The Author Devaki Ďěvjěěţ Singh Follow Current Read ऐसे बरसे सावन - 16 By Devaki Ďěvjěěţ Singh Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books પ્રેમ સમાધિ - પ્રકરણ-119 પ્રેમ સમાધિ પ્રકરણ-119 વિજયની ગાડી બંગલાની સાવ નજીક આવી ગઇ વ... ક્યાં છે સોનાની નગરી અલડોરાડો? માનવીને હંમેશથી અખૂટ સંપત્તિ મેળવવાની ઝંખના રહી છે અને સોનાન... ભાગવત રહસ્ય - 99 ભાગવત રહસ્ય-૯૯ હવે કપિલ ગીતાનો પ્રારંભ થાય છે. આ દિવ્ય પ્ર... સિંદબાદની સાત સફરો - 6 6.ફરીથી સહુ મિત્રો અને હિંદબાદ, સિંદબાદને ઘેર ભેગા થયા. સહુન... ખજાનો - 66 "અરે એમાં આભાર શાનો..? આપણે સૌ મિત્ર છીએ. એક ચોક્કસ હેતુ સાથ... 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"दिवाना हर शख़्स को बना देता है इश्क़, जन्नत की सैर करा देता है इश्क, मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क" स्वरा के ख्यालों में डूबे करवटें बदलते जब 6 बज जाते हैं तब वह बिस्तर से उठता है और उसे प्रभावित करने के लिए अच्छे से तैयार होता है.....आज वह अपना एडीदास का नया वाला डार्क ब्लू कलर ट्रैक सूट निकालता है और उसे पहनता हैं साथ मे एडीदास के ही व्हाइट शू पहनता है......स्वरा को प्रभावित करने और खुद स्मार्ट दिखाने के लिए उसने एक दिन पहले ही शाम को अपनी स्टाइलिस्ट हेरकटिंग करवा ली थी....जिसे आज वह बहुत ही करीने से कंघी करता हैं....फिर अपने आप पर पर्फ्यूम स्प्रे करता हैं. .. और आईने में खुद को देखकर स्माइल करता हैं और वहीं पर खड़े खड़े खुद के 2,3 पोज की पिक्चर क्लिक करता हैं....मोबाइल में अपनी खींची हुई पिक्चर को देखकर संतुष्ट होता है फिर स्माइल करता हैं l अभिराम पूरी तरह तैयार होकर ठीक 7: 30 बजे योग ग्राउंड के लिए पहुंचता है और अपनी गाड़ी को एक तरफ पार्क करता हैं और मन ही मन स्वरा का इंतजार करता हैं l स्वरा का इंतजार में उस वक़्त उसके मन में इश्क़ के हजारों गुलाब खिले हुए थे पर इंतजार की घड़ियां खत्म ही नहीं हो रही हैं एक एक सेकंड एक एक घंटे के बराबर लग रहा हैं l कुछ पल के इंतजार के बाद उसे स्वरा की बस आती हुई दिखाई देती हैं .... जिसे देखकर मन ही मन बहुत खुश होते हुए कहता है कि " चलो ये इंतजार की घड़ियां तो खत्म हुई" l वह पार्किंग एरिया से हटकर ग्राउंड की तरफ जाने वाले रास्ते पर खड़ा हो जाता है और स्वरा का इंतजार करने लगता हैं l इस उम्मीद में की वह जल्दी से आए और वह अपनी मोहब्बत का जल्द से जल्द इज़हार करे l ड्राइवर बस को पार्किंग में खड़ी कर देता है,,सभी छात्र उतरकर ग्राउंड की तरफ जाने लगते हैं l स्वरा भी साथ ही जाती हैं पर कुछ भूल गयी थी इसलिए वापस बस में आती हैं....इतने में उसके सभी साथी आगे निकल जाते हैं lवह बस से पेपर लेकर ग्राउंड की तरफ़ बढ़ती हैं l अभिराम जो उस वक़्त रास्ते में किनारे खड़ा होकर उसका इंतजार कर रहा था स्वरा को अकेले देख उसका मन बेकाबू होने लगा था उसके मन मे खुशियों के सावन बरसने लगते हैं l स्वरा इधर उधर देखते हुए जैसे ही उसके पास से गुज़रती हैं वह किसी चीज़ से टकरा जाती हैं और गिरने वाली होती ही है तभी अभिराम उसे तुरंत अपनी बाहों के सहारे थाम लेता हैl दोनों ही एक पल के लिए एकदूसरे की आँखों में खो जाते हैं जैसे ही अभिराम मोहब्बत का इज़हार करने के लिए मुह खोलता हैं . वैसे ही उसका हल्का सा बैलेंस बिगड़ता हैं और दोनों के होंठ एक दूसरे के होंठो पर आ जाते हैं और साथ मे बारिश....माहौल को और भी रोमांटिक बना देती हैं ....उस वक़्त अभिराम को ऐसा लगता है जैसे मोहब्बतें इज़हार में आज कुदरत भी उसका साथ दे रही हैं l लेकिन इस बार पानी की बूँदों के ऐहसास के साथ किसी शोर का आभास होता है .....पर वह अभी भी नींद में ही होता है l अधीरा चिल्ला रही होती है उठो भाई ,उठो 6:30 हो गए . पर वह नहीं उठता.... तो अधीरा जो पहले पानी के छींटे डाल रही थी इस बार गुस्से में जग भरकर पानी उड़ेल देती है ....जिससे अभिराम हडबड़ा कर उठता है और सामने अधीरा को देखकर उदास हो जाता है कि स्वरा से मिलना मात्र एक सपना था और यह बारिश अधीरा कर रही है l अभिराम गुस्से में - ये कौन सा तरीका हैं मुझे उठाने का.... सारा बिस्तर गीला कर दिया l अधीरा - मुझे तो यही तरीका आता है.... मैं आपको 15 मिनट से उठा रही हूँ पर आप हैं की उठ ही नहीं रहे थे .....इसलिए मुझे पानी डालना प़डा......पर आप ये बताओ, रोज मुझे लेक्चर देने वाले आज खुद घोड़े बेच कर कैसे सो रहे हैं मुझ पर गुस्सा करने से पहले ....जरा घड़ी पर तो नज़र डालो l अभिराम - ओह गॉड , 6 :45 हो गए , फिर झुंझलाहट में....माँ आपने हमें उठाया क्यों नहीं ? क्या वह स्वरा से इश्क़ का इजहार कर पाएगा जानने के लिए पढ़ते रहिए "ऐसे बरसे सावन " ll जय श्री राधे कृष्णा ll ‹ Previous Chapterऐसे बरसे सावन - 15 › Next Chapter ऐसे बरसे सावन - 17 Download Our App