Luck by chance again !! - 5 in Hindi Fiction Stories by zeba Praveen books and stories PDF | Luck by chance again !! - 5

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Luck by chance again !! - 5

बेला राजवीर की गर्लफ्रेंड थी, उसको जब पता चला राजवीर शादी कर रहा हैं तो वो फ़ौरन ऑस्ट्रेलिया से इंडिया आ गयी, बेला जब घर के अंदर आती हैं तब राजवीर उस समय लंच कर रहा था,


बेला-"बेबी......तुम कैसे कर सकते हो मेरे साथ ऐसा, हाउ कैन यू डू दिस"


राजवीर -"बेला तुम यहाँ, बिना बताये कैसे.........आई मीन अचानक से........एंड व्हाट हैपेंड विथ यू"


बेला-"व्हाट हैपेंड विथ मी........वो तो शुक्र हैं की मुझे पता लग गया वरना तुम तो मुझे कुछ बताने वाले नहीं थे"


राजवीर-"बेबी बात क्या हैं......क्यूँ इतनी स्ट्रेस ले रही हो, कुछ बताओ तो"


बेला-"तुम शादी कर रहे हो और मुझे इन्वाइट तक नहीं किया"


राजवीर-"व्हाट......तुम्हे किसने बताया यह सब"


(जोर से रोते हुए) बेला-"देखा मेरा शक़ सही निकला....तुमने मुझे धोका दिया......तुम बहुत बड़े चीटर हो"


राजवीर-"बेला मेरी जान......आई लव यू......यह बताओ तुमसे किसने बोला हैं यह सब....ऐसा कुछ नहीं हैं, मैं सिर्फ तुमसे प्यार करता हूँ और तुमसे ही शादी करूँगा"


बेला -"नहीं तुम बहुत बड़े झूठे हो, अभी तो तुमने कन्फेस किया था जब मैंने पूछा था तो"


राजवीर-"नो दिस इस नॉट ट्रू, मैं शादी नहीं कर रहा बल्कि यह सिर्फ एक डील हैं"


बेला-"व्हाट डील......तुम शादी तो कर रहे हो न, मेरी तो ज़िन्दगी बर्बाद हो गयी"


राजवीर-"डार्लिंग लिसेन टू मी, मैं किसी से शादी नहीं कर रहा बल्कि यह सिर्फ एक डील हैं अपने बैड लक को गुड लक में चेंज करने का"


बेला"बैड लक, गुड लक....क्या मतलब हैं इसका और तुम अपनी शादी को छुपाने के लिए कौन सी नयी कहानी बता रहे हो"


राजवीर -"कहानी......बेला मैं उस लड़की से शादी कैसे कर सकता हूँ, यू डोंट नो, शी इज़ हैंडीकैप, हाउ कैन आई मैरी हर"


बेला-"तुम सच बोल रहे हो"


राजवीर" आई स्वैर बेबी"


बेला-"नहीं मुझे उस लड़की को देखना हैं, मैं अब से तुम्हारे साथ रहूंगी तुम्हारी शादी तक"


राजवीर-"बेला तुम यहाँ कैसे..........कोई पूछेगा तुम्हारे बारे में तो क्या बोलूंगा"


बेला-"बोल देना फ्रेंड हैं शादी अटेंड करने आयी है"


राजवीर-"ओके फाइन, चलो कमरे में, मैं तुम्हें पूरी बातें बताता हूँ"


बेला-"या बेबी लेटस गो"


(अगले दिन राजवीर को गौरी के घर बारात लेकर जानी थी, गौरी के घर में बारातियों के लिए बहुत ख़ास इंतज़ाम किया जा रहा था, गौरी सूटकेस में रखे राजवीर की फोटो उठा कर देख रही थी, उसी समय मीता भी आ गई)


मीता"ओहो....गौरी डार्लिंग अभी से इंतज़ार नहीं हो रहा......हाय यह रात कब गुज़रेगी और कब सुबह होगी, उफ्फ यह दूरियां...."


