Khamosh Mohabbat - 3 in Hindi Love Stories by Adil Uddin books and stories PDF | ख़ामोश मोहब्बत - 3

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ख़ामोश मोहब्बत - 3


जब निशा ने अर्सलान को पलटने के लिए कहा तो, अर्सलान धीरे धीरे उसकी तरफ घुमा और निशा ने उस पर सवालों की बौछार करदी।

"तुम मुझे ये बताओ,तुम अब तक यहां क्या कर रहे हो?और वो बकवास से सवाल क्या थे"?

अर्सलान अब सवालों के घेरे में फस चुका था,लेकिन उसके खुराफाती दिमाग ने काम करना शुरू किया और उसने एक और फर्ज़ी कहानी रच डाली।

"अब क्या ही छुपा सकता हूं आपसे,वो जो लड़की मेरे साथ खड़ी थी वही वजह थी इस सब की,दरअसल वो मेरी बीवी है।

आज से 6 साल पहले हमारी शादी हुई थी,सब कुछ ठीक था मेरा खुद का ऑफिस था लेकिन मुझे बिज़नेस में नुकसान हो गया और मैं दर बदर नौकरी के लिए भटकने लगा,अब मैं उसको कैसे बताता की सब बर्बाद हो गया है,इसलिए मैं यहां जॉब के लिए आया था सोंचा उसे मालूम नहीं चलेगा लेकिन इत्तेफ़ाक से वो यहां से गुज़र रही थी और उसने मुझे अंदर आते हुए देख लिया और मुझे इंटरव्यू के बाद पकड़ लिया l

मैं उसका दिल रखने के लिए उससे एक छोटा सा झूठ बोल रहा था,की ये मेरा ऑफिस हैं ये मेरा पुराना ऑफिस है यहां मैं कम आता जाता हूं आज कुछ ज़रूरी काम था,इसलिए यहां आया हूं।

इतने आप वहां मेरा ज्वाइनिंग लेटर लेकर आ गईं और फिर उस झूठ को छुपाने के लिए मैंने वो सब किया,भला अब मैं क्या करता कैसे बताता उसे की मैं यहां नौकरी करने आया हूं,क्या गुज़रती उसके दिल पर?आप मुझे माफ कर दीजिए, मैं चला जाता हूं मैं यहां नौकरी नहीं करूंगा आई एम सॉरी फॉर दैट"।

ये कहानी सुनकर निशा का भी दिल पिघल गया और उसने अर्सलान से कहा

"ओह सॉरी,मुझे मालूम नहीं था आपकी इस सिचुएशन के बारे में,मुझे माफ कर दीजिए कितना प्यार करते हो आप अपनी बीवी से मुझे ही गलतफहमी हो गई थी आप कल से जाइएगा प्लीज़.....वरना मुझे गिल्टी फील होगा"।

अर्सलान की तकनीक काम कर गई,उसने दर्द भरी आवाज़ में कहा

"कोई बात नहीं मैडम!होता है अब आप मुझ पर एक अहसान और कर दीजिए यहां कोई एक चपड़ासी है जिसके पास मेरा ज्वाइनिंग लेटर है वो मुझे दिलवा दीजिए"।

निशा ने हमदर्दी भरे लहज़े में कहा

"ओके,फिक्र मत करो,मैं उसे बुलाती हूं सुरेश यहां आओ"


निशा की आवाज़ सुनकर सुरेश चपड़ासी दौड़ा चला आया।

"जी मैडम"!

निशा ने देखा चपड़ासी के कान में एक पेपर फसा हुआ था,उसने उस पेपर को निकाला और पेपर अर्सलान को दे दिया क्योंकि वही उसका ज्वाइनिंग लेटर था
ये देख कर चपड़ासी मन ही मन बुदबुदाया।

"ओह,तो यही है अर्सलान जब तो कह रहा था मुझे क्या पता कौन है अर्सलान"।

फिर अर्सलान वो पेपर लेकर वहां से चल दिया और वो पार्किंग में गया और कार से घर की तरफ निकल गया।

सफर कटता गया और देखते ही देखते अर्सलान अपने फ्लैट के नीचे पहुंच गया,लेकिन वहां का नज़ारा हैरत अंगेज़ था,उसने देखा की आजू बाजू लोगों की भीड़ लगी हुई है और बिल्डिंग से ऊपर से नीचे 2 बैग सीधे अर्सलान के कदमों पर आ गिरते हैं वो बैग उसे जाने पहचाने लग रहे थे,वो कुछ समझ पाता इतने में बिल्डिंग के सदर दरवाज़े से लुड़कता पुड़कता हुआ हल्के वज़न वाला अयान भी अर्सलान के कदमों में आ गिरा अर्सलान ने अयान को उठाया और इतने में एक औरत की आवाज़ सुनाई दी

"निकम्मे कहीं के 2 महीने हो गए किराए का तो नाम ओ निशान मिटा दिया है मेरी ज़िंदगी से अब दफा हो जाओ अपने ये सड़े गले बदबूदार कपड़े लेकर"।

दरअसल ये नफीसा नाम की औरत इस फ्लैट की मालकिन है और इन दोनों ने इसके फ्लैट का किराया ना देकर अपनी ज़िंदगी की बहुत बड़ी गलती करदी थी,जिसकी कीमत ये ज़लील हो कर चुका रहे थे,अब अर्सलान ने ये सब देख कर अपनी चुप्पी तोड़ी और उसने बोलना शुरू किया...

