Aise Barse Sawan - 23 in Hindi Love Stories by Devaki Ďěvjěěţ Singh books and stories PDF | ऐसे बरसे सावन - 23

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ऐसे बरसे सावन - 23

कुछ देर और एन्जॉय करने के बाद वे घर के लिए निकलने लगते हैं l राहा अपनी कार स्टार्ट करती हैं अवनी और अमूल्या कार में दूसरी साइड से बैठ जातीं हैं....जिस तरफ से स्वरा को बैठना था वहां पर आकर कोई बाइक लगा देता है.....इसलिए स्वरा पीछे खड़ी होकर कार के बाहर निकलने का इंतजार करती हैं.....

तभी पीछे से कोई बच्चा आकर उससे टकरा जाता है.... गिरने ही वाली होती हैं की वह बाइक सवार जिसने उनकी कार के पास बाइक लगाई थी वह उसे संभाल लेता है...स्वरा ने डर से अपनी आंखें बंद कर ली होती पर उसे मेहसूस होता है कि उसे किसी ने बचा लिया है, वह अपनी आंखें धीरे-धीरे खोलती हैं ....अपने सामने उस शख्स को देखकर (जिससे उसे पहली ही नज़र में प्यार हो गया था) उसकी आँखों में खो जाती हैं ....यही हाल अभिराम का भी था सामने स्वरा को देखकर वह भी उसमे खो जाता है l

स्वरा ने आज रेड ड्रेस के साथ ब्लैक डेनिम जैकेट पहना हैं जिसमे वह बहुत ही आकर्षक लग रही हैं..... एक दूसरे से अनजान उस वक़्त दोनों का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा होता है... एक-दूसरे से कुछ कहते उससे पहले ही अभिराम के फोन बजने लगता है ...फोन की रिंग के साथ ही दोनों अपने ख्यालों से बाहर आते हैं l

अभिराम फोन रिसीव करता हैं ...उधर राहा की गाड़ी का हॉर्न बजता हैं....गाड़ी की हॉर्न सुनकर स्वरा भी तुरंत कार की ओर बढ़ जाती है....कार में बैठने के बाद पीछे मुड़कर देखती हैं .... अभिराम फोन पर बात करके हेल्मेट उतारता हैं लेकिन उसी वक़्त बीच में दूसरी कार आ जाती हैं जिस वज़ह से वह अभिराम का चेहरा नहीं देख पाती है l

राहा अपनी कार निकालकर थोड़ा आगे ले जाती हैं इसलिए उनमें से किसी ने भी अभिराम और स्वरा को एक साथ नहीं देखा होता है l स्वरा के बैठते ही राहा तेजी से कार को निकालती हैं क्योंकि आगे पीछे गाड़ियों की भीड़ सी हो गयी थी l

अभिराम न्यू ईयर पर एकपल के लिए स्वरा को देखकर बहुत ही खुश होता है पर दूसरे ही पल उसे जाता देख थोड़ा उदास भी हो जाता है और अंदर ही अंदर खुद को कोसता हैं....शायद जल्दी आता तो

" कुछ बातें कुछ मुलाकात होती
नज़र भर के महबूब के दीदार होती
इज़हार न सही उनके मन में
कुछ ऐहसास की रफ़्तार तो होती "

ऐसा सोचते हुए अन्दर जाता है .....उसे देखकर उसके सारे दोस्त बहुत खुश हो जाते हैं और सभी आपस में बात करते हैं पर उसका ध्यान उनकी बातों से ज्यादा कहीं और होता है....तभी एक दोस्त, क्या यार तेरा ध्यान कहां हैं काम हुआ नहीं क्या ?

