The Author Devaki Ďěvjěěţ Singh Follow Current Read ऐसे बरसे सावन - 24 By Devaki Ďěvjěěţ Singh Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books रहस्य - 4 सकाळी हरी आणि सोनू गुजरात ला पोचले आणि पूढे बस ने संध्याकाळ... आर्या... ( भाग १ ) आर्या ....आर्या ही मुलगी तिच्या आई वडिलांची एकुलती एक मुलगी... गया मावशी गया मावशी .... दिवाळी संपत आली की तिची आठवण हमखास येते…. ... वस्तीची गाडी वसतीची गाडी जुन 78 ते जुन 86 या का... भुलाये न बने भुलाये न बने ....... १९७0/८0 चे... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Devaki Ďěvjěěţ Singh in Hindi Love Stories Total Episodes : 27 Share ऐसे बरसे सावन - 24 (3) 1.3k 2.9k स्वरा - तो तुम लोग बातें करो....मैं तो सोने जा रही हूँ....ऐसा बोलकर वह कॉल डिस्कनेक्ट कर देती हैं....पर सच तो यह था की नींद उसे भी नहीं आ रही है.....वो तो बस अजनबी के ख्यालों में डूबना चाहती है l दूसरी तरफ अभिराम गेम प्लाजा में अपने दोस्तों के साथ गेम खेलता हैं.... उसके बाद वे सभी मिलकर डिनर करते हैं .....फिर वहां से पार्टी ख़त्म कर सभी एक दूसरे को गुड नाइट बोलकर अपने घरों के लिए निकलते हैं l अभिराम ने स्वरा को देख लिया था इसलिए उसका मन पार्टी में बिल्कुल नहीं लग रहा है तन से तो वह पार्टी में है लेकिन मन से वह स्वरा के पास है....किसी तरह मन मारकर वह पार्टी एंजॉय करता हैं ....रास्ते भर वह सिर्फ स्वरा के बारे में सोचता है और खुद पर गुस्सा भी करता हैं की उसे आज ही पार्टी में देर से पहुंचना था....समय से पहुंच जाता तो शायद उसे स्वरा से बात करने का मौका मिलता l इन्हीं ख्यालों में गुम वह अपने घर पहुंच जाता है.....बाइक को घर के कंपाउंड में खड़ा करता हैं....सब लोग घर मे सो चुके थे इसलिए वह किसी को बिना डिस्टर्ब किए उसके पास पड़ी दूसरी चाबी से दरवाज़ा खोलकर घर के अंदर जाता है....फिर बिना शोर किए दरवाज़ा बंद करके अपने रूम में जाता है .....जहाँ पर ड्रेस चेंज करके सोने की कोशिश करता हैं पर उसे नींद नहीं आती ....फिर वह अपना फोन लेकर चेक करने लगता है देखता है कि उसके दोस्तों ने पार्टी की पिक्चर्स शेयर की है ... कुछ उसके पार्टी में पहुंचने के पहले की पिक्चर्स थी .......जिसमें बैकग्राउंड में स्वरा अपनी दोस्तों के साथ डिनर करते दिखाई दे रही हैं l 2 , 3 पिक्चर्स में स्वरा को देखकर उसे खुद पर बहुत ही अफसोस होता है कि उसने कितना अच्छा मौका गवां दिया.... वह कितने करीब थी उसके पर काम की वज़ह से देर से पहुंचने के कारण अच्छा खासा मौका हाथ से निकल गया.....ऐसे ही सोचते सोचते वह नींद के आगोश में चला जाता है l दूसरी तरफ स्वरा का भी वहीं हाल है वह भी उस ब्रेसलेट को निहारते निहारते और उस अजनबी के बारे मे सोचते सोचते नींद के आगोश में चली जाती हैं l अगले दिन नींद खुलने पर स्वरा बड़े प्यार से उस ब्रेसलेट को देखती है और किस करती हैं l दूसरी तरफ अभिराम मोबाइल में स्वरा की फोटो देखता है और मुस्कुराते हुए उससे "गुड मॉर्निंग स्वीटहार्ट" कहता है.... और मन ही मन कहता है "मुझे विश्वास है एक दिन तुम मुझे जरूर मिलोगी बस इंतजार हैं उस पल का जब तुम मेरे करीब होगी " ऐसे सोचते हुए उसकी फोटो को किस करता हैं l 3,4 दिन बाद अधीरा का ध्यान अपने भाई की कलाई पर जाता है....तो वह पूछ बैठती हैं भाई मैंने आपको रक्षा बंधन पर जो ब्रेसलेट दिया था वो कहाँ हैं एक दो दिन से उसे आपकी कलाई पर नहीं देखा l अभिराम - मेरे रूम में ही कहीं रखा होगा l अधीरा - लाओ फिर दिखाओ अभिराम - प्लीज ,अभी मैं ज़रा जल्दी में हूँ.... ऑफिस से आकर ढूंढ़कर दिखाता हूँ ....