"हां ठीक है! कोई बात नहीं लोग तरसते हैं हमें फ्लैट देने के लिए क्योंकि हम जैसे शरीफ़ किरायेदार नहीं मिलते इतनी आसानी से,जा रहें हैं हम"।

नफीसा ने उनके हाथ जोड़े और सीधा बिल्डिंग की तरफ चली गई और ये दोनों भी भी कार में बैग रख कर निकल गए।


अब दिल्ली की सड़कों पर शाम की पहर में दो निकम्में अपनी कार में हल्की आवाज़ में म्यूज़िक ऑन करके सिर्फ चलते जा रहे थे और गाना चल रहा था ये...

दो दीवाने शहर में धूप में या दोपहर में आब ओ दाना ढूंढते हैं एक आशियाना ढूंढते हैं

तभी अयान ने अर्सलान से सवाल किया

"कहां जा रहे हैं हम और कहां रहेंगे"?

उसके जवाब में अर्सलान ने कहा

"तू टेंशन मत ले यार,कुछ न कुछ इंतज़ाम कर लेंगे वैसे भी अब मेरी जॉब लग गई है"।

ये सुनकर अयान ने उस पर तंज़ कसा

"ओह वाव और तुझे एडवांस सैलरी भी दे दी होगी और रुकने के लिए कोई फ्लैट या होटल में ठहरने का इंतजाम भी करा दिया होगा"।

अर्सलान ने भी मुंह को थोड़ा बिस्काते हुए अयान से कहा

"अबे तू ऐसी बातें क्यों करता है पॉज़िटिव रहा कर यार,मेरी तरह रूक में अभी एक प्रॉपर्टी डीलर को फोन मिलाता हूं,वो हमारा इंतज़ाम करा देगा"।

अर्सलान ने अपना फोन उठा कर उस डीलर को कॉल किया,कुछ देर रिंग गई और फोन रिसीव हो गया,अर्सलान ने उस डीलर से बात चीत की और फोन काट दिया,ये सब देख कर अयान ने जल्दबाज़ी में अर्सलान से सवाल किया...

"क्या हुआ?क्या कहा उसने"?

अर्सलान ने उसके जवाब में कहा

"हो गया इंतज़ाम,उसने एक घर बताया तो है पर वो शेयर करना पड़ेगा उसमें ऑलरेडी दो लड़कियां रह रही हैं उन लड़कियों के बगल वाला रूम खाली पड़ा है,हमें दूसरा घर मिलने तक एडजस्ट करना होगा"।

अब अयान के चेहरे पर एक खुशी सी आ गई,अयान की ये खुशी देख कर अर्सलान ने उससे पूछ ही लिया।

"अबे घर मिलने की इतनी खुशी"।

अयान ने जवाब में कहा

"नहीं लड़कियों के साथ रहने की"।

इस बात पर दोनों हंसने लगे...और गाड़ी का तीसरा गियर डालते हुए अर्सलान ने गाड़ी की रफ़्तार बढ़ा दी।

कुछ देर बाद वो दोनों उस घर के बाहर पहुंच गए,वो दो मंज़िला गार्डन के बीच में बना खूबसूरत सा घर देख कर दंग रह गए,ये देख कर अयान से रहा नहीं गया और उसने बोल ही दिया।

"ये घर इतना खूबसूरत है तो इसमें रहने वाली लड़कियां कितनी खूबसूरत होंगी सोंच अर्सलान,इसको फाइनल कर दे जितने भी पैसे मांगे"।

अर्सलान ने जवाब में कहा

"मैंने इसके मालिक को घर के फोटोग्राफ देख कर ही पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए थे,पूरे 1000 रुपए"।

इसके जवाब में अयान ने कहा बहुत बढ़िया

"बहुत बढ़िया!तूने ये बिलकुल सही किया,क्या पता हमारे यहां पहुंचने से पहले कोई और इसे ले लेता तो? वैसे 10000 रुपए कहां से आए?"।

अर्सलान ने कहा..

"तेरा लैपटॉप मैंने ऑनलाइन बेच दिया था 20000 रुपए में "।

ये सुनकर अयान आग बबूला हो गया।

"अबे उसकी ई एम आई भी अभी पूरी नहीं गई तूने उसे बेच दिया,वो भी मुझसे बिना पूछे"।

अर्सलान ने जवाब में कहा

"चौंक तो ऐसे रहा है जैसे ये मैंने पहली बार किया हो इससे पहले मैंने तेरा फोन भी तो बेचा था"।

अब ये सुनकर तो अयान अपना आपा खो बैठा

"क्या,क्या,क्या? और मुझे लगा की जब में सो रहा था तो बगल वाले फ्लैट में रहने वाले एम बी बी एस के रियाज़ नाम के स्टूडेंट ने मेरा वो फोन चुराया है मैंने उसे दो घंटा कमरा बंद करके पीटा था,उसके बाद उसने पुलिस कंप्लेंट कर दी थी और मैं पूरी एक रात पुलिस स्टेशन में बंद था,आज भी वो कैसे मेरे ऊपर चल रहा है"।

