Sair Sone Ke Desh Ki in Hindi Travel stories by Prafulla Kumar Tripathi books and stories PDF | सैर सोने के देश की..

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सैर सोने के देश की..

मैंने पत्नी और एक पूरे ग्रुप के साथ 14 से 20 अक्टूबर 2022 में दुबई और अबू धाबी की थी।
आप जानते ही हैँ कि दुबई को सोने का देश भी कहते हैं |हमने यह पाया कि खनिज सम्पदा से सम्पन्न यह देश सुख, समृद्धि और वैभव पर इठला रहा है|
मंगलमय मंगलवार, 18 अक्टूबर 2022: हमलोगों की दुबई अबूधाबी यात्रा जारी है. कल हमलोगों ने दुबई एक्वेरियम और वाटर जू का दीदार किया।आज की इटेरनी में शामिल है-,म्यूजियम आफ़ फ्यूचर,दियेरा सिटी सेंटर,अल सील एरिया...और मन माफिक शापिंग ....स्पेशली गोल्ड.. हां, लंच डिनर दोनों बाहर के किसी होटल में लेना है |
शेख जायद रोड पर ट्रेड सेंटर 2 के पास स्थित यह म्यूजियम आफ़ द फ्यूचर अभी फ़रवरी में दर्शकों के लिए खुला है|कुछ और जानकारी शेयर कर दूं? पढ़ेंगे तो?
Museum of the Future: दुबई (Dubai) में दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर दर्शकों के लिए मंगलवार को खुल गई है. इसके विजिट के दौरान आप बाहर और अंदर में कंस्ट्रक्शन के डिजाइन देख हैरान रह जाएंगे. यह म्यूजियम आम लोगों के लिए 23 फरवरी 2022 से खोला गया है. इसमें एंट्री के लिए टिकट लेना होता है. दुबई स्थित यह म्यूजियम सात मंजिला है. इसकी दीवारों पर दुबई के शासकों के कोट्स अरबी में लिखे हैं. यह दुबई के मुख्य हाईवे शेख जायद रोड पर है. इसमें 345 सीट वाल एक लेक्चर हॉल है. इसमें एक मल्टी यूज हॉल है, जिसमें 1,000 लोग बैठ सकते हैं. इसके टिकट का मूल्य करीब 2942 रुपये है. यह सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहता है .
किला डिजाइन ने इस म्यूजियम की डिजाइन तैयार की है. किला डिजाइन दुबई का स्टूडियो है. इस म्यूजियम को दुबई फ्यूचर फाउंडेशन के लिए बनाया गया है. यह पूरी तरह से फ्यूचर को समर्पित है. यह म्यूजियम विजिटर्स को फ्यूचर की जर्नी पर ले जाएगा. वे साल 2071 तक की टेक्नोलॉजी और दुनिया देख सकेंगे.इसमें इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज को डेवलप और टेस्ट करने के लिए वर्कशॉप की व्यवस्था है. दुबई फ्यूचर फाउंडेशन के चेयरमैन मोहम्मद अल गरगावी के मुताबिक, यह एक लिविंग म्यूजियम है. इस खूबसूरत इमारत की दीवारों पर कई अच्छी बातें लिखी हैं. उनमें से एक यह है हम सैकड़ों साल तक जीवित नहीं रह सकते, लेकिन हमारी रचना से बने प्रोडक्ट्स हमारे दुनिया से चले जाने के बाद भी हमारी विरासत हो सकते हैं.इस म्यूजियम का फ्रेम फाइबर ग्लास और स्टेनलेस स्टील से बना है. नेशनल ज्योग्राफिक पहले ही इसे दुनिया की सबसे खूबसूरत 14 म्यूजियम में शामिल कर चुका है. यह 3,23,000 वर्ग फुट में बना है. यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा के करीब स्थित है|
इन दिनों हमें रोमांच का अनोखा फ्लेवर महसूस हो रहा है क्योंकि विश्व के सैलानियों की मनपसंद जगह पर हम आए हुए हैँ। जब बाहर कहीं घूमने के लिए निकलो तो अक्सर ये होता है कि दिन का फर्स्ट हाफ़ तो ताज़गी वाला होता है लेकिन सेकेंड हाफ में थकान उतरने लगती है| ....लेकिन आश्चर्य! इनदिनों इस देश में सैर करने का अनुभव इससे अलग रहा|
आज 17 अक्टूबर 2022 सोमवार | होटल से ब्रेकफास्ट लेकर हम निकले | हमलोग पहले बुर्ज ख़लीफ़ा देखे | उसके बाद दुबई माल ..
