POINT OF VIEW - 13 in Hindi Anything by ADRIL books and stories PDF | दृष्टिकोण - 13 - Decision

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दृष्टिकोण - 13 - Decision

दृष्टिकोण - 13  - Decision

कभी कभी हमें लगता है की क्या करे कुछ समझ नहीं आ रहा,.. या फिरहम जैसे है उसकी वजह हमारी परिस्थितियाँ है,.. 


दर असल इंसान की जिंदगी में कभी कभी ऐसा वक्त आता है की उनके सामने कोई चॉइस नहीं रहती, मगर ज्यादातर कुछ भी डिसाइड करने के लिए हमारे सामने हमेशा एक से ज्यादा ही विकल्प होते है.. ये हमारी समझ पर आधीन होता है की क्या डिसाइड करना चाहिए,.. 

जब में कॉलेज में थी तो एक दोस्त ने कहा था पी ले यार, दोस्ती के नाम पर थोड़ी सी पी ले,.. जब मैने मना किया तो वापस उसने बोला "दोस्ती के लिए इतना नहीं करेगी ?"और मेने पी ली,.. 
उस वक्त मुझे समझ नहीं आया की मेने सही किया की गलत 

दूसरे दिन मेरी माँ ने मुझे समझाया - की - उसकी दोस्ती के लिए तूने पी ली अब आज जाकर उस से पूछना की "दोस्ती के लिए तू छोड़ दे पीना,.." माँ ने फिर कहा, "बोलना उसे की दोस्ती के लिए तू इतना नहीं करेगी?" तुजे अपने आप समझ आ जाएगा .. सही किया की गलत,.. 

शौख शौख में उठा हुआ एक गलत क़दम, सही राह में लाते लाते दुगना वक्त ले लेता है,.. और हम जहा थे वहाँ से थोड़े पीछे चले जाते है,.. और उस वक्त जो तुम्हारे आसपास थे ( जिन्होंने गलत कदम नहीं उठाया था ) वो तुमसे चार कदम आगे निकल जाते है,.. 

हमें क्या करना है वो हमें तय करना है,.. किसी और के कहने से तब करो जब तुम्हे भी वो सही लगे, या फिर तुम्हे सही गलत का पक्का पता हो,.. 

उस दिन माँ ने एक और बात बतायी थी,.. 

एक औरत थी,.. उसके दो बेटे थे और उसका पति शराबी जुआरी और बेकार,.. पति उसकी जवानी में ही गुजर गया था,.. २० साल के बाद माँ के सामने दोनों बच्चे बिलकुल अलग थे,.. दोनों की परवरिश एक जैसी थी,.. एक सा खाना खाते थे,.. एक जैसा प्यार पाते थे,..  मगर एक बच्चा शरीफ़ और दूसरा बिलकुल अपने बाप जैसा शराबी,.. 

दोनों का इंटरव्यू लिया गया,.. की - तुम ऐसे क्यों बने ? 

एक ने कहा -मेने अपने बचपन में वो ही देखा था,.. बाप को शराब पीते हुए और जुआ खेलते हुए,.. जो देखूंगा वो ही तो सीखूंगा ना,.. !! माँ को भी अपने काम से और घर चलाने के लिए कमाने से  फुर्सत ही कहाँ थी की हमको वक्त दे कर ये सिखाए की ऐसे मत बनो,.. इसीलिए में अपने बाप जैसा ही हु,.. 

और दूसरे ने कहा - मेने अपने बचपन में वो ही देखा था,.. बाप को शराब पीते हुए और जुआ खेलते हुए,.. जो देखूंगा वो ही तो सीखूंगा ना,.. !! इतना तो समझ ही गया था की मेरा भी ये हाल ना हो इसलिए कुछ भी करूँगा मगर दारू नहीं पिऊंगा और जुआ नहीं खेलूंगा,.. और माँ को भी अपने काम से और घर चलाने के लिए कमाने से  फुर्सत ही कहाँ थी की हमको वक्त दे कर ये सिखाए की ऐसे मत बनो,.. तो मैंने तय कर लिया था की अपनी जिंदगी में कोई सिखाने वाला नहीं है,.. सब कुछ खुद ही सीखना है और खुद ही अपनी जिंदगी बनानी है,.. इसलिए में अपने बाप से बिलकुल अलग हु,.. 

तो 
माहौल कोई भी हो,.. डिसाइड हमे करना है,.. Decision हमें लेना है की हमें क्या करना है,.. 

हमारी जिंदगी बनानी या बिगाड़ने की जिम्मेदारी अपने पर ही होती है,..  हमारी जिंदगी के लिए कोई और इंसान या कोई परिस्थिति उत्तरदायी नहीं होती.. 

You want to work on your job or on yourself ? - डिसाइड हमे करना है,.. 

You want to rely on someone or want to stand up on your own ? - डिसाइड हमे करना है,..  

You want to get help from someone or you want to help someone ? - डिसाइड हमे करना है,..  

You want to run away from life or you want to face it ?  - डिसाइड हमे करना है,..   

  

मुश्किल परिस्थितियाँ या तो हमें घायल बना सकती है या फिर बुद्धिमान,.. हमें क्या बनना है ? - डिसाइड हमे करना है,..  

 

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