(20)
“हमें नीलम हाउस चलना चाहिये । मामिले वहीं तै हो सकते हैं-" नूरा ने कहा, फिर फरामुज जी की ओर देख कर मुस्कुराती हुई बोली
"तुम्हारी लड़की फिरोजा मेरे पास है और मैं समझती हूँ कि तुम उसकी -मौत पसन्द नहीं करोगे -- ।"
फरामुज जो अभी तक मुस्कुरा रहा था एक दम से उसका चेहरा श्वेत पड़ गया मगर वह कुछ बोला नहीं। नूरा ने उसके हाथ बंधवाये और फिर सब लोग कमरे से बाहर निकले। हमीद हर्षित था कि इस बार मैदान उसके हाथ है। वह जल्दी से मुड़ा ताकि अपनी मोटर सायकिल पर बैठकर उनसे पहले ही नीलम हाउस पहुँच जाये -मगर चार ही कदम चला होगा कि पीछे से सर पर इतना जोरदार प्रहार हुआ कि वह अपने को संभाल न सका। गिरते गिरते उसने नूरा को आवाज सुनी जो कह रही थी ।
"यह सबसे सुन्दर काम हुआ है। अगर नीलन हाउस में विनोद से मुठभेड़ हो गई तो भी यह शिकार हमारे बचाव के लिये हमारे पास है। फिरोजा भी अब तक नीलम हाउस के तहखाने में पहुँचा दी गई होगी।"
इसके बाद हमीद कुछ न सुन सका था इसलिये कि वह बेहोश हो गया था।
विनोद ने संन्तोष की सांस ली। उसके हाथ में बन के अन्डे के बराबर कोई सफेद सी वस्तु थी। उसे जेब में रखने के बाद फिरोजा की ओर देखने लगा जो उन दोनों को देख रही थी जो उसे तहखाने में लाये थे और विनाद के हाथों मार खा कर बेहोश पड़े हुये थे। फिर उसने गर्दन मोड़ कर विनोद की ओर देखा और कहने लगी ।
"अभी अभी जो कहानी मैंने आपको सुनाई है उससे आप यह न समझ लीजियेगा कि मैं अपने डैडी को निर्दोष साबित करना चाहती थी बल्कि इसलिये सुनाई है कि आपको यह मालूम हो जाये कि हमारा देश किस खतरे का शिकार होने वाला था । हेमियर की स्कीम यही थी कि बम यहाँ तैयार किये जायें। कार्टन डोंगे और रेमन्ड पहले ही हेमियर के पीछे लगे हुये थे। हमारे पास पत्र भेजकर डैडी ने कार्टन को यह सूचित किया था कि अनुभव सफन है। गया मगर वह खुद भी नहीं जानते थे कि अनुभव क्या है। कार्टन का बन्धन आरम्भ से ही डैडी पर मजबूत रहा था और उसका कारण मैं थी। मेरा असली नाम नीलम हैं मगर मेरे -साथ कुछ ऐस हुआ कि डैडी को मेरा नाम भी बदलना पड़ा और मुझे यहां से हटाना भी पड़ा और यह मशहूर करना पड़ा कि नीलम दुर्घटना का शिकार हो गई । कार्टन हमेशा डेडा को ब्लैकमेल करता रहा है और आज भी वह मेरी आड़ लेकर डैडी से बम वसूल करना चाहता है। आप की अनुपस्थिति में पुलिस भी डैडी के विरुद्ध हो गई थी और आरके एस० पो० को रेमन्ड ने खरीद लिया था इसलिये हमें अपना मुँह बन्द रखना पड़ा । इस समय मेरा जो अपहरण किया गया था उसका ध्येय यह था कि डैडी प्रकट हो जायें ।”
"नूरा कौन है ?” विनोद ने पूछा ।
"एक विदेशी जासूस जो मेरे विचार से रेमन्ड और कार्टन दोनों को चकमा देकर अपना ध्येय पूरा करना चाहती है । नूरा का ही दूसरा नाम रोमा है ।"
