Aise Barse Sawan - 21 in Hindi Love Stories by Devaki Ďěvjěěţ Singh books and stories PDF | ऐसे बरसे सावन - 21

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ऐसे बरसे सावन - 21

अभिराम - फिर जाओ जल्दी,, माँ ,पापा से भी पूछ लो फिर मैं उस हिसाब से टिकट बुक कर देता हूँ l

अधीरा - भाई दो ही टिकट बुक करना माँ, पापा ने मूवी के लिए मना कर दिया है l

अभिराम - ठीक है,उसके बाद वह सिनेमा प्लाजा की शाम की 6 बजे की दो टिकटें बुक कर देता हैं l

दूसरी तरफ कॉलेज में अमूल्या ,राहा और अवनी अवतार 2 मूवी देखने का प्लान बनाते हैं और स्वरा को भी मूवी देखने चलने के लिए कहते हैं पहले तो वह मना कर देती हैं लेकिन बाद में अमूल्या , राहा, अवनी की जिद्द के आगे उसे हाँ करना पड़ता है l

जब स्वरा मूवी के लिए मान जाती हैं तो राहा सिनेमा प्लाजा की ऑनलाइन चार टिकटें बुक कर देती हैं l

आज इनका मूवी देखने का प्लान था इसलिए चारों कॉलेज से घर जल्दी निकल जाते हैं l

मूवी के लिए राहा अपनी कार लेकर घर से 5 बजे निकलती है और प्लान के मुताबिक सभी को उनके घरों से पीक कर लेती हैं शाम के समय बहुत ही ज्यादा जाम होता है इसलिए वे ज़ाम में फंस जाती है पर फिर भी किसी तरह मूवी शुरू होने से पहले पहुंच जाती हैं l राहा जल्दी से पार्किंग एरिया में कार पार्क करती हैं और फिर चारों हाल की तरफ बढ़ती हैं l

दूसरी तरफ अभिराम शाम के समय जाम मिलने की संभावना के कारण पहले ही वह बाइक से जाना पसंद करता हैं l वह और अधीरा दोनों तैयार होकर मूवी के लिए निकलते हैं l सिनेमा प्लाजा पहुंचकर अभिराम पार्किंग में गाड़ी पार्क करता हैं और दोनों हैलमेट लॉक कर हॉल की सीढियों की तरफ बढ़ते है l

उस वक़्त स्वरा अभिराम के बिल्कुल बगल से निकल जाती हैं पर वह उसको देख नहीं पाता l

हॉल में पहुंचने के कुछ ही देर में मूवी शुरू हो जाती हैं सब लोगों का ध्यान मूवी पर हैं और अभिराम का ध्यान स्वरा की फोटो पर था जो अधीरा के फोन में हैं ....
वह सोच रहा है कि क्या बहाना बनाऊं की अधीरा को पता भी ना चले और उसका काम भी हो जाये l

किसी तरह आधी फ़िल्म खत्म हो जाती हैं और इंटरवल हो जाता है .....अभिराम अधीरा को ,कुछ खाने पीने को लेकर आता है ऐसा बोलकर जाता है....उसके बाद वह तुरंत ही उसके लिए पॉपकॉर्न और जूस लेकर आता है और अधीरा को दे देता है.... फिर कहता है अधीरा मेरा फोन बंद होने वाला है और मुझे एक जरूरी कॉल करना है....प्लीज अपना फोन दे दो....अधीरा का तो ध्यान मूवी पर था इसलिए बिना कुछ सवाल किए फोन अन्लॉक करके अपने भाई को दे देती हैं...अभिराम फोन लेकर बाहर चला जाता है और उसमें से फटाफट स्वरा की फोटो गैलरी में से ढूँढ कर अपने फोन में सेंड कर लेता है और फिर तुरंत अधीरा के फोन से हिस्ट्री डिलीट कर देता है ताकि उसे ज़रा भी शक न हो l

जब वह फोन में बिजी था उसी समय स्वरा उसके आँखों के सामने से निकल जाती हैं और वह उसकी एक झलक भी नहीं देख पाता l कुछ ही समय में इंटरवल समाप्त हो जाता है फिर सभी लोग मूवी का आनंद लेते हैं फोटो मिल जाने के बाद अभिराम भी रिलेक्स होकर मूवी पर ध्यान देता है l