बुर्ज ख़लीफ़ा के लिए टाइम स्लाट लेना पड़ता है इसलिए समय की प्रतिबद्धता रही |लगभग एक घंटे हमने यहां बिताया | दुनिया की सबसे तेज़ गति में 125 वीं मंज़िल ऊपर पहुंचाने वाली लिफ्ट इसमें लगी थी |लिफ्ट आपको आटोमेटिकली 124 तो कभी 125 वीं मज़िल पर उतारती और वापस लाती है |इस माल में सिक्योरिटी चेक अप से गुजरना पड़ा |
बुर्ज ख़लीफ़ा दुबई में आठ अरब डॉलर की लागत से छह साल में निर्मित 828 मीटर ऊँची 168 मंज़िला दुनिया की सबसे ऊँची इमारत है! इसका लोकार्पण 4 जनवरी, 2009 को भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुआ था । इसमें तैराकी का स्थान, खरीदारी की व्यवस्था, दफ़्तर, सिनेमा घर सहित सारी सुविधाएँ मौजूद हैं। इसे 96 किलोमीटर दूर से भी साफ़-साफ़ देखा जा सकता है। इसमें लगायी गयी लिफ़्ट दुनिया की सबसे तेज़ चलने वाली लिफ़्ट है। “ऐट द टॉप” नामक एक दरवाज़े के बाहर अवलोकन डेक तो इतना रोमांचकारी है कि हर आनेवाला उस पर चढ़ता अवश्य है और जब वह तड़तड़ाहट के साथ शीशा टूटने की आवाज़ करता है तो वह हड़बड़ा उठता है | इसका मैनें वीडियो भी बनाया | 124 वीं मंजिल पर इस अजूबे को 5 जनवरी 2010 पर खोला गया था ।
इसके बाद विश्व का एक और आश्चर्य दुबई माल घूमकर, फ़ोटो - शोटो खिंचा कर या खींच कर माल के ही दूसरे तल के फूड जोन में बीकानेर वाले के यहां हमने लंच लिए हैं|
दुबई माल कितना भव्य कितना सुंदर कितना विशाल है शब्दों में बयान करना मुश्किल है| इसकी भी तेज लिफ्ट में सवार होने का अलग ही अनुभव रहा |
शाम 3-30पर अब उसी लक्ज़री बस में सवार होकर याच राइडिंग के लिए हमलोग पोर्ट जा रहे हैं|गाइड मि.शम्मी बता रहे हैं कि अगर ट्रैफिक ज़्यादा मिली तो 45 मिनट नहीं तो 30 मिनट की दूरी तय करनी है |
याच राइडिंग करने वाले हम 21 वरिष्ठ नागरिकों के उत्साह ने थकान को मन और शरीर में उतरने से रोक दिया है| दुबई शहर की सड़कें तरह तरह की गाड़ियों से भरी - भरी हैं लेकिन इतनी सुव्यवस्थित ट्रैफिक कम ही जगहों पर दिखाई देती है| कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं दिखाई देती है| सब कुछ की मानीटरिंग चप्पे पर लगे कैमरे से होती रहती है | यहां की सड़कों के दोनों ओर भव्य शोरूम..जगह जगह बड़े बड़े और ऊंचे ऊंचे फ्लाई ओवर, बड़ी बड़ी होर्डिंग्स, मानो फटा पोस्टर निकला हीरो वाली इस्टाइल की हों, ये होर्डिंग्स रात में और भी जीवन्त और ख़ूबसूरत लगने लगती हैं क्योंकि इन पर बहुत सुंदर लाइटिंग्स होती हैं|
... और अब हमलोग याच पर सवार हो चुके हैं| याच का इंजन स्टार्ट हो चुका है | अब याच गति पकड़ने लगा है...हिचकोले खाता याच , डूब रह सूरज, समन्दर का नीला पानी, लहरों की अठखेलियाँ, झाग बनाती लहरों का उतार- चढ़ाव.....और याच के ऊपरी हिस्से पर सवार होकर मैं आप सभी के लिए अपने मोबाइल पर उंगलियाँ चलाता यह फेसबुक पोस्ट लिख रहा हूं| अभी अभी हमें ठंडा पानी सर्व हुआ है! फिर कहूंगा कि इन सभी आनन्द और रोमांच को शब्दों में बयान करना मुश्किल है, बहुत ही मुश्किल है|
यहां की घड़ी में इस समय शाम के 5-50 हो रहे हैं | आसमान का रंग इस समय नीला, गुलाबी, भूरा और सूरज के इर्दगिर्द लाल हो चला है|तमाम याच एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ करते हुए.. हमारे गाइड वीडियो बना रहे हैं.. मैनें भी लगभग 20 मिनट का वीडियो शूट किया है उसे अलग से दे रहा हूं|...