गौरी(हसते हुए)" बैठो मीता, ऐसा कुछ नहीं हैं, मैं पैकिंग कर रही थी तो निगाहें चली गयी बस"


मीता"दिखाओ मुझे भी....वैसे जीजू हैं बड़े स्मार्ट एंड हैंडसम, बार-बार देखने को दिल करेगा ही"


गौरी (शरमाते हुए)"यार कुछ भी....., वैसे ध्रुव कहा हैं?"


मीता "ध्रुव तो निचे अंकल के साथ हैं, मैं बुला कर ले आऊं??"


गौरी "हाँ....मुझे उससे कुछ ज़रूरी बातें करनी हैं, सिर्फ उससे नहीं तुमसे भी"


मीता "ओके......मैं अभी उसको लेकर आती हूँ"


(थोड़ी देर बाद मीता अपने साथ ध्रुव को लेकर आती हैं)


गौरी "ध्रुव, मीता मुझे तुम दोनों से एक ज़रूरी बात करनी हैं ?"


ध्रुव "हाँ बोलों ना गौरी"


गौरी "ध्रुव....मेरे जाने के बाद मेरे माँ-पापा एक दम अकेले हो जायेंगे, उनका कोई नहीं हैं इस शहर में मेरे आलावा , एक रिक्वेस्ट थी, प्लीज मेरे माँ पापा का ख़्याल रखना मेरे जाने के बाद"


ध्रुव "गौरी तुम यहाँ की चिंता मत करना, यहाँ इनका एक बेटा हैं, वो ख़्याल रखेगा उनका, चाचा जी मेरे पापा की तरह हैं, मैं वादा करता हूँ तुमसे, उनका अच्छे से ख़्याल रखूँगा"


गौरी "थैंक यू ध्रुव, तुम दोनों भी अब जल्दी शादी कर लो, और फिर मुझे भी बुलाना अपनी शादी में"


मीता"गौरी अगर तुम नहीं आओगी तो हमारी शादी कैसे पूरी होगी, वेल ध्रुव अपनी दोस्त से कह दो यूँ रोये ना, वर्ना मुझे भी रोना आ जायेगा"


गौरी (मुस्कुराते हुए) "मैं रो नहीं रही, यह तो ख़ुशी के आंसू हैं, मैं सोच रही हूँ मैं बहुत लकी हूँ, जो मुझे तुम जैसे दोस्त मिले हैं"


(आज की रात मेहँदी की रात थी, अभी से ही गौरी के घर से मेहँदी के संगीत बजने शुरू हो गए थे, मीता गौरी के साथ ही रह रही थी, खुशियों से पूरा घर जगमगाया था, उधर राजवीर गौरी के लिए एक खास कमरा तैयार करवा रहा था जिसमे वो जितने दिन चाहे रह सकती थी, सुबह ग्यारह बजे के करीब राजवीर और उसका ड्राइवर बारात लेकर गौरी के घर आया, सब लोगो ने बारातियों का स्वागत धूम-धाम से किया, राजवीर के साथ बेला भी थी, गांव के रीती-रिवाज़ दोनों राजवीर और बेला को पसंद नहीं आ रहे थे, लेकिन दोनों करते भी क्या कोई भी उन दोनों को अकेला नहीं छोड़ रहा था, गांव की लड़कियां राजवीर से जीजू-जीजू कह कर मज़ाक कर रही थी लेकिन राजवीर अंदर ही अंदर गुस्से में तप रहा था और घूर-घूर कर ड्राइवर अंकल को देख रहा था, यह सब ज़्यादा देर तक नहीं चला, राजवीर का गुस्सा आख़िर फूट ही गया, वो एक वेटर पर बुरी तरह चिल्ला पड़ा, सब लोग उसके आस-पास आकर खड़े हो गए, उस वेटर की सिर्फ इतनी ही गलती थी के उसके हाथ से जूस का ग्लास छूट कर राजवीर के शूज पर गिर गया था, वहा खड़े सब लोग शांत हो गए और राजवीर से दूर-दूर रहने लगे, राजवीर के कहने पर बहुत जल्दी-जल्दी फ़ेरे का रस्म पूरा किया गया और उसके बाद ही राजवीर गौरी को साथ लेकर वापस चला गया |

continue.......