2) 1.3k 3.4k 2 दरवाजे के सामने गाड़ी रूकती है , सभी दरवाजे की ओर देखने लग जाते है । शायद सबको उत्सुकता है ..इतना सबेरे सबेरे कौन आया है ? जिप्सी से दो कांस्टेबल उतरते हैं ..अभय के दिमाग मे कुछ प्रश्न तैरने लग जाते हैं ..मौहल्ले में क्या हुआ होगा.. कुछ ...तो..हुआ है ? ..कस्तुरी ने अपने पति विजय की ओर देखते हुए कहा ..मुझे लगता है अपने सामने वाले झाबर के छोरे ने कुछ अपराध किया है ..कोई कामधाम तो है नही उसके..आवारा छोरो के साथ घूमता रहता है ..कस्तुरी कुछ ओर आगे कहती अभय ने रोकते हुए कहा ..मम्मी ..? एक मिनट रूको तो .. यह क्या कांस्टेबल तो उनके ही दरवाजे के अंदर आगये .. कस्तुरी के चेहरे का रंग फीका पड़ गया .. कुछ हिम्मत जुटाकर बोली ..किससे मिलना है आपको ? एक कांस्टेबल ने कहा ..यह मकान अभय सिंह का है क्या ? अभय ने अपना नाम उसके मुख से सुनकर कांस्टेबल से कहा ..हां सर मै ही कैप्टन अभय हूँ ...वेलकम आइए बैठिए.. सर हम यहां बैठने नही आये हैं । आपको हमारे साथ चलना होगा , आपको हमारी मेडम ने बुलाया है । अभय आशंकाओ से घिरा हुआ बोला ..पर क्यों बुलाया है ? एक कांस्टेबल ने कहा.. सर ! यह तो पता नही है । अभय की मम्मी ने कहा ... क्या बात होगयी ..मेरा छोरा तो कल ही आया है .. दूसरे कांस्टेबल ने कहा.. सर ! वे खुद ही आने वाली थी .. लेकिन कोई काम आगया । अभय ने कहा ..पहले पूरा मामला समझाओ तब चलूंगा ...कौन मेडम है ? कांस्टेबल ने फोन लगाया और अभय की ओर बढा दिया ..आप बात कर लो ..अभय ने फोन लिया ओर हेलो कहा ..उधर से आवाज आई हेलो मिस्टर अभय .. आपसे कुछ जानकारी लेनी है ..प्लीज आप ..मेरे ऑफिस आजाइए...अभय ने कहा ..मेडम ! आप थोड़ा बतायेंगी..किस विषय मे ..उसकी बीच मे बात काटकर..मेडम ने कहा चलिए आप नही आयेंगे तो मुझे वहां आना पड़ेगा .. अभय ने कहा ..मुझे नही लगता कि मुझसे ऐसा कुछ हुआ है ..जो आप पूछताछ करें ... आई एम सोलजर मै एक सोलजर हूँ और ऑन ड्यूटी हूँ ..आपको मेरी यूनिट से परमीशन लेनी होगी ... उधर से मेडम ने कहा ..सर ! मुझे जहां तक पता है आपके सीओ से बात होगयी है .. उनको सूचित कर दिया है ..प्लीज आप कॉपरेट कीजिए.. अभय के मन मस्तिष्क में कयी प्रश्न उठने लगे .. कही इनको कोई गलतफ़हमी तो नही होगयी... ये किसी ओर को समझ रहे हो .. कहीं सीओ ने वहा लगी आग की इंक्वायरी पुलिस को तो नही सोप दी ..लेकिन यह कैसे संभव है ? कही मेरे किसी साथी ने मेरे खिलाफ एफआईआर तो दर्ज नही करवा दी । फोन पर फिर से महिला की आवाज आई.. हेलो ..हेलो ..क्या आप मुझे सुन रहे है ? अभय ने जबाब मे कहा ..यश मेडम .. मै अभी इनके साथ आता हूँ । ऐसा कहकर फोन कांस्टेबल को पकड़ा दिया .. आप दोनो प्लीज बैठिए.. मै अभी तैयार होकर आता हूँ .. मम्मी की ओर देखकर कहा मम्मी मुझे इनके साथ जाना होगा । केतकी की ओर मुख करके कहा आप इनके लिए चाय बनाओ .. मै 10 मिनट मे तैयार होकर आता हूँ । कांस्टेबल को संबोधित करते हुए कहा .. आप इतना टाइम तो मुझे देंगे न ! कांस्टेबल ने कहा क्यों नही सर ..आप चाहे तो दस मिनट ओर ले लीजिए.. पर हमे सुबह आठ बजे तक पहुंचना है ..ऐसा कहते हुए कांस्टेबल चेयर पर बैठ गया ... अभय कमरे के अंदर चला गया ...कमरे के अंदर आने के बाद उसे लगा कि युनिट मे बात करनी चाहिए... अभय ने तुरंत अपने सीओ को फोन लगाया ...एक घंटी पर ही सीओ ने फोन उठा लिया .. यश कर्नल महा पात्रा स्पीकिंग..अभय ने गुड मोर्निंग सर । मोर्निंग..कहो अभय ..घर पहुंच गये । यश सर .. सीओ ने पूछा ..एनी प्रॉब्लम... अभय ने सारी कहानी कह सुनाई.. सीओ हंसने लगा ..और हंसते हुए बोला गुड कैप्टन.. मै तुम्हारी सूझबूझ से इंप्रेस हुआ ... ठीक किया तुम मुझे शाम को पूरी रिपोर्ट देना ... सर ! यह सब आपने ... बीच मे ही बात काटते हुए कर्नल ने कहा .. अब तुम हालात का सामना खुद करो .. कर्नल हंसने लगा .. ‹ Previous Chapterमहिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 81 › Next Chapter महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 83 Download Our App