Fight for War and love - 7 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | Fight for War and love - 7

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Fight for War and love - 7



अभिमन्यु को होश आया और उसने कमर से नीचे भागों पर ठंड का महसूस हुआ वो देखा कोई उसके शरीर को साफ कर रहा है उसने धुंधली आंखों से पहचानने की कोशिश किया तो सरप्राइज़ हुआ फिर उसने गौर से देखा वो रिदम थी,उसका हार्टबीट बढ़ गई और चुप देखता रहा मुस्कुराते हुए ..!!

रिदम अच्छी तरह क्लिन कर रही थी उसे एहसास ही नहीं हुआ कि अभिमन्यु को होश आ गया है और उसे ही देख रहा है ,रिदम चोट को क्लीन कर रही थी कि ...

फिर अभिमन्यु को हल्का सा दर्द हुआ और उसके मुंह से कराह की आवाज निकल आई ..!!

रिदम ने पलक झपकते अभिमन्यु को देखा वो खुश हुई और सारे मशीन को देखते हुए अभिमन्यु को बेताबी से पूछा,"अभि आप ठीक हो ना रुकों मैं डॉक्टर को बुलाती हुं उसने तेजी से कमरे से बाहर गई ..

अभिमन्यु रिदम के चेहरे पर पहली बार मुस्कान देखा और आंखों में फिक्र देखा , फिर उसे याद आया रिदम यहां अचानक क्यों आईं किसने उसे मेरी खबर दिया ,ये जरूर मिहिर या ध्रुव का काम होगा मुझे ठीक होने दो दोनों की खबर लेता हुं ...उसी समय

डॉक्टर्स अपने टीम के साथ आए और अभिमन्यु को चेक करने लगे...

मिहिर और ध्रुव ने बाकी लोगों को भी इत्तिला कर दिया था तो डॉक्टर के जाने के तुरंत बाद मिहिर और ध्रुव कमरे में आ गए अभिमन्यु को रिदम से बात करने का मौका नहीं मिला ..

राजवीर शेखावत अपने दादा दादी के साथ हॉस्पिटल अभिमन्यु को देखने उसी समय आए
राजवीर के दादा कर्नल जनरल राघवेन्द्र शेखावत और उसकी पत्नी गायत्री शेखावत .. कर्नल शेखावत ने अभिमन्यु को बिस्तर के पास जाकर खड़े हुआ और उसकी तबीयत के बारे में पूछा क्योंकि अभिमन्यु उस समय धीरे से ही बात कर रहा था

गायत्री शेखावत ने रिदम के साथ बात करने लगी ,"बेटे जब से तुम नागपुर से आई हो हॉस्पिटल में ही हो अभी राजवीर और मिहिर रुक जाएंगे तुम हमारे साथ घर चलो थोड़ा आराम कर लेना , बहुत थक गई होगी , गायत्री शेखावत ने रिदम का हाथ अपने हाथ में लेकर मुस्कुराते हुए बोली..!!

रिदम ने कहा मुस्कुरा कर,"जी , नहीं मैं बिल्कुल भी नहीं थकी हुं इसके लिए शुक्रिया..!!

ध्रुव ने कहा मज़ाक करते हुए,"दादी रिदम भाभी अभि को छोड़कर नहीं जाना चाहती क्योंकि यहां के डॉक्टर पर उसे भरोसा नहीं है ,मैं सही हुं ..!!

राजवीर ने कहा,"ध्रुव ये वक्त मज़ाक का नहीं है दो दिन से रिदम यही है उसे नींद की जरूरत है अभी ..!!

रिदम ने मन में बड़बड़ाई "मुझे यहां रहना जरूरी है क्योंकि मैं जो मेडिसिन लेकर आई हुं उसे अभि के शरीर और उसे खिलाना जरूरी है मैं यहां से चली गई तो फिर मेडिसिन अधुरी हो जाएगी और अभि के रिकवरी रेट कम हो जाएगी , फिर उसने जल्दी से कहा ,"जी शुक्रिया पर मैं यहां ठीक हुं ,जब जरूरत होगी तो जरूर बोलूंगी अभी मुझे यहां रहना जरूरी है ..!!