मूवी खत्म होने के बाद सभी अपने अपने घरों के लिए निकलने लगते हैं l अभिराम और अधीरा अपनी बाइक के पास पहुँचते हैं और दोनों भाई बहन हेल्मेट लगाकर अपनी बाइक से निकलने लगते हैं l

गेट से कुछ दूर पहले अभिराम की नजर स्वरा पर पड़ती है जो अपनी दोस्तों के साथ कार में चढ़ रही होती है l उस वक़्त अभिराम स्वरा को देखकर थोड़ा शाॅक हो जाता है l

और मन में सोचता है स्वरा भी मूवी देखने आई थी मेरी तो उस पर नजर ही नहीं पड़ी और जब पड़ी तब वो जा रही हैं ....मेरा तो लक ही ख़राब हैं l

राहा अपनी गाड़ी लेकर आगे निकल पड़ती है और अभिराम भी अपने घर की तरफ निकल पड़ता है l

घर पहुंचकर....अभिराम लेटे लेटे बस स्वरा के बारे में ही सोचता है और सोचते सोचते मोबाइल में उसकी तस्वीर को एडिट करता हैं अब सिर्फ स्वरा की फोटो देखने में लगा है और सोचता है -

"न जाने इंतजार की घड़ियां
कब खत्म होगी
दिल तो धड़कता हैं बस उनके लिए
जिनसे मिलन की घड़ियां
रब ने न जाने कब तय की होगी "

इसी तरह ख्यालों में डूबे नींद के आगोश में चला जाता है l

अगले दिन ऑफिस जाने पर पता चलता है उसका नाम कोर्स के लिए आया है उसे एक सप्ताह बाद 2 महीने के कोर्स के लिए पुणे जाना पड़ेगा l

इसलिए वह अपने कोर्स में जाने की तैयारी में लग जाता है और इसी बीच प्रिंटर की मदद से स्वरा की फोटो की कलर प्रिंट निकाल लेता है और उसे अपने साथ ले जाने वाले सामान के साथ एक डायरी में संभाल कर रख लेता है l

दो महीने का वक़्त कैसे बीत जाता है उसे पता ही नहीं चलता क्योंकि वहां पर वह ट्रेनिंग कोर्स में इतना ज्यादा व्यस्त रहता है कि कुछ और सोचने का समय ही नहीं मिलता l सुबह पीटी परेड फिर क्लासेज शाम को खेल कूद और भी बहुत सी ऐक्टिविटीस बस इसी में दिन निकल जाता है l

2 महीने के कोर्स के बाद वह वापस अपने शहर जबलपुर आ जाता है और साथ में स्वरा की यादें फिर से हरी हो कर सुगबुगाने लगती हैं l

साल का आखिरी सप्ताह और नए साल में कुछ सपनों के सच होने का इंतजार हर किसी को रहता है ....बस ऐसे ही आने वाले साल से कुछ उम्मीदें अभिराम को भी हैं l

न्यू ईयर का उत्सव चारों ओर बहुत ही जोर शोर से मनाया जा रहा है कहीं पर न्यू ईयर मेला लगा हैं तो कहीं पर लोग होटल, रेस्तरां में अपने परिवार और दोस्तों के साथ न्यू ईयर पार्टी सेलिब्रेट कर रहे हैं l कोई न्यू ईयर पर घूमने फिरने और पिकनिक का प्लान करते हैं l

ऐसे ही स्वरा ,अमूल्या, राहा और अवनी भी "फन एण्ड फूड" में जाकर न्यू ईयर पार्टी करने का प्लान बनाते हैं l "फन एण्ड फूड प्लाजा" में अपनी फॅमिली परिवार के साथ विभिन्न प्रकार के इंडोर गेम्स और साथ ही अलग अलग तरह के भोजन का भी आनंद ले सकते हैं इसलिए स्वरा और उसकी दोस्त पार्टी के लिए इस जगह का चयन करते हैं l

दूसरी तरफ अभिराम के दोस्त का बर्थडे भी 1 जनवरी को होता है तो उसने न्यू ईयर और अपने बर्थडे की खुशी में "फन एण्ड फूड प्लाजा" में पार्टी रखी .....

आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए
"ऐसे बरसे सावन "
ll जय श्री राधे कृष्णा ll