Aise Barse Sawan - 19 in Hindi Love Stories by Devaki Ďěvjěěţ Singh books and stories PDF | ऐसे बरसे सावन - 19

Featured Books
Categories
Share

ऐसे बरसे सावन - 19

कॉलेज प्रशासन - ठीक है आप लोग वहां 5 मिनट इंतजार कीजिए मैं आपको कॉल बैक करता हूँ l
सब कुछ पता करने के बाद .....

कॉलेज प्रशासन - निखिल यहाँ पर बस तो हैं लेकिन रविवार होने की वज़ह से सभी ड्राइवर छुट्टी पर हैं और उनके घर कॉलेज से काफी दूरी पर हैं और उन्हें यहाँ पहुंचने में भी कम से कम 20 से 25 मिनट लग सकता है और फिर कॉलेज पहुंच कर बस लेकर आप लोगों के पास पहुंचने में और भी समय लग जाएगा .....
इसलिए आप सभी को वहां इंतजार करना पड़ेगा l

निखिल - ठीक है सर , मैं हमारी स्थिति के बारे मे कैप्टन अभिराम को अवगत करा देता हूँ कि हमारी बस खराब हो गई है और दूसरी बस पहुंचने में आधा घंटा समय लगेगा इसलिए हमें योगा के लिए पहुंचने में 45 मिनट के करीब लग जायगा l

प्रिन्सिपल - ठीक है निखिल आप उन्हें इनफाॅम कर दीजिए तब तक मैं इधर से दूसरी बस का बंदोबस्त करवाता हूँ l

निखिल - ओके सर ( बोलने के बाद) वह कैप्टन अभिराम को फोन लगाता हैं और अपनी स्थिति के बारे मे अवगत कराता है l

कैप्टन अभिराम - निखिल आप सभी परेशान नहीं हो ....मैं आप सभी के लिए आर्मी बस भिजवा देता हूँ .... आप मुझे अपनी लोकेशन सेंड कर दीजिये l

निखिल, कैप्टन अभिराम को अपनी लोकेशन सेंड कर देता हैं..... और उसके बाद प्रिन्सिपल को भी फोन लगा कर बता देता है की उनके लिए आर्मी बस आ रही हैं इसलिए दूसरी बस न भेजें l

इधर कैप्टन अभिराम ने देखा की कुछ देर पहले ही उनकी आर्मी बस योगा के लिए फेमलिज को लेकर आई थी जो अभी पार्किंग में खड़ी हैं l वह उस बस के ड्राइवर को बुलाता हैं और लोकेशन बता कर .....योगा टीम को लाने के लिए बोलता है l

ड्राइवर (जो की एक फौजी हैं) - ओके साहब, जय हिंद l

अभिराम - जय हिंद ( प्रतिउत्तर में) बोलकर निखिल को फोन लगाता हैं....आप लोग चिंता मत कीजिए यहाँ से हमारी आर्मी बस निकल चुकी हैं 10 , से 15 मिनट में आप लोगों को लेने के लिए आपके दिए गए लोकेशन पर पहुंच जायगी तब तक आप इंतजार कीजिए .... और हाँ ड्राइवर का नंबर मैं आपको वाटसैप कर देता हूँ वैसे आपका नंबर ड्राइवर के पास हैं उसे कुछ दिक्कत होगी तो वह आपको कॉल कर लेगा l

निखिल - ओके, थेंक यू सर

अभिराम - मोस्ट वेलकम


योगा टीम के लेट होने के कारण ग्राउंड में लोगों में खलबली सी मच गयी तो उन सभी को शांत कराने के लिए पीटी उस्ताद (फौजी पीटी इन्सट्क्टर) स्टेज पर जाकर उन सभी को शांत होने के लिए कहते हैं और फिर खुद से कुछ आसान योगा कराने लगते हैं ताकि योगा ग्राउंड का माहौल शांत एवं खुशनुमा बना रहे l

ड्राइवर बस लेकर निखिल के दिए गए लोकेशन पर पहुंच जाता है l

निखिल बस में बैठने से पहले कॉलेज बस ड्राइवर को बता देता है की बस ठीक हो जाने पर वह आर्मी छावनी में बस ले आए और उसे कॉल कर दे ताकि बस को लेकर अंदर प्रवेश करने में उसे कोई परेशानी नहीं हो l

