the elephant jumped in Hindi Short Stories by Rk Mishra books and stories PDF | हाथी ने मारी छलांग

Featured Books
Categories
Share

हाथी ने मारी छलांग

पालपुर गांव में एक किसान श्यामलाल रहता था । वह बहुत गरीब था, खेत तो था उसके पास परंतु उस खेत में अनाज न के बराबर उगता था। कभी बारिश ज्यादा हो जाती, कभी बारिश होती ही नहीं थी,कभी टिड्डे फसल खा जातें । इस साल उसने गन्ने बोए और मौसम भी ठीक था और किसी प्रकार की दिक्कत न हुई । गन्ने काटने के लिए लगभग तैयार हो गए थे । परंतु उसने एक दिन देखा की उसके कुछ गन्ने किसी ने बहुत बुरी तरह से तेहस नेहस कर दिए है। वो खेत के पास एक पेड़ के नीचे बैठकर अपनी किसमत को कोसने लगा । तभी उसको एक परिचित आवाज आई वह उसका दोस्त सुमंत था,उसने उसने कहां और शायमलाल सब ठीक है ना । श्यामलाल दुःख भरें स्वर में कहा "अरे! क्या बताऊं सुमंत मेरी तो किस्मत ही फूटी है , ऐसा लगता है की मेरे खेत में कभी कुछ उग ही नहीं पाएगा कभी बारिश ज्यादा हो जाती, कभी बारिश होती ही नहीं ,कभी टिड्डे फसल खा जातें और आज देखो किसने मेरे गन्ने तहस नहस कर दिए,काम से कम आधा कुंटल गन्ने का नुकसान हो चुका है"। सुमंत ने उसकी बात बड़े ध्यान से सुनी और उसके कहा " क्या एक बार मैं तुम्हारा खेत देख सकता हूं "। श्यामलाल ने हां कहा और दोनो मित्र खेत के तरफ बढने लगे , सुमंत ने खेत को ध्यान से देखा उसने पाया कि खेत में कुछ गन्नों को खाया गया है । सुमंत ने नीचे देखा तो वह पर कुछ पैरों के निसान थे जो थोड़े बड़े थे । वह बहुत चतुर था, और अपनी चतुराई से उसने पता लगा लिया की यह किसका काम है। उसने श्यामलाल से कहां " आज हम रात को यह छुप के पहरा देंगे और देखेंगे की यह गन्ने कौन खा रहा है , मुझे ऐसा लग रहा है की इन गन्नों को किसी जानवर ने खाया है "। सुमंत और श्यामलाल दोनों एक पेड़ के नीचे खड़े होकर देखने लगे ,तभी उन्हें किसी चिंघाड़ने आवाज आई देखा तो वह एक विशाल हाथी था। तभी श्यामलाल ने उसे देखर अपना डंडा लिया और मारने दौड़ा परंतु सुमंत ने उसे रोकते हुए कहां "रुको कहा जा रहे हो, अभी उस पर हमला करना सही नहीं होगा अगर उसने हमला कर दिया तो फिर लेने के देने पड़ जाएंगे"। शयमलाल ने दुख भरे स्वर में कहां "फिर क्या करे ये तो मेरे गन्नों को बर्बाद कर देगा " । सुमंत ने उसे सांत्वना देने हुए कहा " थोड़ा धैर्य से काम लो अभी घर चलो मेरे पास एक योजना है में कल बताऊंगा"। श्यामलाल ने दुःख भरे स्वर में कहा "परन्तु ये हाथी मेरे गन्ने बर्बाद कर देगा उसका क्या?"। रुको जरा में कुछ करता हू कहते हुए उसने अपनी थैली से माचिस निकाली और पास में पड़ी सुखी लकड़ियों के ढेर में से एक लकड़ी उठाई और उसपर एक फटा हुआ कपड़ा बांधकर, उसपे तेल डाला और मसाल बना ली और उसको हाथी के तरफ जोर जोर से हिलाने लगा ।इसे देख हाथी भयभीत होकर भाग गया। फिर श्यामलाल कुछ चैन की सास ली और कहाँ " कल पक्का कुछ उपाय करेंगे न भाई", सुमंत ने सहमति जाहिर कहते हुए कहा " अभी जरा तुम आराम कर लो कल सुबह तुम्हारे इस समस्या का हल मिल जायेगा"।फिर दोनो दोस्त अपने अपने घरों के तरफ रवाना हुए। घर जाते ही श्यामलाल को थकान के कारण नींद आ गई। सुबह श्यामलाल की जब नींद खुली तो कोई उसका दरवाजा खटखाटा रहा था , उसने दरवाजा खोला तो देखा उसका दोस्त सुमंत एक फावड़ा लेकर बाहर खड़ा था , उसने पूछा " भाई इस फावड़े से क्या करोगे तुम तो कोई उपाय बताने वाले थे उसका क्या हुआ" । सुमंत ने हंसते हुए कहा "भाई यही तो उपाय है तुम जल्दी से तैयार होकर खेत में आ जाना मैं वही सब समझा दूंगा" , श्यामलाल ने सहमति जताई और अंदर चला गया । कुछ देर बात जब वह खेत में पहुंचा तो उसके दोस्त ने कहा " भाई मेरे पास एक बहुत अच्छा उपाय है , हम जंगल वाले रास्ते पर एक गढ़ा खोदेंगे और उसके अंदर कुछ गन्ने रख देंगे जैसे ही हाथी आयेगा वो गन्ना देखर गड्ढे में कूद जायेगा और उसके बाद हम उसे वन विभाग को दे देंगे " , श्यामलाल को यह बहुत पसंद आया और उसने सहमति जाहिर की । शाम को वह लोग पेड़ के पास छुप गए और हाथी का इंतजार करने लगे तभी उन्हें किसी की चिंघाड़ने की आवाज आई उन्होंने देखा कि हाथी आ रहा है हाथी ने गन्ने को देखते ही उसमे छलांग लगाई । हाथी को बहुत चोट लग गई वह बहुत दुखी हुआ और उसने कसम खाली की वह अब कभी नहीं कूदेगा तभी से माना जाता है की हाथी कभी छलांग नही मारते ।