Aise Barse Sawan - 12 in Hindi Love Stories by Devaki Ďěvjěěţ Singh books and stories PDF | ऐसे बरसे सावन - 12

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ऐसे बरसे सावन - 12

प्रिंसिपल ऑफिस में - प्रिसिंपल उन्हें बताते हैं की उन्हें आर्मी कैण्ट में जाना हैं और वहां पर हमारे सेना के जवान और उनके परिवार के सदस्यों को योग सिखाना हैं और उसके होने वाले फ़ायदे से भी अवगत कराना है, यह इवेंट अगले सप्ताह शुक्रवार, शनिवार और रविवार को आयोजित होगा l समय सुबह 8 बजे से 10 बजे तक का होगा l

आप लोगों के पास एक सप्ताह का समय है, इसलिए आप दोनों मिलकर कम से कम 10 से 12 लोगों की एक टीम तैयार कर लीजिए और उसकी लिस्ट मुझे दो दिन के अंदर दे दीजिएगा और हाँ ,इस टीम की पूरी जिम्मेदारी आप दोनों के ऊपर हैं और कुछ भी परेशानी हो तो आप बेझिझक मुझसे संपर्क कर सकते हैं l

निखिल और स्वरा , ओके सर ,धन्यवाद बोलकर
अपनी क्लास में वापस आ जाते हैं l


स्वरा तो आर्मी का नाम सुनते ही बहुत ही खुश हो जाती हैं उसके लिए तो " इंडियन आर्मी " नाम ही काफ़ी हैं देशभक्ति का ज़ज्बा, और उनके प्रति हृदय से सम्मान मेहसूस करने के लिए l

स्वरा आर्मी केंट में जाने के लिए बहुत ही ज्यादा उत्साहित होती हैं l अगले दिन से निखिल के साथ मिलकर वह अपनी टीम का प्लान तैयारी करने में लग जाती हैं l

दूसरी तरफ

अभिराम दिवाली के अगले दिन ही सुबह ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा है होता है तभी खट खट की आवाज से अभिराम की मां शकुन्तला जी की नींद खुल जाती है l

वह बैठक में आकर देखती हैं अभिराम ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा है उसे तैयार होता देख वे कहती हैं - बेटा अभि , आपने हमें उठाया क्यों नहीं, हम तुम्हारे लिए नाश्ता बना देते l

नहीं माँ, उसकी कोई जरूरत नहीं हैं , मैंने ब्रेड बटर खा लिया है और आप बस अपनी सेहत का ध्यान रखिए वैसे भी दिवाली पर आप कितनी व्यस्त थी अभी आप कुछ दिन काम का स्ट्रेस कम लीजिए और अपना ध्यान रखिए l

शकुंतला जी - हम तो अपना ध्यान रख लेंगे पर हमारे होते हुए आप ऐसी चीजें खाओ हमें बिल्कुल अच्छा नहीं लगता l

फिर भावुक होते हुए अभी तो आप हमारे पास हो तो हम आपको आपकी पसंद का खाना बनाकर खिला ही सकते हैं लेकिन जब आप फील्ड में पोस्टेड होते हैं तो आपको वही खाना खाना पड़ता है जो सबके लिए बना होता है इससे कोई फर्क़ नहीं पड़ता कि वह खाना आपको पसंद हो या ना हो नहीं पसंद हैं तो आप ब्रेड बटर से भी काम चला लेते हैं l इसलिए अभी जब तक आप हमारे पास हैं आप ये सब चीजें मत खाया कीजिए l
और रही हमारी बात तो माँ बाप बच्चों के लिए कुछ भी करते हैं उसमे उन्हें खुशी मिलती हैं परेशानी नहीं होती है l

अभिराम - हाँ माँ , मैं जानता हूँ पर आपके लिए अपना ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है l
फिर हंसते हुए खुदा न खास्ता गलती से यदि आप बीमार पड़ गई तो नौकरी के साथ-साथ मुझे ही घर का सारा काम करना पड़ेगा क्योंकि आपकी वो चिमपो तो कुछ करने वालीं नहीं है ,उल्टा मुझ पर ही हुक्म चलायेगी l

खिलखिलाने की आवाज और चिमपो सुनते ही अधीरा नींद से जागकर हॉल में आ जाती हैं और चिढ़ते हुए , "क्या माँ , सुबह सुबह आप भी भाई के साथ मेरी बुराई में लग गई l "


क्रमश:
देवकी सिंह