और यह देखिए इधर सूरज अस्त हो चला और हमारी याच भी अब लगभग दो घंटे की समुद्री सैर करने के बाद वापसी की ओर है... नीचे बैठे सहयात्री ऊपर और ऊपर वाले नीचे जा रहे हैं..गाइड ने कोल्ड ड्रिंक पिलवाकर राहत दी है...स्पीकर पर "नदिया चले ले रे धारा...तुझको चलना होगा" गीत तैरने लगा है...
अपने इस याच राइड के संग्रह हो रहे अनुभव और रोमांच को फ्लेवर देते हुए हम सभी भारतीय यात्री यही सोच रहे हैं कि ज़िन्दगी का क्या ठिकाना.... जाने अब यहां, इतनी ख़ूबसूरत जगह पर आना हो न हो.. ज़िन्दगी को जाने समय मिले न मिले... शायद इसीलिए सभी इस समय को अपनी अपनी स्मृति- मुट्ठी में कस कर बांधने की कोशिश कर रहे हैं!
और अब डेक से " कहीं दूर जब दिन ढल जाए" का गीत हवा में तैर रहा है...
गीत - संगीत का दौर समाप्त हुआ और अब हमारी याच यात्रा भी पूरी हुई|जेटी से लगी याच से हम सभी एक- एक कर उतर रहे हैं|
झिलमिलाती रौशनियों से दुबई की भव्यता एक बार फ़िर नई इबारत लिखती प्रतीत हो रही है| अब शाम के 7-40 हो रहे हैं और हम अपने होटल हयात पैलेस वापस जा रहे हैं |आज का टूर विराम ले रहा है|हमारे गाइड बस में अपने माइक से सभी को कल की इटेनरी बता रहे हैं|कल की यात्रा में फ्यूचर म्यूजियम सहित कुछ और जगहें हैं |और हां, लंच और डिनर दोनों किसी बाहर के होटल में होगा |
कहा गया है..
"इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई। "
अंत में यह भी कहना चाहता हूं,अगर पसन्द आए तो तारीफ़ कीजिये....,
"दिल से मांगी जाए तो,
हर दुआ में असर होता है |
मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,
जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है ! "
अपनी दुबई यात्रा वृत्तान्त को आप तक पहुंचाते हुए मैं एक बार फिर उन खूबसूरत लम्हों में खो गया हूं।
आज है तारीख़ 18 अक्टूबर 2022 और आज दिन की शुरुआत में म्यूजियम आफ़ द फ्यूचर घूमकर अब हम निकल रहे हैं | आज हमारे साथ मिसेज जानू लोकल गाइड की जगह मि. मोहम्मद डी. शेख हैं जो कानवाय टूरिज्म के आपरेशन मैनेजर भी हैं |
आज "म्यूजियम आफ़ द फ्यूचर" देखकर एक बार फिर दुबई या यूं कहा जाय कि यू.ए.ई. के शासकों की दूरगामी सोच और उस दिशा में समर्पित अभियान के लिए सलाम करने का जी हो रहा है|ज्यादातर देश अपनी रोजमर्रा की ही समस्या और उलझनों से किसी तरह निपट रहे हैं, उनके पास यह सोच ही नहीं है कि आनेवाली जेनरेशन के लिए दुनियां और विश्व कैसे सुखदायक और कल्याणकारी हो सकेगा ? हम उस दूरगामी समय की संभावित चुनौतियों से निपटने या उनका बेहतर हल निकालने के लिए अभी से कैसे योजनाएं बना सकते हैं? भविष्य में धर्म या कल्चर बचेगा भी या नहीं?इस देश ने उस दिशा में योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं|
"म्यूजियम आफ़ द फ्यूचर" की इमारत बहुत ही ख़ूबसूरत है|भीड़ को अनुशासित तरीक़े से अंदर प्रवेश और विकास मिल रहा है|Museum of the Future: दुबई (Dubai) में दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत म्यूजियम में विजिट के दौरान हम सभी बाहर और अंदर में कंस्ट्रक्शन के डिजाइन देख कर हैरान हैं....