ऐसा वह अधीरा से कह तो देता है....पर उसे जरा भी ध्यान नहीं है कि उससे ब्रेसलेट गुम हो गया l शाम में ऑफिस से आकर वह ब्रेसलेट ढूंढता हैं पर उसे नहीं मिलता....जहां जहां उसे उम्मीद थी उन सभी जगह पर ढूंढता हैं पर उसे नहीं मिलता l अधीरा - क्या भाई , आपको मैंने गिफ्ट देने से पहले ही कहा था इसे बहुत सम्भाल कर रखना पर आपने उसे गुम कर दिया l अभिराम - अरे नहीं चिम्पो, यहीं कहीं होगा मैं उसे ढूंढता हूँ.... बस तू अपने हाथों की स्पेशल वाली कॉफी पीला दे.... फिर देख मेरा दिमाग कंप्युटर सा दौड़ेगा और मैं चुटकी में ब्रेसलेट ढूंढता हूँ l अधीरा - कॉफी लाकर भाई को देती हैं अभिराम - कॉफी का सीप लेते हुए बड़बड़ाता है ....न्यू ईयर के दिन जब ऑफिस गया था तब सुबह सुबह उसे पहनना भूल गया था.... फिर रात को पार्टी में जा रहा था तब जल्दबाजी में मेरे हाथ से पर्फ्यूम की बोतल गिर गयी थी तभी मेरी नज़र ब्रेसलेट पर पड़ी.... फिर मैंने उसी वक़्त उसे पहन लिया था .... उसके बाद पार्टी से लौटने के बाद मैंने ड्रेस चेंज किया था वाॅलेट को ड्रॉ में रखा,, पर ब्रेसलेट आदतन हमेशा वाॅलेट के साथ उतार कर रखता था पर उस दिन नहीं रखा था....इसका मतलब न्यू ईयर वाले दिन ही उससे कहीं खो गया क्योंकि उस दिन के बाद से ही उसने नहीं देखा l अधीरा - क्या भाई क्या बड़बड़ा रहे हो....बताओं कहां हैं ब्रेसलेट अब तो आपने कॉफी भी पी ली l अभिराम - सॉरी अधीरा, लगता है मुझसे न्यू ईयर वाले दिन ही कहीं खो गया l अधीरा - क्याss, साल का पहला दिन और आपने मेरा गिफ्ट गुम कर दिया मैंने कितने प्यार से आपके लिए उसे ऑर्डर देकर बनवाया था आपको तो मेरी दी हुई चीज़ की कोई फिक्र ही नहीं है और भाई से गुस्सा होती है l अभिराम - सॉरी अधीरा, जान बूझकर नहीं किया, प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो l माँ - माफ़ कर दो बेटा, उसने कोई जानबूझकर थोड़ी न किया हैं l अधीरा - ठीक है माँ, सिर्फ आप कह रही हो इसलिए लेकिन मेरी एक शर्त है l अभिराम - मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर हैं l अधीरा - आपको मुर्गा बनना पड़ेगा l अभिराम - क्याsss ये कैसी बकवास शर्त हैं.... मैं इसे नहीं मानता ....हम बॉर्डर पर दुश्मनों की बैंड बजाते हैं.....और तू यहाँ छोटी सी चीज के लिए मेरी बैंड बजाने पर तुली हैं l अधीरा - देख लो भाई....आपने प्रॉमिस किया है और वो क्या सिर्फ़ छोटी सी चीज़ थी....लेकिन उससे जुड़ी मेरी भावनाएं नहीं दिखाई दे रही आपको ....ऐसा बोलकर.....वह और ज्यादा गुस्सा हो जाती हैं l अभिराम को अधीरा को इस तरह गुस्से में देखकर बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था तो उसका मूड ठीक करने के लिए कहता है - "दो पल की हैं जिंदगी थोड़ा हंस लो थोड़ा मुस्कुरा लो क्या पता कल दिखाने के लिए हमारे आगे के 2 दांत हो न हो " "चिम्पो की तरह " उसकी बातें सुनकर घर के सब लोग हंसने लगते हैं और फिर अधीरा भी हंसने लगती हैं और कहती हैं देखो मेरे आगे के दोनों दांत सलामत हैं l अधीरा का मूड ठीक देखकर अभिराम कहता है मेरे पास तुम्हारे लिए एक ऑफर हैं.... मुझे मुर्गा बनना देखना चाहती हो या एक नया " एडवेंचर एंड फन प्लाजा" खुला हैं वहां पर चलोगी ?? To be continued...... ‹ Previous Chapterऐसे बरसे सावन - 23 › Next Chapter ऐसे बरसे सावन - 25 Download Our App