उसके बाद वे सभी बस में बैठ जाते हैं .....और आधे घंटे के सफ़र के बाद वे आर्मी छावनी के अंदर प्रवेश कर जाते हैं....बस ड्राइवर सभी को ग्राउंड के पास उतार देता है उसके बाद वह बस को पार्किंग एरिया में ले जाकर खड़ी कर देता है l

स्वरा और निखिल तेजी से ग्राउंड की ओर बढ़ते हैं क्योंकि पहले ही उन्हें काफी देर हो गई थी... वे मैदान में सभी को अपनी अपनी जगह पर व्यवस्थित देखकर वे भी तुरंत अपनी अपनी जगह लेते हैं l

निखिल और उसका अन्य साथी योगा कर के दिखाने के लिए मंच पर अपना स्थान ग्रहण करते हैं और स्वरा पहले दिन की तरह सभी को योग के विषय में दिशा निर्देश देने के लिए मंच पर जाकर माइक अपने हाथों में लेती हैं.... वह कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रभात के साथ ओम की ध्वनि और उच्चारण के साथ करती हैं और उसके बाकी के साथी मैदान मे लोगों के बीच फैल जाते हैं l

अभिराम जो स्वरा के इंतजार में कब से आंखे बिछाये परेशान था कि क्या हो गया स्वरा अभी तक क्यों नहीं पहुंची इन्हीं ख्यालों में खोया था तभी उसके फोन पर निखिल के फोन आ जाता है और उससे उनके देर होने का कारण पता चलता है....कारण पता चलने पर उसका मन जो स्वरा को लेकर परेशान हो रहा था अब थोड़ा शांत होता है l

रविवार के दिन वह खुद ही ड्यूटी ऑफिसर था इसलिए स्वरा की टीम को लेने के लिए तुरंत गाड़ी भिजवा देता है पर गाड़ी का खराब होना उसे डरा भी रहा था की 2 दिन तो उसके यूं ही बर्बाद हो गए और उसकी स्वरा से कुछ बात भी नहीं हुई आज उसके पास आखिरी मौका हैं पता नहीं स्वरा आज योग के लिए आएगी या नहीं l यही सब सोचकर उसका दिल बहुत ही घबरा रहा हैं ....पर स्टेज पर स्वरा को देखकर उसका दिल बाग बाग हो जाता है और मन ही मन गुनगुनाता हैं -

" ये इश्क़ की गलियाँ
बड़ा इंतजार करवाती हैं
महबूब की एक झलक भी
मेरे दिल की प्यास बुझाती हैं
अरमाँ तो बहुत हैं इस दिल के
पर कुछ बेड़ियां
हाल ए दिल ब्यां करने पर रोक लगाती है "

अभिराम का ध्यान योग से ज्यादा तो स्वरा पर ही है .....
ओम के उच्चारण के समय सबकी आंखें बंद है पर उसकी आंखें बंद होते हुए भी हल्की खुली हैं जो बस स्वरा को निहारने में लगी है l

दूसरी तरफ स्वस्तिक उसकी चेहरे की बैचैनी देखकर उस पर चोर नजर गड़ाए हुए था वह खुद को यकीन दिलाना चाहता था कि अभिराम के मन में जरूर कुछ चल रहा हैं जिसे वह उससे छुपा रहा हैं l

अभिराम का मन योग में बिल्कुल भी नहीं लग रहा है..पर करे तो क्या करे.... मन मार कर जैसे तैसे अपना समय व्यतीत कर रहा है ....उसे तो बस इंतजार हैं जल्दी से योग की घड़ीया खत्म हो और उसे स्वरा से बात करने का मौका मिले l

अनुलोम - विलोम, भ्रामरी और शवासन के बाद वह घड़ी भी आ ही जाती हैं जब ओम के उच्चारण के साथ योग का समापन हो जाता है जिसका अभिराम को बेसब्री से इंतजार है l इस पल उसके चेहरे की चमक और खुशी देखते ही बनती है l

सभी लोग योग समापन के बाद ......

आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए
"ऐसे बरसे सावन "
ll जय श्री राधे कृष्णा ll