यह म्यूजियम आम लोगों के लिए 23 फरवरी 2022 से खोल दिया गया था . इसमें एंट्री के लिए टिकट ले लिया है, हमें हाथ में एक बैंड बांध दिया गया है जो जगह जगह प्रवेश करने पर स्कैन हो रहा है . दुबई स्थित यह म्यूजियम सात मंजिला है. इसकी दीवारों पर दुबई के शासकों के कोट्स अरबी में लिखे हैं. यह दुबई के मुख्य हाईवे शेख जायद रोड पर है. इसमें 345 सीट वाल एक लेक्चर हॉल है. इसमें एक मल्टी यूज हॉल है, जिसमें 1,000 लोग बैठ सकते हैं. इसके टिकट का मूल्य करीब 2942 रुपये है. यह सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहता है .
हमें बताया गया कि कैला डिजाइनर ने इस म्यूजियम का डिजाइन तैयार किया है. कैला डिजाइन दुबई का स्टूडियो है. इस म्यूजियम को दुबई फ्यूचर फाउंडेशन के लिए बनाया गया है. यह पूरी तरह से फ्यूचर को समर्पित है. यह म्यूजियम विजिटर्स को फ्यूचर की जर्नी पर ले गया.हम सभी साल 2071 तक की टेक्नोलॉजी और दुनिया देख रहे हैं .इसमें इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज को डेवलप और टेस्ट करने के लिए वर्कशॉप की व्यवस्था भी है. दुबई फ्यूचर फाउंडेशन के चेयरमैन मोहम्मद अल गरगावी के मुताबिक, यह एक लिविंग म्यूजियम है. इस खूबसूरत इमारत की दीवारों पर कई अच्छी बातें लिखी हैं. उनमें से एक यह है हम सैकड़ों साल तक जीवित नहीं रह सकते, लेकिन हमारी रचना से बने प्रोडक्ट्स हमारे दुनिया से चले जाने के बाद भी हमारी विरासत हो सकते हैं.इस म्यूजियम का फ्रेम फाइबर ग्लास और स्टेनलेस स्टील से बना है. नेशनल ज्योग्राफिक पहले ही इसे दुनिया की सबसे खूबसूरत 14 म्यूजियम में शामिल कर चुका है. यह 3,23,000 वर्ग फुट में बना है. यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा के करीब स्थित है|
अब दिन के 1-30 हो रहे हैं और अब हमारी घुमक्कड़ पार्टी के लोग बस से लंच लेने के लिए महाराजभोग होटल जा रहे हैं|
महा राज भोग होटल ने हम सभी को गुजराती व्यंजन परोसा है | राजस्थानी थाली से लगभग मिलता जुलता स्वाद और आइटम |
अब दिन के 3 बज चुके हैं |हम सभी की पेट- पूजा हो चुकी है और हम फिर बस में सवार हो चुके हैं|अगली जगह है डेरा (Deira) सिटी सेंटर माल | इस विशाल माल में हर चीज़ मिल रही है|ग्राउंड फ्लोर पर मोबाइल, लैपटॉप की सैकड़ों दुकानें, फर्स्ट फ्लोर पर केयरफोर (Carrefour) नामक एक बड़ा स्टोर जिसमें हर चीज़ मिल रही है.....आपके लिए क्या लूं?
पुरुष पर्यटक शापिंग में कम रुचि ले रहे हैं और महिला पर्यटक दुगुनी रुचि से शापिंग में लगी हुई हैं|हां, यह ज़रुर है कि वे दिरहम और भारतीय रुपये के जोड़ घटाने में भी उलझ रही हैं| रेडिमेड कपड़े सस्ते हैं और अन्य वस्तुओं का दाम अगर कम नहीं है तो क्वालिटी बहुत अच्छी है|
शाम 5-15 बजे गाइड के निर्देशन में हमलोग वापस होटल की ओर|कुछ लोग ख़ासकर महिलाएं होटल में चाय पीकर टैक्सी से गोल्ड की ख़रीदारी के लिए निकल पड़ी हैं |वहां बड़े वाहन नहीं जा पाते हैं |
एक मज़ेदार बात बताऊं? हमलोगों के साथ एक सह पर्यटक हैं श्री सतेन्द्र जैन जिनको हर कोई मोदी जी मोदी जी कहकर बुलाता है क्योंकि उनका चेहरा मोदी जी से मेल खाता है |
और अब शहरयार साहब का एक शेर आप सभी को सौंपते हुए
"है कोई जो बताए शब के मुसाफ़िरों को ,
कितना सफ़र हुआ है, कितना सफ़र रहा है ! "

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