कर्नल जनरल शेखावत ने रिदम को देखा और बोला,"ठीक है पति की चिंता सभी पत्नियों को होती है इस वक्त रिदम को भी फ़िक्र हो गई है , अच्छी बात है..!!

इधर हॉस्पिटल के मीटिंग हॉल में सारे सीनियर डॉक्टर और अस्सिटेंट डायरेक्टर के बीच अभिमन्यु के रिकवरी रेट के बारे में गरमागरम बहस हो रही थी और एक सीनियर डॉक्टर ने कहा," कभी कभी पेशेंट की परिवार का कोई भी व्यक्ति पास आए तो उसे खुद ही ठीक होने के लिए संघर्ष करता है जस्ट इसी तरह से कैप्टन अभिमन्यु अपने पत्नी की मौजूदगी के कारण अंदर से संघर्ष कर रहा होगा..!!

दूसरे सीनियर डॉक्टर ने कहा,"ये लॉजिक हो सकती है लेकिन मेडिसिन वही है जो अब तक हम सभी पेशेंट को देते हैं और कैप्टन अभिमन्यु सिर्फ दो दिन में होश आना यहां तक कि उसके जख्म जल्दी भर जाना संघर्ष में शामिल नहीं हो सकता , मेडिसिन अपने तरीके से काम करती है ..!!

इस तरह से एक दिन और बीतने लगा ...

अभिमन्यु अपने बिस्तर पर था और रिदम उसे खाना खिलाने लगी तो अभि ने रिदम के आंखों में देखकर पूछा,"रिदम अच्छा लगा तुम्हें यहां देखकर ,पर मैं तुम्हें लेकर सरप्राइज़ हुं ..!!

रिदम अभि से आंखें चुरा लिया जब वो देखा तो उसने खाना के तरफ देखा और बोली ,"अभि जी मैंने आपके साथ बहुत ग़लत किया क्या आप मुझे बीते दिनों के लिए माफ़ कर सकते हैं ..रिदम ने अभिमन्यु के मुंह तरफ सूप का चम्मच बढ़ाते हुए सवाल कर दिया..!!

अभिमन्यु की आंखें नम हुई और मुंह खोला और सूप पिया फिर दोनों बस एक दूसरे को देखते हुए अपने अपने काम किया ...!!

रिदम को अब मेडिसिन देना था अभिमन्यु को फिर उसने अपने पर्स से कुछ मेडिसिन निकाली और जहां जहां पर अभिमन्यु को जख्म था वहां लगने लगी और जब जलने लगता तो अभिमन्यु कराहा तो रिदम फूंककर मेडिसिन लगाने लगी प्यार से

अभिमन्यु रिदम को देख रहा था उसका दर्द उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था ..!!

रिदम ने नाराज़ होते हुए बोली,"अभि जी क्या सोल्जर को खतरे में रहकर काम करना जरूरी है..??

अभिमन्यु ने मुस्कुराते हुए कहा,"हां ..वो सोल्जर ही क्या जो सीने पर गोली खाने की हिम्मत ना कर सके ,देश की आन बान शान के लिए जितनी बार भी हमें गोली खानी पड़े हम खाएंगे..!!

रिदम ने कहा रुंधे गले स्वर में,"फिर परिवार क्या मायने रखता है सोल्जर के लिए ..??

अभिमन्यु ने फिर कहा मुस्कुराते हुए,"परिवार भी बहुत जरूरी है हमें जिंदा रखने के लिए ,जब हम मिशन में जाते हैं तो लगता है हमारे पीछे हमारे घरवाले इंतजार कर रहे हैं इसलिए आखिरी सांस तक हम अपने आप को जिंदा रखने की कोशिश करते हैं,अभि के बोलते हुए गला भरभरा गया..


रिदम भी कमजोर हो गई और अभि के सीने से लग गई और फिर कहा,"I am sorry ..!!

अभिमन्यु सोच में पड़ गया ये रिदम को अचानक क्या हुआ , शादी के रात कि रिदम से बिल्कुल अलग है ...


कहानी जारी है..


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जय श्री कृष्णना 🙏