इतना कह कर अयान ने अर्सलान का गला पकड़ लिया, अर्सलान ने गला छुड़ाते छुड़ाते उससे कहा।

"वो सब भूल जा मेरे दोस्त मेरी मजबूरी थी,अब मेरी जॉब लग गई है मैं तुझे नया लैपटॉप और फोन दिला दूंगा"।

ये सुनकर अयान ने अर्सलान का गला छोड़ दिया और हल्की सी आवाज़ में कहा।

"128 जीबी से कम नहीं लूंगा"।

इसके बाद दोनों घर के दरवाज़े की तरफ बढ़े और उन्होंने दूर बेल बजाई।

फिर दरवाज़ा खुला और एक खूबसूरत सी लड़की ने दरवाज़ा खोला और अयान तो उसे देख कर अपनी अलग दुनिया में गुम हो गया जीते जागते सपने देखने लगा,उसके ख्यालों में वो लड़की खुशहाल हालत में खेलती कूदती एक गार्डन में भाग रही थी और अयान उसके पीछे पीछे मुस्कुराता हुआ भाग रहा था,तभी अर्सलान ने उसे एक थपकी मारी और अयान होश में आया।

फिर अर्सलान ने उस लड़की से बात चीत शुरू की।

"आप मिस अनाबिया हैं ना"?।

उस लड़की ने जवाब में गर्दन से हां का इशारा किया।

फिर अर्सलान ने जवाब में कहा...

"जी मेरा नाम अर्सलान है और ये मेरा दोस्त अयान है,दरअसल हम आपके हाउस मेट हैं,तो हम उसी के लिए आयें हैं"।

फिर लड़की ने उन्हें अंदर आने का इशारा किया और दोनों को अंदर बुलाया फिर उसने अर्सलान से कहा।

"जी मेरी बात इस घर के मालिक मिस्टर गोयल से हो चुकी है,देखिए ये वाला रूम हमारा है और इसके बगल वाला आपका,ऊपर ड्राइंग रूम है और किचन भी,इस घर में दो बाथरूम हैं एक ऊपर और एक इस फ्लोर पर,अब आप अपने रूम में जा सकतें हैं किसी और चीज़ की ज़रूरत हो या कुछ पूछना हो तो आप मेरे रूम का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं"।

इसके जवाब में अयान बीच में बोल पड़ा।

"और आपको भी किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो सीधा रूम के अंदर आ जाएगा,मुझे खुशी होगी"।

ये बात सुनकर अर्सलान ने अयान की कंधे को अपने हाथ से दबाया और उसे रूम में ले गया और जाते जाते उसने मिस अनाबिया को थैंक यू कहा।

अयान को रूम के अंदर लाके उसने समान बेड पर फेंका और गुस्से में अयान से कहा।

"अबे तू हल्का फुल्का पागल है क्या? किसी अनजान लड़की को तू उसे अपने रूम में आने के लिए कह रहा है"।

इसके जवाब में अयान ने कहा।

"अबे तू पागलों की नई नस्ल का पागल है क्या?ये तहज़ीब है मैंने उसे इतना हक दिया की वो बिना इज़ाजत कभी भी हमारे रूम में आ सकती है,हम उसे अपना समझते हैं,इसी बेरुखी की वजह से आज दुनिया आपस में लड़ रही है"।

अर्सलान समझ गया की इससे बहस करना बेकार है,उसने बात वहीं खत्म करदी।

इसके बाद वो नहाए और अपने कपड़े बदले,अब रात के 9 बज चुके थे,अयान अनाबिया का किचन में हाथ बटा रहा था और अर्सलान डायनिंग टेबल पर बैठ कर एक हाथ में सेब खाते खाते कोई किताब पढ़ रहा था।

इतने में घर की दूर बेल बजी तभी अंदर से अनाबिया की आवाज़ आई की अर्सलान दूर खोल कर देखना कौन आया है,फिर अर्सलान ने अयान को आवाज़ दी की वो दरवाज़ा खोल दे,फिर अयान की आवाज़ आई की मैं अनाबिया के साथ किचन में हूं और आलू छील रहा हूं।

ये सुनकर अर्सलान को ये बात सुनकर हैरत हुई,लेकिन आखिर में वो चेयर पर से उठा और दरवाज़े की तरफ बढ़ा और ढप से दरवाज़ा खुला रह गया और उसने जो देखा तो उसका सेब चबाता हुआ मुंह खुला का खुला रह गया दरवाज़े के उस तरफ खड़ी थी.....

माही,

अब क्या होगा क्या माही अर्सलान का सच जान जायेगी?
या अर्सलान फिर कोई कहानी बनाएगा?
क्या होगा आगे आखिर?

जानिए अगले भाग में और फॉलो कर लीजिए अगले भाग की अपडेट हासिल करने के लिए।

तब तक के लिए शुक्रिया.....