अचानक ट्रान्स्मीटर पर संकेत प्राप्त होने लगा इसलिये विनोद का ध्यान उधर ही आकृष्ट हो गया। वह कुछ क्षण तक सुनता रहा फिर स्वीच आफ करके बोला ।
"वह सब के सब यहीं आ रहे हैं। मेरे दोनों हाथ इस प्रकार दो कि एक ही झटके से डोर खुल जाये। उन पर यही प्रकट करना कि तुम मेरी शत्रु हो । ऊपर जाकर शापूर से कह देना कि पुलिस के जो अधिकारी गण आये उन्हें लेकर तहखाने में आ जाये और आने में जल्दी करना - चलो आरम्भ हो जाओ।" तुम भी वापस फिरोजा विनोद के हाथ बांध कर ऊपर चली गई । उसके बाद ही नूरो- रेमन्ड, कार्टन — डोगे—फराज और हमीद अन्दर दाखिल हुये । हमीद के हाथ भी बांधे हुये थे। इनके अतिरिक्त पांच आदमी और थे । इन सभों की नजरें सबसे पहले एस० पी० और उन दोनों आदमियों पर पड़ीं जो फिरोजा को यहाँ लाये थे और अब धीरे धीरे होश में आ रहे थे फिर उन्होंने विनोद की ओर देखा और कार्टन ने हर्षित हो कर कहा।
"आहा कर्नल साहब - आज की रात हमारी सफलता की रात है — " फिर उसने फरामुज से कहा, "हाँ अब बताओ - वह पांचवा बम कहा है ?"
"पहले वह फिरोजा के पास था-" विनोद बोल पड़ा 'मगर मैंने उससे प्राप्त कर लिया है और इसी शर्त पर मिस्टर रेमन्ड को दे सकता हूँ जब मुझे यह विश्वास हो जाये कि शेष चारों उनके पास है-"
"मैंने उन चारों बमों को अभी अभी हेमियर से प्राप्त किया है-" रेमण्ड ने कहा "अगर तुमने पांचवां मुझे न दिया तो तुम और फरामुज कत्ल कर दिये जाओगे "
"यह कैसे हो सकता है- " विनोद ने मुस्कुरा कर कहा "मेरे एस० पी० साहब मुझे बचायेंगे जिन्हें आजाद करके तुम लोगों ने गलती की है-"
"मैं....?" एस० पी० दहाड़ा। "मैं तो तुम्हें सिसका सिसका कर मारूंगा। मैं — मिस्टर कार्टन और मिस्टर रेमन्ड एक दूसरे के साथी है।
"यह बड़ा अच्छा हुआ कि आपने अपने जुर्म का खुद ही समर्थन कर लिया। आपकी यह बात टेप हो चुकी है— अब आप लोग अपने हाथ आगे बढ़ायें ताकि हथकड़ियाँ पहनाई जा सकें— कैप्टन हमीद- आगे बढ़ो और इनके हाथों में हथकड़ियाँ -।"
फिर खुद ही बौखला कर बोला "अरे ! कैप्टन हमीद के हाथ तो बंधे हुये हैं और मेरे भी— अच्छा दोस्तो— मेरे हाथ खोल दो मैं वह पांचवां बम तुम्हें दे दूँगा-।"
"तुम बता दो - हम खुद ही ले लेंगे।" कार्टन ने कहा मगर दूसरे ही क्षण एक दम से चौंक पड़ा क्योंकि हमीद के रिवाल्वर की नाल उसकी पहली से लग चुकी थी और हमीद कह रहा था ।
"तुम लोगों ने दो गलतियां की। एक तो मेरी तलाशी नहीं ली । दूसरी यह कि मेरे हाथ इस प्रकार बांधे थे कि एक ही झटके में डोर खुल कर अलग हो गई और यह गलतियाँ केवल इसलिये हुई थीं कि तुम लोगों को विश्वास हो गया था कि मैदान तुम्हारे हाथ है।" मगर हमीद की बातों का किसी पर प्रभाव नहीं पड़ा ।