अभी - नहीं यार हो गया ..... फिर बात बदलकर मुस्कराते हुए चल यार दीपन, जल्दी से केक काट पहले ही काफी देर हो चुकी है...
फिर सभी हाँ.. हाँ ..करने लगते हैं l

दीपन केक कटिंग करता हैं .....सभी दोस्तों को केक खिलाता हैं तो कुछ मस्ती में एक दूसरे के चेहरे पर क्रीम लगा देते हैं और खूब सारी फोटो भी क्लिक करते हैं l
दूसरी तरफ
राहा सबसे पहले स्वरा को घर छोड़ती है ....स्वरा सभी को बाय, गुड नाइट बोलकर राहा से कहती हैं घर पहुंचने के बाद फोन करना l

राहा सभी को उनके घर पर छोडकर अपने घर पहुंचने पर स्वरा को कॉल करती हैं कि वह सुरक्षित घर पहुंच चुकी हैं l

रात में सोने से पहले स्वरा ड्रेस चेंज करने जाती हैं तो देखती है कि उसकी ड्रेस में कुछ फंसा हुआ है जब वह गौर से देखती हैं तो वह एक खूबसूरत सा ब्रेसलेट है जिसके ऊपर स्टाइलिस्ट तरीके से दो "A" और दोनों "A" के बीच मे "श्री राम " की प्रतिमा बनी हुई हैं ....जो कि देखने में बहुत ही सुंदर लगता है l

वह सोचती हैं यह किसका हो सकता है कहीं यह उस बच्चे का तो नहीं....नहीं....नहीं,,यह उसका कैसे हो सकता है देखने में तो किसी बड़े इंसान का लगता है....तभी उसे ख्याल आता है कहीं ये उस अजनबी का तो नहीं जिसने मुझे गिरने से बचाया था l
तभी उसे याद आता है कि जब वो उस अजनबी से अलग हुई थी तभी उसे अपनी ड्रेस में कुछ खिंचाव का ऐहसास हुआ था जैसे कुछ फंसा हो उस वक़्त वह जल्दबाजी में आगे बढ़ गयी थी .... हो न हो ये 100% उसी का है क्योंकि और तो वह किसी से नहीं टकराई थी l

यह सोचकर वह बहुत ही खुश होती है कि यह ब्रेसलेट उस अजनबी का है जिसे उसने अपनी पहली नज़र में ही अपने कॉलेज में दिल दे दिया है जिसका की उसने अबतक चेहरा नहीं देखा है ....चलो उसकी कोई तो निशानी मिली हैं जो मुझे उसे ढूंढने में मदद करेगी l

यह सब सोचते हुए वह खुशी से झूमने लगती है और अपने टेडीबियर को गले लगा लेती हैं और फिर उसे प्यार से किस करती हैं .....
फिर मुस्कुराती हैं..... और सोचती है.... यह प्यार भी क्या चीज़ है

" न नाम का पता हैं
न पहचान का पता हैं
फिर भी ये दिल क्यों
उसी के लिए तड़पता हैं
जिसका न चेहरे का पता हैं

ढूंढ़ू तो बस उन नयनों को छवि को ढूंढ़ू
जो बस मेरे दिल के एक कोने में बसा है "

वह अब प्रेममय होकर बस उस ब्रेसलेट को निहारे जा रही हैं बिना बात मुस्कुराये जा रही है तभी उसका फोन बजता हैं पर उसपर उसका ध्यान ही नहीं जाता जब 2,3 बार लगातार फोन बजता हैं तब वह अपने ख्यालों से बाहर आती है देखती हैं की अमूल का फोन है उसने वीडियो कॉल किया है साथ में कॉल पर राहा और अवनी भी हैं...सभी फोटोज और "फन एण्ड फूड प्लाजा " में किए हुए मस्ती के बारे मे बात करने में लगी हुई है पर स्वरा का ध्यान उस ब्रेसलेट और अजनबी की तरफ था l

उसका ठंडा रिस्पांस देखकर.... अमूल ,क्यों स्वरा तेरा ध्यान कहां हैं कब से हमी बकर बकर किए जा रहें हैं एक तू हैं की कुछ बोल ही नहीं रही है l

स्वरा बात को बदलते हुए - काफी थक गयी हूँ इसलिए नींद आ रही हैं....और 12 भी बज गए हैं तुम्हें नींद नहीं आ रही क्या l

अवनी - नहीं, हमें नहीं आ रही है

स्वरा - तो तुम लोग बातें करो....मैं तो सोने जा रही हूँ....ऐसा बोलकर वह कॉल डिस्कनेक्ट कर देती हैं....
.पर सच तो यह था की नींद उसे भी नहीं आ रही है.....वो तो बस अजनबी के ख्यालों में डूबना चाहती है l

आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए
"ऐसे बरसे सावन "
ll जय श्री राधे कृष्णा l