"कर्नल !” हेमियर चीखा "अपने असिस्टेन्ट को समझाओ ! अगर उसने फायर कर दिया तो चारों बम फट जायेंगे और नतीजे में हम ही नहीं मरेंगे बल्कि यह पूरा शहर उबली और सूजी हुई लाशों का शहर बन जायेगा मेरी बात का विश्वास करो ।"
विनोद ने संकेत से हमीद को मना किया और फिर दूसरे ही क्षण उसने खुद रेमन्ड पर छलांग लगा दी। एक ही झटके में उसके हाथ भी आजाद हो गये थे । हमीद ने भी रिवाल्वर जेब में रख लिया और उन पर टूट पड़ा। किसी ने यह नहीं देखा कि हेमियर ने कोई वस्तु खाई थी ।
उसी समय डी० आई० जी० - होम और फारेन सेक्रेटरी दाखिल हुये। उनके साथ फिरोजा और शापूर भी थे। दूसरे ही क्षण विनोद के आदमी भी दाखिल हुये और सब के हाथों में हथकड़ियाँ डाल दी गई— फिर उन्होंने हेमियर की आवाज सुनी। वह कह रहा था ।
"कर्नल विनोद, मैंने नकली बम कार्टन को दिये थे । अस्ली बम तारा झील की तह में दफन है जिन्हें तुम प्राप्त नहीं कर सकते और इस प्रकार वह पाँचवाँ बम भी बेकार है जो तुम्हारे पास है । उन बमों में से हर एक की शक्ति का अनुमान इसी से लगा सकते हो कि चिराग से निकलने वाली गैस का जहर एक बम के लाखवें अंश के बराबर था—और अब मैं अपने ही आविष्कार से यह संसार छोड़ रहा हूँ। उसकी आवाज बन्द हो गई और देखते ही देखते उसका शरीर उबला हुआ शरीर बन गया । कुछ क्षण तक खामोशी छायी रही फिर विनोद ने रेमन्ड – एस० पी० और कार्टन की ओर संकेत करते हुये डी० आई० जो० से कहा ।
"इन लोगों ने अपने अपराधों का समर्थन कर लिया है जो टेप रेकार्डर में सुरक्षित है। और अब वह कागजात भी मिल जायेंगे जिनकी तलाश में हमें लन्दन और न्युयार्क की यात्रा करनी पडी थी। इन सबका ध्येय अलग अलग था जो मैं अपनी रिपोर्ट में प्रस्तुत करूंगा । फरामुज जी निर्दोष हैं । इनका दोष अगर है तो बस इतना ही है कि इन्होंने गैर कानूनी तौर पर धन कमाया है— मगर दूसरी ओर इन्होंने इन लोगों के षड़यंत्रों को असफल बनाने की भी पूरी कोशिश की थी। इसलिय मैं आप से प्रार्थना करूंगा कि फरामुज जी को वादा माफ गवाह बना लिया जाये !"
"आप की इस सफलता पर हम सब लोग आपको बधाई दे रहे -" फारेन सेक्रेटरी ने कहा फिर बड़ी उदासीनता के साथ कहा " मगर दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि केस नहीं चल सकेगा इसलिये कि मामिला संगीन होने के साथ ही साथ अन्तर्राष्ट्रीय नवैयत का भी है। बस इतना ही हो सकेगा कि आज ही रात में हेमियर की लाश के साथ नूरा - रेमन्ड - कार्टन और डोगे देश से बाहर निकाल दिये जायेंगे।"
विनोद का चेहरा एक क्षण के लिये इतना भयानक हो गया जैसे वह सब को गोली मार देगा - फिर उसने हमीद के कन्धे पर हाथ रखा और तहखाने से बाहर निकलने के लिये सीढ़ियों की ओर बढ़ गया ।
(समाप्त)